God
कविता : प्रकृति का अद्भुत कारनामा
प्रकृति का अद्भुत कारनामा है कि, हर चीज़ टूटकर सुंदर परिणाम देती है, बादल फटते हैं तब बारिस होती है, खेत जोतकर ज़मीन उपजाऊ होती है। फसल की मिंजाई अनाज देती है, बीज फटकर नयी पौध उगती है, जीव का आवरण टूटता है जब, तब नये जीव की उत्पत्ति होती है। कोई भी महसूस करे […]
Read Moreकविता : नदी न अपना जल स्वयं पीती है,
दूसरे के चेहरे पर हँसी, जीवन में ख़ुशी लाने की जो सोच रखता है, वह व्यक्ति स्वयं भी खुश रहता है, और दूसरों को भी खुश रखता है। ईश्वर उसके जीवन में कभी हँसी और ख़ुशी कम नहीं होने देता है, वह अपने जीवन में सफलता की हर ऊँचाई को प्राप्त कर लेता है। प्रकृति […]
Read Moreसंत सेन जी महाराज की जयंती पर जानिए रोचक कथा
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता भक्तमाल के सुप्रसिद्ध टीकाकार प्रियदास के अनुसार संत शिरोमणि सेन महाराज का जन्म विक्रम संवत 1557 में वैशाख कृष्ण-12 (द्वादशी), दिन रविवार को वृत योग तुला लग्न पूर्व भाद्रपक्ष को चन्दन्यायी के घर में हुआ था। बचपन में इनका नाम नंदा रखा गया। वह क्षेत्र जहां सेन महाराज रहते थे सेनपुरा […]
Read Moreकविता : अमीर गरीब और समय
सदैव स्मरण रहे कि ज़िंदगी खाने के लिये नहीं, खाना ज़िंदगी जीने के लिये है, किंवदंती है कि ऋषि चरक ने प्रश्न किया, जीवन भर कौन व्यक्ति स्वस्थ रहता है? विद्वान वाग्भट ने उत्तर दिया कि, “हितभुक, मितभुक, ऋतभुक”, यानी हितकारी, मितकारी एवं उचित तरीक़े से ही पाने वाला। अर्थात् अपनी प्रकृति के अनुसार हितकारी, […]
Read Moreवस्त्र परमात्मा है, अन्न भगवान है
हमारी छोटी आँखें जो आसमान के तारे देखने की ताक़त रखतीं हैं, जीवन जीने की चाहतें विषमताओं में भी जीवन खुशनुमा बना सकती हैं। जिसे सदा मुस्कुराने की आदत है, उसके सारे दुख ख़ुशी बन जाते हैं, गुज़र जाते हैं ख़ुशनुमा लमहे भी, बंद राहों की तरह रोड़े लग जाते हैं। कहते हैं भूखे भजन […]
Read Moreकविता: प्रेम की पहचान
- Nayalook
- March 12, 2023
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कबीर लहरि समंद की, मोती बिखरे आई । बगुला भेद न जानई, हंसा चुनि-चुनि खाई ॥ समुद्र की उफनती लहरो में क़ीमती मोती आ आ करके बिखरते रहते हैं, बगुले को मोती की परख नहीं होती है, इसलिए उनका भेद नहीं जान पाते हैं । हंस मोती चुन लेता है क्योंकि उसे मोती की पहचान […]
Read Moreकविता : सम्भाल लेते हैं हमारी हर व्यवस्था
शिक्षा, विनम्रता, बुद्धि, साहस, सद्कर्म, सत्य व ईश्वर में आस्था, मुसीबत में हमारे ख़ुद के यह सद्गुण, सम्भाल लेते हैं हमारी हर व्यवस्था। जो सफलता प्राप्त कर लेता है, वह शान्तचित्त रह मुस्कुराता है, मुस्कुराने से समस्या हल हो जाती है, और शांति से समस्या दूर रहती है। इंसान प्रेम की मूर्ति हो, खूबसूरत हो, […]
Read Moreओशो वाणी जानिए क्या होता है ढाई आखर के प्रेम का मर्म
छोटा सा ‘प्रेम’ शब्द है–ढ़ाई आखर प्रेम के… कोई बड़ा शब्द नहीं है, छोटा सा। ‘इक लफ्जे-मोहब्बत का अदना ये फसाना है!’ उसकी छोटी सी कहानी है, मगर उससे बड़ी और कोई कहानी नहीं। उस छोटे से शब्द में सब समा गया है–सारे शास्त्र! कबीर ने कहाः ढाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय। […]
Read Moreकविता : हरि नाम सदा जपिये जपिये
हृदय और मस्तिष्क दोनों ही उस परमात्मा के घर होते हैं, कूड़े करकट से मत भरिये, इन्हें स्वच्छ रखिये रखिये॥ प्रभु का घर यह पावन मन, दुरभाव-द्वेष न इसमें भरिये, फिर से नर देह मिले न मिले, प्रभु नाम यहाँ धरिये धरिये॥ ये भी पढ़ें कविता : उधार का एहसान श्रुतियुक्त नीति अपनाइयेगा, सत्कर्म धर्म सदा […]
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