selfishness

Litreture

कविता: दस अवगुण रावण रूपी

रावण जले, न जले, इसकी कोई चिंता फ़िक्र बिलकुल नहीं करना, पर हमारे अंदर श्रीराम जिंदा रहें, इसका हर हाल में ध्यान रखना । सीता की अग्नि परीक्षा भी तो सदियों से ली जाती आयी है, सीताओं को अग्नि परीक्षा देने में कभी हिचक तक भी नहीं आई है। देखो ! यह अग्नि परीक्षायें अब […]

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कविता : बोया पेंड़ बबूल का आम कहाँ से होय

करता था सो क्यों किया, अब करि क्यों पछताय। बोया पेड़ बबूल का आम कहां से खाये॥ बुरा मत सोचो, बुरा मत कहो और बुरा मत देखो, गांधी जी के तीनों बानरों, जैसा सबका जीवन होय, किसी का बुरा जो सोचना अपना बुरा ही होय, औरों का भला करो तो, अपना भला भी होय ॥ […]

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कविता : दस अवगुण रावण रूपी

रावण जले, न जले, इसकी कोई चिंता फ़िक्र बिलकुल नहीं करना, पर हमारे अंदर श्रीराम जिंदा रहें, इसका हर हाल में ध्यान रखना । सीता की अग्नि परीक्षा भी तो सदियों से ली जाती आयी है, सीताओं को अग्नि परीक्षा देने में कभी हिचक तक भी नहीं आई है। हो सके तो यह अग्नि परीक्षा […]

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