Goswami Tulsi Das
गोस्वामी तुलसी दास की 526वी जयंती पर विशेष : जीवन जीने की कला सिखाता है ‘रामचरितमानस’
तुलसी के मानस से मिली स्वाधीनता संघर्ष को दिशा समाज को लेकर सत्ता चलेगी तो होगा रामराज्य युग कोई भी हो दैत्यों और देवताओं का संघर्ष हर युग मे चला है। सत्ता का संघर्ष स्वर्ग लोक मे जैसे चल रहा,ऐसे ही मृत्युलोक में।यहां पहले से राजतंत्र था पर आजादी के बाद वर्तमान मे लोकतंत्र का […]
Read Moreचैत्र शुक्ल पूर्णिमा है हनुमत अवतरण दिवस
श्रीराम के परम भक्त~अंजनी नंदन श्री हनुमान जी प्रभु श्रीराम के अनन्य सेवक हैं। अपने गुरु सूर्य से दीक्षा लेने के बाद गुरु दक्षिणा स्वरूप उन्हीं के अंश सुग्रीव के सेवक हैं। यह सुग्रीव की प्रभु श्रीराम से मैत्री कराने वाले हैं। पहली बार जाना कि राम- सुग्रीव की मैत्री अग्नि को साक्षी देकर हुई […]
Read Moreरामराज्य में बाधक रिश्वत-कमीशन खोरी
लोभ का प्रतीक था रावण अहंकार-कुंभकर्ण,काम-मेघनाद चाल रहा हर विभाग को ऊपरी आमदनी लोभ पाप का मूल लोभ पाप की जड़ है, ऐसा मेरे पितामह कहते थे। लोभ की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसका पेट कभी नहीं भरता। ‘जि VVमि प्रति लाभ लोभ अधिकाई’ ज्यों ज्यों लाभ मिलता जाता है,लोभ बढ़ता जाता हैं। […]
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