Litreture

नये संसद भवन का उद्घाटन
नये संसद भवन का उद्घाटन, चुने हुये प्रधानमंत्री कर रहे हैं, पर विपक्षी बहिष्कार कर रहे हैं, चूँकि राष्ट्रपति आमंत्रित नहीं हैं। संसद जनता की प्रतिनिधि सभा है, सांसद क्षेत्र का प्रतिनिधि होता है, राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होता है, प्रधानमंत्री संसद का नेता होता है। सांसदों को यहीं संसद चलानी है, आज नहीं तो कल […]
Read More
भूरी आंखो वाली लड़की
समीक्षक-डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी भूरी आंखों वाली लड़की शरद आलोक जी की कहानी है ,जो डेढ़ दशक के यूरोपीय देश में प्रवास के दौरान जीवन की स्मृतियों का चित्रण है । प्रस्तुत कहानी हजारों वर्ष पूर्व भारत के पश्चिमोत्तर राजस्थान, पंजाब प्रांत के मूल निवासी मानने वाले घुमंतू रोमा समुदाय जो अफगानिस्तान से […]
Read More
मानवता से बड़ा धर्म नहीं होता है,
यह कटु सत्य है कि अपने स्वार्थ में बिना रिश्ते के रिश्ता बन जाता है, और जरूरत नहीं, तो बना बनाया रिश्ता भी बोझ सा लगने लगता है। भरोसा इंसान का स्वभाव होता है, परंतु यह दुनिया बड़ी अजीब है, कोई भरोसा पाने के लिए रोता है, और कोई भरोसा करके रोता है। जीवन जीना […]
Read More
कविता : अशोक वाटिका में हनुमान
मेरे राम को भजने वाले, क्यों न सामने आते हो। प्रभू मुद्रिका लाने वाले, तुम छिपके कहाँ बैठे हो। माता मैं बजरंगबली हूँ, प्रभू राम का सेवक हूँ, हनूमान है नाम हमारा, अशोक वाटिका में आया हूँ। श्रीराम के चाहने वाले, राम दूत बन आये हो, मेरे राम को भजने वाले, क्यों न सामने आते […]
Read More
कविता : नये नये प्रश्न खड़े हो जाते हैं,
- Nayalook
- May 16, 2023
- #destination accessible
- Human
- life
- World
स्वयं से प्रश्न करोगे तो सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाते हैं, यदि औरों से प्रश्न क़रोगे तो नये नये प्रश्न खड़े हो जाते हैं। ग़लत राह में दौड़ लगाने से अच्छा, सरल मार्ग में धीरे धीरे ही चलना, इससे मंज़िल सुगम्य हो जाती है, होता है सरल गंतव्य प्राप्त करना। ज़्यादा झुक कर रहने […]
Read More
कविता : राम चरित्र मानस-माता कैकेई को करिये दंडित
मातु तात कहँ देहि देखाई। कहँ सिय रामु लखनु दोउ भाई॥ कैकइ कत जनमी जग माझा। जौं जनमि त भइ काहे न बाँझा॥ कुल कलंकु जेहिं जनमेउ मोही। अपजस भाजन प्रियजन द्रोही॥ को तिभुवन मोहि सरिस अभागी। गति असि तोरि मातुजेहि लागी॥ चौदह बरस पादुका आसन। श्रीराम राज्य बैठे सिंहासन ॥ संध्या समय सरयू तट […]
Read More
कविता : आज तो मैंने ऐसा कुछ सीखा है,
- Nayalook
- May 12, 2023
- #bitterness
- #great man
- #Wealthy
- Wise
धरा पर नीम के वृक्ष काटे जा रहे हैं दिलों में कड़वाहट बढती जा रही है। जीभ स्वाद कड़वा होता जा रहा है, वाणी में मधुरता कम होती जा रही है। शरीर में सुगर तो बढती जा रही है, इंसानी ब्लड प्रेशर बढ़ता जा रहा है, मैदानी छाया समाप्त होती जा रही है, हृदयों में […]
Read More
अनुशासन की होती लकीर
- Nayalook
- May 12, 2023
सैनिक आगे आगे आकर करते हैं देश रक्षा में हर रेशक्यू आपरेशन, चाहे देश सीमा की रक्षा में तैनात हों, या आंतरिक सुरक्षा कार्य में तैनात हों। सेना का ट्रक धू धू कर जला आग से, सैकड़ों लोग, कारें, बाइक और बसें, कोई न रुका सैनिकों की मदद को, सारे लोग गुजर रहे थे उसी […]
Read More
कविता : नर वानरहिं संग कहु कैसे
तुलसी ने कहा है मानस में। सीता ने पूँछा जब संशय में॥ नर वानरहिं संग कहु कैसे। कही कथा भई संगति जैसे॥ अंतरु मात्र एकु नर वानर में। पुच्छहीन वानर हैं नर वेश में॥ बड़े मदारी करवाते हैं नर्तन। नहीं करे, उसका महिमामर्दन॥ रामराज्य का स्वप्न सुहाना । दिखा रहे हैं वह गाकर गाना॥ त्याग […]
Read More
कविता : अच्छी संगति : अच्छे विचार
- Nayalook
- May 5, 2023
- #salt water
- #sweet words
- happiness
- Human
- love
- Poetry
जमीन अच्छी हो व खाद अच्छी हो, पर पानी खारा हो, तो फूल नहीं खिलते, वैसे ही भाव अच्छे हों, कर्म भी अच्छे हों, पर वाणी खराब हो, तो रिश्ते नहीं टिकते। इंसान के विचारों का स्तर इंसान की अपनी संगति पर ही निर्भर करता है, हमारी संगति जितनी अच्छी होगी, हम उतने ही विचारों […]
Read More