Envy
Litreture
कविता : बोया पेंड़ बबूल का आम कहाँ से होय
करता था सो क्यों किया, अब करि क्यों पछताय। बोया पेड़ बबूल का आम कहां से खाये॥ बुरा मत सोचो, बुरा मत कहो और बुरा मत देखो, गांधी जी के तीनों बानरों, जैसा सबका जीवन होय, किसी का बुरा जो सोचना अपना बुरा ही होय, औरों का भला करो तो, अपना भला भी होय ॥ […]
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Litreture
कविता : सबका मालिक एक है,
ब्रह्माण्ड रचयिता ने अपने सृजन में, विश्व के कुछ देवदूतों को चुना होगा, विविधता से युक्त धर्मों व पंथों का पर्यटक अग्रदूत बनाकर भेजा होगा। उसके उद्देश्य विश्व के मानव जगत में, शान्ति व सौहार्द की स्थापना रहे होंगे, और यही दूत पर्यटन के साथ शान्ति सौहार्द के संदेश लेकर निकले होंगे। कालांतर में धर्म […]
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