God
प्रेम-विवाह और ज्योतिषीय योग…
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता प्रेम हृदय की एक ऐसी अनुभूति है जो हमें जन्म से ही ईश्वर की ओर से उपहार स्वरूप प्राप्त होती है। आगे चलकर यही प्रेम अपने वृहद स्वरूप में प्रकट होता है। प्रेम किसी के लिए भी प्रकट हो सकता है। वह ईश्वर, माता-पिता, गुरु, मित्र, किसी के लिए भी उत्पन्न […]
Read Moreडॉ. त्रिपाठी की मदर-इन-लॉ का देहांत
लखनऊ। राष्ट्रपति के पूर्व ओएसडी डॉ. कन्हैया त्रिपाठी की मदर-इन-लॉ ऊषा शुक्ला का देहांत एक दिसम्बर को हो गया है। वह 60 वर्ष की थीं और लंबे समय से बीमार थीं। उनका निधन गुजरात के सूरत में हुआ। डॉ. त्रिपाठी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में कहा है […]
Read Moreकविता: कुसंस्कारों का त्याग करना है
ईश्वर का दर्शन और सन्त का मार्ग दर्शन जीवन को आलोकित करते हैं, ईश्वर दर्शन हो जायँ तो आत्मशुद्धि, संतों के दर्शन हों तो मन शुद्ध होते हैं। एक भोला भाला सामान्य इंसान ही जीवन का असल आनंद ले सकता है, बहुत ही ज्यादा समझदार व्यक्ति तो फायदे नुकसान में ही उलझा रहता है। कविता […]
Read Moreरामराज्य में बाधक रिश्वत-कमीशन खोरी
लोभ का प्रतीक था रावण अहंकार-कुंभकर्ण,काम-मेघनाद चाल रहा हर विभाग को ऊपरी आमदनी लोभ पाप का मूल लोभ पाप की जड़ है, ऐसा मेरे पितामह कहते थे। लोभ की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसका पेट कभी नहीं भरता। ‘जि VVमि प्रति लाभ लोभ अधिकाई’ ज्यों ज्यों लाभ मिलता जाता है,लोभ बढ़ता जाता हैं। […]
Read Moreकविता : हवा हवायें हैं, सब हवा हवायें हैं
- Nayalook
- November 11, 2022
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हवा हवायें हैं,सब हवा हवायें हैं, हवा हवायें हैं, सब हवा हवायें हैं। सारे वादे, सारे नारे बस हवा हवायें हैं, कोई कहता है हम करके दिखलायेंगे, कोई कहता पहले कर दिखलाये हैं, हवा हवायें हैं, सब हवा हवायें हैं। हवा हवायें हैं, सब हवा हवायें हैं। धन अर्जन इतिहास सत्य अत्यंत, अजब अन्वेषण, […]
Read Moreकविता : एक व्यथा कथा
जब मुझे पर्याप्त आत्मविश्वास मिला तो मंच खत्म हो चुका था, जब मुझे हार का यकीन हो गया मैं अप्रत्याशित रूप से जीत गया था। जब मुझे लोगों की जरूरत थी, तब उन्होंने मुझे छोड़ दिया था, जब रोते हुये मेरे आँसू सूख गए तो सहारे के लिए कंधा मिल गया था। जब मैंने नफरत […]
Read Moreहृदय रेखा तब होती है भाग्यशाली
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की हथेली में मौजूद रेखाएं और चिन्ह को पढ़कर भविष्य को जान सकते हैं। साथ ही उसके चरित्र या भविष्य के जीवन का मूल्यांकन भी कर सकते हैं। हथेली में मौजूद सभी प्रमुख रेखाओं में से एक है हृदय रेखा। यह रेखा सबसे छोटी उंगली के […]
Read Moreकविता : भूखे भजन न होहिं गोपाला
भूखे भजन न होहिं गोपाला। ले तेरी कंठी ले तेरी माला ॥ कोई कैसे यह बात मान ले। कोई कैसे कोई वृत रख ले। आज निर्जला वृत है महिलाओं का, पूरा दिन परिवृता वह निराहार रहेंगी, भूखी दिन भर रहकर पति की रक्षा का वह दिन भर ईश्वर का भजन करेंगी। खुद वह भूखी प्यासी […]
Read Moreकविता : कद्र सद्गुणों, सत्कर्मों से होती है
हर व्यक्ति में कुछ अच्छाइयाँ व कुछ न कुछ बुराइयाँ होती ही हैं, जो तराश कर आगे ले आता है, उसको अच्छाइयाँ नज़र आती हैं। पैसा, ग़ैर की पसंद व बीते कल की, कमियाँ इंसान को नियंत्रित करती हैं, जिसे बुराइयों की तलाश होती है, उसे बस ख़ामियाँ ही नज़र आती हैं। पेंड़ पौधों की […]
Read Moreस्मृतियों का एहसास कराती है,
स्मृतियों की सुखद याद बेलों की तरह हृदय में जड़ें जमाती रहती हैं, कालान्तर में यह बेलें उपवन बन, स्मृतियों का एहसास कराती रहती हैं। स्मृतियाँ ये सुखद फलों की जिस मिठास की तब अनुभूति कराती हैं, आजीवन के लिये अंतर्मन में अपनों की स्नेहिल प्रतिमायें रच-बस जाती हैं। जीवन में सब कुछ अस्थायी होता […]
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