ego

Litreture

कविता: दस अवगुण रावण रूपी

रावण जले, न जले, इसकी कोई चिंता फ़िक्र बिलकुल नहीं करना, पर हमारे अंदर श्रीराम जिंदा रहें, इसका हर हाल में ध्यान रखना । सीता की अग्नि परीक्षा भी तो सदियों से ली जाती आयी है, सीताओं को अग्नि परीक्षा देने में कभी हिचक तक भी नहीं आई है। देखो ! यह अग्नि परीक्षायें अब […]

Read More
Litreture

कविता : झूठे बोल अमीर के जी हाँ जी हाँ होय

कही जो बात गरीब ने सत्य न माने कोय। झूठे बोल अमीर के जी हाँ, जी हाँ होय॥ मान नहीं इंसान का धन पद का है होत। सत्य झूठ की जाँच भी धन पद से ही होत। सर्दी गर्मी देखकर वस्त्र बदलते लोग, हर स्थित के वस्त्र हों ऐसा हो संयोग। ऐसी मर्ज़ी प्रभू की […]

Read More
Litreture

अहंकार के जाने के बाद ही मन में प्रेम के भाव उपजते हैं: ओशो

अहंकार और प्रेम एक साथ नहीं हो सकते। अहंकार भी अंधकार की भांति है। वह प्रेम की अनुपस्थिति है, वह प्रेम की एब्‍सेंस है। वह प्रेम की मौजूदगी नहीं है। हमारे भीतर प्रेम अनुपस्थित है इसलिए हमारे भीतर ‘मैं’ का स्वर, ‘मैं’ का स्वर बजता चला जाता है, बजता चला जाता है। और हम इस […]

Read More
Litreture

जन्मोत्सव पर विशेष : जन्म-मृत्यु के पार,

ओशो के साथ-साथ एक नया अध्याय आरंभ हुआ, एक ऐसा अध्याय जो अतीत की किसी धार्मिक परंपरा या श्रृंखला की कड़ी नहीं, बल्कि जिसने एक नये मनुष्य का, एक नये जगत का सूत्रपात किया। मध्य प्रदेश के कुचवाड़ा गाँव में 11दिसंबर, 1931 को जन्मे ओशो का बचपन का नाम रजनीश चंद्रमोहन जैन था। 21 मार्च […]

Read More
Litreture

कविता : ज्ञान का एहसास

धन दौलत से सुविधायें तो मिलती हैं सुख मिलता है अपनों के प्यार से, सुविधाओं से सुःख मिलता तो किसी को दुःख क्यों मिलता इस संसार से। रिश्ते वही कामयाब होते हैं जो सभी तरफ से निभाये जाते हैं, केवल एक तरफ़ सेंकने से तो कोई रोटी भी नहीं बना पाते हैं। दिल से अच्छे […]

Read More
Litreture

कविता : भगवान के घर देर है, अन्धेर नहीं है

फल फूल मिठाई लेकर मंदिर जाते हैं, तो यह सब पूजा सामग्री कहे जाते हैं, पूजा के बाद मंदिर से वापस आते हैं, तो यह सब भोग प्रसाद बन जाते हैं।                                 मंदिर जाने व वापस आने के बीच हुआ […]

Read More
Analysis

दशहरा: मानव सभ्यता के इतिहास का विजय पर्व

दशहरा। मानव सभ्यता के इतिहास का विजयपर्व। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि बहुत विशिष्ट है । देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। राम ने भी शक्तिपूजा से देवी दुर्गा […]

Read More