Litreture
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प्रेम का भूत (लघुकथा), जानिए कैसे उतरा शादीशुदा युवक के सिर से प्रेम का भूत
लेखक सुरेश चंद्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ समीक्षक- डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी कहानीकार शरद आलोक ने शादीशुदा होने के बावजूद, पराई स्त्री पर डोरे डालने की हसरत रखने वाले राहुल नाम के युवक के सिर से आशिकी का भूत उतारने की घटना की इस लघु कथा में चर्चा की है। कथानक मे राहुल और आर्यन […]
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प्रवासी भारतीय सुरेश चंद्र शुक्ल ‘ शरद आलोक’ नार्वे के ओस्लो शहर मे रहते है। भारत की हर राजनैतिक सामगजिक गतिविधियों पर इनकी नजर रहती है।
प्रवासी भारतीय सुरेश चंद्र शुक्ल ‘ शरद आलोक’ नार्वे के ओस्लो शहर मे रहते है। भारत की हर राजनैतिक सामगजिक गतिविधियों पर इनकी नजर रहती है। शिक्षक,पत्रकार,संपादक,कवि,कहानी कार है। इनके सद्य:प्रकाशित काव्य संग्रह ” जन मन के गांधी पर समीक्षा भारतीय समालोचक डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी ने किया। जन मन के गांधी:कवि-सुरेशचंद्र शुक्ल’ शरद […]
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बुझता दिया तेल की बूंदे पा गया !
के. विक्रम राव आज (29 मई 2024, बुधवार) मेरे 85 बसंत पूरे हो गए। कई पतझड़ भी। कवि कबीर की पंक्ति सावधान करती है, जब वे माटी से घमंडी कुम्हार को कहलाते हैं : “एक दिन ऐसा आएगा, जब मैं रौंदूगी तोय।” चेतावनी है। मगर आस बंधाती है शायर साहिर की पंक्ति : “रात जितनी […]
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लघु-कथाकार नोबेल विजेताः एलिस का चला जाना !
के. विक्रम राव साहित्य के प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार की विजेता एलिस मुनरो का कल (15 मई 2024) कनाडाई नगर ओंतारियों में निधन हो गया। वे 92 वर्ष की थीं। मतिभ्रम से पीड़ित थीं। लघु-कथा लेखिका के रूप में मशहूर एलिस की समता भारतीय लघुकथाकार मुल्कराज आनंद और आरके नारायण से की जाती है। रूसी कथाकार […]
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नार्वे के भारतीय लेखक के दो लघु कथाओं की समीक्षा
समीक्षक: डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी प्रेम प्रस्ताव(लघुकथा) कथाकार-सुरेश चंद्र शुक्ल’ शरद आलोक’ समीक्षक- डॉ ऋषि कमार मणि त्रिपाठी लेखक ने ओस्लो के एक चर्च मे मारिया के पति के अंतिम संस्कार के एक दृश्य का वर्णन किया है। किस प्रकार लोग शामिल हुए,फूलों के गुलदस्तों मे संदेश और श्रद्धांजलि देने वालो के नाम लिखे […]
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चार लघु कथाओं की समीक्षा
समीक्षक: डॉ ऋषिकुमार मणि त्रिपाठी लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ लघु कथा एक झलक लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ साग्न स्टूडेंट टाउन से मशहूर क्लब सेवेन शहर ओस्लो के मध्य रात ग्यारह बजे आगए। डिस्कोथेक के जीवंन्त संगीत आर्केस्ट्रा सभी नि:शुल्क प्रवेश मदिरा पीकर अनजान लड़कियो के बांहो मे बाहें डाले रात भर नाचते। मै […]
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जल की एक बूंद
जल की एक बूंद करती है सृजन रचती है विश्व को । जल की एक बूंद बनती वंश लोचन सीप मे मोती गजमुक्ता चमकाती आनन । जल की एक बूंद करती है प्राणदान बनती चरणामृत विष्णु पदनख की सुरसरिता पालती विश्व को। जल की एक बूंद ऋषियों का अस्त्र थी नयनो की भाषा बच्चों की […]
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नारायण जो हर पल रचते नई कहानी
है अनंत आकाश हमारा घर आंगन. मै चिडिया बन उड़ता रहा गगन में सब दिन| अपने तो मिल सके नहीं पूरे जीवन भर, मै सपने मे सबको अपना मान चुका था ||1|| टूट गया भ्रम जब देखी मैने सच्चाई यहां कागजी नावें चलती हर दरिया में | कश्ती कब पानी मे डूबी समझ न पाया, […]
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तुम्हीं बता दो मेरे ईश्वर
बड़ी कृपा है उस ईश्वर की। बीत गया यह भी दिन बेहतर। पिछला हफ्ता रहा सुखद ही। अगला दिन जाने कैसा हो? दुख सुख के अंतर्द्वद्वों मे। भारी कौन पड़े क्या कम हो? बतला पाना कठिन बंधुवर! प्रति दिन है भूगोल बदलता।। कौन गया है बचा कौन अब। उंगली पर नित नित मैं गिनता।। जो […]
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पुस्तक समीक्षा-संजना,उपन्यास
लेखक : सूर्य नारायण शुक्ल समीक्षक : बीकेमणित्रिपाठी एक भौतिक विज्ञान के अध्येता का उपन्यासकार होना आश्चर्यजनक है। इनके प्रकाशित चौथे उपन्यास ‘संजना’ को मैने पढ़ा,एक बारगी में पढ़ गया। पुस्तक के शीर्षक की सार्थकता प्रमाणित है,क्योकि समूचा उपन्यास ‘संजना’ नाम की पात्रा के ही इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में पाठको मे अगला वृत्तांत जानने […]
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