Litreture

ओशोवाणी: सही जीवन जीने के लिए कैसे बढ़ाएं कदम, जानें रोचक प्रसंग से,
आदमी चाहे तो पशुओं से नीचे गिर जाए और चाहे तो देवताओं से ऊपर उठ जाए। लेकिन ऊपर उठने में चढ़ाई है और चढ़ाई श्रमपूर्ण है। नीचे उतरने में ढलान है, श्रम नहीं लगता। इसलिए आदमी नीचे की तरफ जाना आसान पाता है। जैसे कि कार अगर पहाड़ी से नीचे की तरफ आ रही हो […]
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रामचरित मानस की राह
- Nayalook
- February 8, 2023
- #bhrikuti
- #maryada shriram
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ऐसी भृकुटी तानिये, डट कर नज़र मिलाय। ना जाने किस मोड़ पर, प्रभु द्रोही मिल जाय॥ बड़े बड़ाई ना करैं, बड़े न बोलैं बोल। रहिमन हीरा कब कहे, लाख टका मेरो मोल॥ छमा बड़न को चाहिये, छोटन को उतपात। का रहीम हरि को घट्यौ, जो भृगु मारी लात॥ ‘सही मार्ग पर नहीं है प्राचीन ग्रंथों […]
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परेशान है तो भुक्तभोगी जनता
विजय मलैया, नीरव मोदी व मेहुल चौकसी जैसे अमीरों के घोटालों की है यह एक कहानी, पंद्रह हज़ार की कार थी पुरानी। कार खरीदा भी पंद्रह हज़ार में, और फिर ऑन रिकार्ड कार की कीमत दिखालाई पचास हज़ार, बैंक लोन लिया पैंतालीस हज़ार। लिया क़र्ज़ न भरने से बैंक में उन्हें तब डिफॉल्टर दिखलाया गया, […]
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हमने बिसराया और दुनिया ने अपनाया
बात 1959 या 60 की है। भारत के लेखकों का एक प्रतिनिधिमंडल ईरान गया था। उस समय ईरान में शाह का शासन था और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के कार्यक्रमों में ईरान के शाह से भी मिलने का कार्यक्रम था। शाह से मुलाकात के दौरान एक भारतीय लेखक ने कहा- ” हमारी लंबी गुलामी ने हमें आर्थिक […]
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कविता : मीडिया को ये ज़िम्मेदारी लेनी होगी
आजकल टीवी सीरियल, फ़िल्में और सोसल मीडिया भी अनैतिक शिक्षा के नैतिक स्कूल बन गये हैं, कैसे कैसे दृश्य यहाँ परोस रहे हैं। हिंसा ताण्डव, अशोभनीय संवाद, अपहरण, बलात्कार,चोरी,डकैती और न जाने क्या क्या फूहड़पन, यहाँ देखते हैं बूढ़े, युवा और बचपन। फ़िज़ूल खर्च, सुगम तलाक़, घरेलू कलह,अवैध सम्बंध दिखाये जा रहे हैं, यह सब […]
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कविता : मज़बूत टिके रिश्ते भी हार जाते हैं,
अक्सर जमा शेष को यह समझा जाता है कि यह संतुलन बचा है, वास्तव में यह संतुलन नही होता, बल्कि मेहनत से अर्जित होता है। जिसकी सोच में ही आत्मविश्वास की मज़बूती व महक आ जाती हो, इरादा भी पक्का होता हो, हौसला जितना बुलंद, उतना ही मधुर हो! उसकी नियत में सच्चाई होती है, […]
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मनुष्य के भीतर भगवान और प्रभु दोनों रहते हैं, बस पहचान लेने की शर्त होती है, पढ़ें रोचक प्रसंग
एक कहानी कहूं। पढ़ता था एक चित्रकार के बाबत। एक चित्र उसने बनाना चाहा था मनुष्य के भीतर दिव्य का, डिवाइन का। गया था खोज में। खोज लिया था एक व्यक्ति को, जिसकी आंखों में आकाश के जैसी नीली शांति थी। जिसके नक्श में, जिसकी रेखा-रेखा में कुछ था अलौकिक, संवेदित, जिसको देख कर लगता […]
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जीवन में कई बार पाप भी पुण्य की तरह हो जाता है,
- Nayalook
- December 30, 2022
- Aware
- future
- just
- present
- relationship
मैं तुम से एक कथा कहना चाहूंगा, जो मेरी प्रिय कथाओं में से एक है। मिस्टर गिन्सबर्ग मृत्यु के बाद स्वर्ग पहुंचे। और स्वर्ग में लोगों का विवरण लिखने वाले स्वर्गदूत ने उनका बड़ी प्रसन्नता से स्वागत किया। ‘गिन्सबर्ग, तुम आदमी इतने भले हो कि हम सब तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहे हैं। कृपया आप अपना […]
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कविता: अप्रतिम संदेश का देश भारत
उत्तुंग हिमालय शीश बन खड़ा, सागर वंदन करे चरण रज धोकर, पर्वतराज ऊँचा उठने को कहता है, सागर दिखलाता गहरे लहराकर। सोच समझ है अति ऊँची गहरी, भाव समर्पण का पावन आदर, शिखर शिखर पर सूर्य रश्मियाँ, उषा किरण संग भाल उठाकर। हमें सोच समझ है ये जो कहती हैं, उठती गिरती सुतरल विचलित तरंग, […]
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