Ravana
अच्छाई व बुराई: एक सिक्के के दो पहलू
हमारी व्यवहार कुशलता जीवन का वह दर्पण है, इसका जितना अधिक सदुपयोग किया जाता है, जीवन का प्रकाश उतना ही बढ़ता है। किसी व्यक्ति का मूल्यांकन इससे तय नहीं होता कि वो क्या है, बल्कि इस तथ्य से तय होता है कि वह खुद को क्या बनाने की क्षमता रखता है। इंसान का स्वभाव उसकी […]
Read Moreकविता : शोक नहीं, ये दुनिया ख़ुशी मनाये
दुष्कर्म इतने नही करने चाहिए कि मौत आने पर लोगों को त्यौहार के जैसा एहसास भी लगने लग जाये, शोक नहीं, ये दुनिया ख़ुशी मनाये। कोई दुर्दांत डाकू बन लूटता है, माफिया बन जग को सताता है, झूठा सन्त बन दुष्कर्म करता है, पैसे से ग़रीब का खून चूसता है। कविता : हम दुनिया में […]
Read Moreसुखी वैवाहिक जीवन के लिये करें विवाह पंचमी का व्रत एवं पूजन
जयपुर से राजेंद्र गुप्त विवाह पंचमी (श्रीराम जानकी विवाह) मार्गशीष (अगहन) माह की शुक्लपक्ष की पंचमी के दिन त्रेतायुग में भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम और देवी लक्ष्मी की अवतार देवी सीता का विवाह हुआ था। इसलिये हिंदु धर्म में इस दिन का विशेष महत्व हैं। इस दिन को विवाह पंचमी के नाम से भी […]
Read Moreरामराज्य में बाधक रिश्वत-कमीशन खोरी
लोभ का प्रतीक था रावण अहंकार-कुंभकर्ण,काम-मेघनाद चाल रहा हर विभाग को ऊपरी आमदनी लोभ पाप का मूल लोभ पाप की जड़ है, ऐसा मेरे पितामह कहते थे। लोभ की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसका पेट कभी नहीं भरता। ‘जि VVमि प्रति लाभ लोभ अधिकाई’ ज्यों ज्यों लाभ मिलता जाता है,लोभ बढ़ता जाता हैं। […]
Read Moreराम और माता शबरी का मार्मिक संवाद, पढ़कर भर आएंगी आंखें
शबरी बोली, यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो राम तुम यहाँ कहाँ से आते?” राम गंभीर हुए। और कहा, कि”भ्रम में न पड़ो माते ! राम क्या रावण का वध करने आया है? … अरे रावण का वध तो लक्ष्मण अपने पैर से बाण चला कर कर सकता है। राम हजारों कोस चल […]
Read Moreरावण को उसी के ‘मैं’ ने था मारा
तुम्हें लगता है मैंने अहंकारवश श्रीराम से युद्ध किया, लक्ष्मण, मृत्युशैया पर पड़े नाभि में रामबाण लिए कष्ट के साथ बोला रावण। हाँ रावण अहंकार ने ही तुझे ये गति दी, श्रीराम भैया ने ही मुझे आदेश दिया, आपसे शिक्षा प्राप्त करने का वरना, मैं अंत समय में आपके पास न आता। रावण ने हँसते […]
Read Moreइतने राम कहाँ से लाऊँ
कितने रावण आज जलेंगे, कितनी बाहें आज कटेंगी, किस लंका को आग लगेगी, गली गली रावण जलते हैं, हर गाँव शहर लंका जलती है, इतने रावण कहाँ से आये, इतने राम कहाँ से लाऊँ । नशा कर रहा बच्चा, बूढ़ा, रावण बन कर हर वो दौड़ा, गली गली में खुले हैं ठेके, हर दुकान में […]
Read Moreआखिर दशहरे के दिन इन जगहों पर क्यों होती है रावण की पूजा
लखनऊ। दशहरे के दिन रावण का दहन कर विजयादशमी के पर्व को लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं। लेकिन क्या आपको जानते हैं, देश में ऐसी भी कुछ जगह हैं, जहां दशहरे के दिन रावण दहन नहीं किया जाता बल्कि उसकी पूजा की जाती है। आज हम आपको ऐसी ही […]
Read Moreअसत्य पर सत्य की विजय का पर्व है विजय दशमी
- Nayalook
- October 4, 2022
- Fear
- Incontinence
- Ravana
- victory
- violence
श्रीराम ने दशानन को मार कर विजय हासिल की राजागण इसी तिथि मे प्रारंभ करते रहे विजय यात्रा विजय दशमी को क्षत्रिय वीर करते हैं शस्त्र पूजन नीलकंठ दर्शन माना जाता है शुभ जीवन के दश विकारों पर विजय का पर्व है दशहरा बलराम कुमार मणि त्रिपाठी असत्य पर सत्य की विजय का […]
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