Litreture

विश्व हिंदी दिवस पर, प्रणव गुंजार है हिंदी
हिंसा से जिसको दुख होता वह है हिंदुस्थान हमारा। और अहिंसा मे जो जीता ऐसा हिंदू नाम हमारा।। प्रेम भाव से विश्व बनाया वह सच्चिदानंद जग पावन। यहां बाल क्रीड़ा करते हैं बारंबार जन्म ले उन्मन।। कभी राम बन कर आता हैं, कभी कृष्ण बन खेल रचाता। गौएं चरा बजाता वंशी । हलधर हो बलराम […]
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यदि आप साहित्य प्रेमी है तो यह आपके लिए भी जानना है बहुत जरूरी
लोरी के रूप में मां के मुंह से उपजा बाल साहित्य साहित्य अकादेमी दिल्ली का आयोजन अब नजरंदाज हो रहा है बाल साहित्य नया लुक संवाददाता लखनऊ। साहित्य अकादेमी दिल्ली के दो दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन हिंदी संस्थान के निराला सभागार में चले बाल साहिती के सत्रों में संगोष्ठी, काव्य समारोह के संग पुरस्कृत […]
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स्त्री-पुरुष से बाहर कुछ और लोग हैं, उनकी समस्या पर बोलें, तब बदलेगा समाज
मंथन फाउंडेशन के अंतर्गत साहित्य अकादमी दिल्ली में जेंडर इक्वालिटी संगोष्ठी का हुआ आयोजन समाज में स्त्रियों के भीतर की पितृसत्ता को निकलना अधिक कठिन है, मां एक पीढी में बदलाव ला सकती है नया लुक संवाददाता नई दिल्ली। साहित्य से समाज नहीं वरन् समाज से साहित्य है…और इसलिए साहित्य की चर्चा के साथ साथ […]
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कवियत्री अर्चना सिंह को मिला हिंदी काव्य रत्न सम्मान
महराजगंज। जिले की प्रसिद्ध कवियत्री अर्चना सिंह को नेपाल के लुंबिनी में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में सम्मानित किया गया है। नेपाल की प्रसिद्ध संस्था ‘शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल’ द्वारा भाषा तथा साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले रचनाकारों को एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से आज सम्मानित किया गया है। […]
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अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस आज: युवाओं के सपनों को उड़ान देने का दिन
राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद 12 अगस्त, 2024 को विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह दिन दुनिया भर में कुछ युवाओं द्वारा अनुभव की जाने वाली समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए समर्पित है। यह एक ऐसी पहल है जो बच्चों को महत्व देती है और आज […]
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साहित्य में मनभावन सावनः … जब मदमस्त हो खुद गाने लगती है प्रकृति
डॉ. सौरभ मालवीय वर्षा ऋतु कवियों की प्रिय ऋतु मानी जाती है। इस ऋतु में सावन मास का महत्व सर्वाधिक है। ज्येष्ठ एवं आषाढ़ की भयंकर ग्रीष्म ऋतु के पश्चात सावन का आगमन होता है। सावन के आते ही नीले आकाश पर काली घटाएं छा जाती हैं। जब वर्षा की बूंदें धरती पर पड़ती हैं, […]
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प्रेम का भूत (लघुकथा), जानिए कैसे उतरा शादीशुदा युवक के सिर से प्रेम का भूत
लेखक सुरेश चंद्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ समीक्षक- डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी कहानीकार शरद आलोक ने शादीशुदा होने के बावजूद, पराई स्त्री पर डोरे डालने की हसरत रखने वाले राहुल नाम के युवक के सिर से आशिकी का भूत उतारने की घटना की इस लघु कथा में चर्चा की है। कथानक मे राहुल और आर्यन […]
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प्रवासी भारतीय सुरेश चंद्र शुक्ल ‘ शरद आलोक’ नार्वे के ओस्लो शहर मे रहते है। भारत की हर राजनैतिक सामगजिक गतिविधियों पर इनकी नजर रहती है।
प्रवासी भारतीय सुरेश चंद्र शुक्ल ‘ शरद आलोक’ नार्वे के ओस्लो शहर मे रहते है। भारत की हर राजनैतिक सामगजिक गतिविधियों पर इनकी नजर रहती है। शिक्षक,पत्रकार,संपादक,कवि,कहानी कार है। इनके सद्य:प्रकाशित काव्य संग्रह ” जन मन के गांधी पर समीक्षा भारतीय समालोचक डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी ने किया। जन मन के गांधी:कवि-सुरेशचंद्र शुक्ल’ शरद […]
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बुझता दिया तेल की बूंदे पा गया !
के. विक्रम राव आज (29 मई 2024, बुधवार) मेरे 85 बसंत पूरे हो गए। कई पतझड़ भी। कवि कबीर की पंक्ति सावधान करती है, जब वे माटी से घमंडी कुम्हार को कहलाते हैं : “एक दिन ऐसा आएगा, जब मैं रौंदूगी तोय।” चेतावनी है। मगर आस बंधाती है शायर साहिर की पंक्ति : “रात जितनी […]
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लघु-कथाकार नोबेल विजेताः एलिस का चला जाना !
के. विक्रम राव साहित्य के प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार की विजेता एलिस मुनरो का कल (15 मई 2024) कनाडाई नगर ओंतारियों में निधन हो गया। वे 92 वर्ष की थीं। मतिभ्रम से पीड़ित थीं। लघु-कथा लेखिका के रूप में मशहूर एलिस की समता भारतीय लघुकथाकार मुल्कराज आनंद और आरके नारायण से की जाती है। रूसी कथाकार […]
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