devotion

Litreture

 कविता : हरि नाम सदा जपिये जपिये

हृदय और मस्तिष्क दोनों ही उस परमात्मा के घर होते हैं, कूड़े करकट से मत भरिये, इन्हें स्वच्छ रखिये रखिये॥ प्रभु का घर यह पावन मन, दुरभाव-द्वेष न इसमें भरिये, फिर से नर देह मिले न मिले, प्रभु नाम यहाँ धरिये धरिये॥ ये भी पढ़ें कविता : उधार का एहसान श्रुतियुक्त नीति अपनाइयेगा, सत्कर्म धर्म सदा […]

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प्रेम एवं परवाह

प्रेम और परवाह इस जीवन के अनुपम उपहार होते हैं, सारे मानव, सारे जीव, सारे वनस्पति इनके हक़दार होते हैं। सबको प्रेम व परवाह मिले, सारे जग की यही रीति हो, पर सबको सबसे प्रेम, परवाह मिले, इसकी न कोई उम्मीद हो। नज़दीकी बढ़ने से मिल जाती हैं यूँ ही कुछ चीज़ें जीवन में, जैसे […]

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