स्मृतियों का एहसास कराती है,

कर्नल आदि शंकर मिश्र
कर्नल आदि शंकर मिश्र

स्मृतियों की सुखद याद बेलों की
तरह हृदय में जड़ें जमाती रहती हैं,
कालान्तर में यह बेलें उपवन बन,
स्मृतियों का एहसास कराती रहती हैं।

स्मृतियाँ ये सुखद फलों की जिस
मिठास की तब अनुभूति कराती हैं,
आजीवन के लिये अंतर्मन में अपनों
की स्नेहिल प्रतिमायें रच-बस जाती हैं।

जीवन में सब कुछ अस्थायी होता है,
यह सूर्योदय, सूर्यास्त हमें बतलाते हैं,
खुश रहें जीवन में सूर्य यात्रा के जैसे,
चंद्रमा कलाओं से जैसा आनंद पाते हैं।

कविता : दस अवगुण रावण रूपी

प्रार्थना के वक्त किसी का मंदिर
में होना आवश्यक नहीं होता है,
किंतु उस के मन मंदिर में ईश्वर
का होना अति आवश्यक होता है।

उम्र से क्या लेना देना, जहां विचार
मिलते हैं वहां सच्ची मित्रता होती है,
मन:स्थिति से क्या लेना जब मन में,
ईश्वर की प्रतिमा उपस्थित होती है।

हम सब आत्मा की गहराई से जानते हैं,
कि समझ ज्ञान से ज्यादा गहरी होती है,
आदित्य बहुतेरे मित्र हमें जानते होंगे,
पर कुछ ही ऐसे होंगे जो समझते होंगे।

 

Litreture

चार लघु कथाओं की समीक्षा

समीक्षक: डॉ ऋषिकुमार मणि त्रिपाठी लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ लघु कथा एक झलक लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ साग्न स्टूडेंट टाउन से मशहूर क्लब सेवेन शहर ओस्लो के मध्य रात ग्यारह बजे आगए। डिस्कोथेक के जीवंन्त संगीत आर्केस्ट्रा सभी नि:शुल्क प्रवेश  मदिरा पीकर अनजान लड़कियो के बांहो मे बाहें डाले रात भर नाचते। मै […]

Read More
Litreture

जल की एक बूंद

जल की एक बूंद करती है सृजन रचती है विश्व को । जल की एक बूंद बनती वंश लोचन सीप मे मोती गजमुक्ता चमकाती आनन । जल की एक बूंद करती है प्राणदान बनती चरणामृत विष्णु पदनख की सुरसरिता पालती विश्व को। जल की एक बूंद ऋषियों का अस्त्र थी नयनो की भाषा बच्चों की […]

Read More
Litreture

नारायण जो हर पल रचते नई कहानी

है अनंत आकाश हमारा घर आंगन. मै चिडिया बन उड़ता रहा गगन में सब दिन| अपने तो मिल सके नहीं पूरे जीवन भर, मै सपने मे सबको अपना मान चुका था ||1|| टूट गया भ्रम जब देखी मैने सच्चाई यहां कागजी नावें चलती हर दरिया में | कश्ती कब पानी मे डूबी समझ न पाया, […]

Read More