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पहले अपने गिरेबान में झाँकना सीख लीजिए..

अतुल मलिकराम (लेखक एवं राजनीतिक रणनीतिकार) अंबानी जी ने अपने सागर में से एक गागर पानी निकाला है, सागर भी उन्हीं का, और गागर भी उन्हीं का, लेकिन सारी की सारी समस्या हमें है.. सच में बड़े ही अजीब लोग हैं हम.. आजकल की शादियाँ रीति-रिवाजों पर नहीं, बल्कि दिखावे पर आधारित होती हैं। अच्छे […]

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पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होने का समय, पर्यावरण समस्या और समाधान

डॉ. सौरभ मालवीय भारत सहित विश्व के अधिकांश देश पर्यावरण संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ग्रीष्मकाल में भयंकर गर्मी पड़ रही है। प्रत्येक वर्ष निरंतर बढ़ता तापमान पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। देश में गर्मी के कारण प्रत्येक वर्ष हजारों लोग दम तोड़ रहे हैं। यह सब ग्लोबल वार्मिंग के कारण हो रहा […]

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दो टूकः एक बार फिर योगी बन गए देश में मोदी से बड़ा चेहरा

राजेश श्रीवास्तव वर्ष 2006 में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत तत्कालीन केंद्र की मनमोहन सरकार ने एक कानून बनाया था कि दुकान खोलने वाले को अपनी दुकान से संबंधित जानकारी अपनी दुकान के बोर्ड पर डिस्पले करनी होगी और ऐसा न करने वाले को दस लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। लेकिन इस कानून को […]

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संघ और यूपी बीजेपी क्यों आज साथ नहीं बैठ पाये

अजय कुमार,लखनऊ उत्तर प्रदेश की सियासत आजकल लगातार हिचकोले ले रही है। विपक्ष तो बीजेपी के अंतर्कलह का मजा ले ही रहा है. संघ और बीजेपी के नेताओं में भी मतभेद बढ़ता जा रहा है.इसी बीच संघ और यूपी बीजेपी की दो दिवसीय बैठक जो आज यानी कि 20 जुलाई से शुरू होने वाली थी,उसके […]

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तीन साल में योगी कितने बदल पायेंगे हालात

अजय कुमार,लखनऊ लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में काफी नुकसान उठाना पड़ा। यूपी की वजह से केंद्र में मोदी की पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बन पाई,जो बीजेपी यूपी में 80 सीटें जीतने का सपना पाले हुए थी,वह 33 सीटों पर सिमट गई।बीजेपी का ग्राफ इतनी तेजी से गिरा की अब […]

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चरण सिंह के करीबी ब्रम्हदत्त की पुस्तक “फाइब हेडेड मांस्टर” में है इमरजेंसी का सच

यशोदा श्रीवास्तव 18 वीं लोकसभा के चुनाव से लेकर मोदी के नेतृत्व में सरकार गठन तक किसी एक मुद्दे को लेकर बवाल मचा तो वह था संविधान! चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से संविधान की रक्षा का कंपेयन चलाया गया तो भाजपा की ओर से कांग्रेस से ही संविधान को खतरा बताया गया। मोदी […]

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बड़ा सवालः शुगर जैसी जानलेवा बीमारी की दवायें इतनी महंगी क्यों?

फार्मा कम्पनियों के रोज रेट बढ़ाने पर लगाम क्यों नही? शुगर की गोली, इन्सुलिन को जीवनरक्षक की श्रेणी में क्यों नहीं लाती सरकारें? GST से केवल राष्ट्रीय सुरक्षा ही नहीं, नागरिकों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा भी जरूरी विजय श्रीवास्तव भगवान के बाद धरती पर अगर किसी को भगवान का दर्जा मिला है तो वे डॉक्टर […]

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गुजारा भत्ता: 40 साल बाद ‘पलटा’ गया एक फैसला

जब हुकूमत बदलती है तो संवैधानिक संस्थाओं का कामकाज का तरीका और नजरिया भी बदल जाता है। याद कीजिए मोदी सरकार के आने से पूर्व तक कैसे अयोध्या में रामलला के जन्म स्थान,वाराणसी के ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद और मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लटकाया जाता रहा था। कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने पर खूब-खराबे […]

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ओशो की यह वाणी पढ़कर आँखें हो जाएँगी नमः स्त्री इतनी कामुक कभी भी नहीं है, जितने पुरुष कामुक हैं

स्त्री की कामवासना को अगर न जगाया जाए तो स्त्री कभी आतुर नहीं होती। स्त्री को दी गईं गालियां, अपमान, अशोभन शब्द अब तक सदव्यवहार क्यों? आचार्य रजनीश ‘ओशो’ अगर स्त्रियों के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना दुर्व्यवहार है, तो मैं ज़रूर दुर्व्यवहार करता हूं। अब तक साधु–संत स्त्रियों के साथ घृणा का व्यवहार करते रहे […]

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बीएल की UP समीक्षाः ठेकेदारी में गुजराती दबदबे के खिलाफ उठे स्वर पर चुप्पी साध गए संतोष

मनोज श्रीवास्तव लखनऊ। साल 2019 की अपेक्षा 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सीटें आधा होने से परेशान नेतृत्व ने संगठन में सबसे सामर्थ्यवान कहे जाने वाले महामंत्री संगठन को उत्तर प्रदेश में हुई हार का कारण जानने आये थे। लेकिन टीम गुजरात के दबदबे के खिलाफ उठे सवालों […]

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