Hunger Bhajan
Litreture
कविता : भूखे भजन न होहिं गोपाला
भूखे भजन न होहिं गोपाला। ले तेरी कंठी ले तेरी माला ॥ कोई कैसे यह बात मान ले। कोई कैसे कोई वृत रख ले। आज निर्जला वृत है महिलाओं का, पूरा दिन परिवृता वह निराहार रहेंगी, भूखी दिन भर रहकर पति की रक्षा का वह दिन भर ईश्वर का भजन करेंगी। खुद वह भूखी प्यासी […]
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