योगी की हनक से पस्त हुआ एक और माफिया का गढ़, इस बार स्क्रैप माफिया को चटाया धूल

  • लक्ष्मी सिंह ने जाते ही उसके अवैध साम्राज्य को बनाया निशाना
  • नोएडा के स्क्रैप माफिया रवि काना की साइड स्टोरी, जानें कैसे बना वो स्क्रैप किंग

नोएडा से नया लुक के प्रमुख संवाददाता विनय सिंह की रिपोर्ट

वो सत्ता के साथ झंडा बदलने में माहिर है। शातिर इतना कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR का बेताज बादशाह। स्क्रैप के कारोबार ने उसे लाखों करोड़ों से अरबों का आदमी बना दिया। जिस खेल में वो हाथ डालता, वहां का सुपर स्टार रहता। लेकिन वक्त का पहिया घूम गया। जिस प्रशासन को वो अपने शातिराना अंदाज से नचा रहा था, उसने भौंहें टेढ़ी कर ली। और आज रवि काना और उसके काली कमाई की सल्तनत करीब करीब नेस्तनाबूद होने की कगार पर है।

मिली जानकारी के अनुसार रवि अपनी गर्लफ्रेंड काजल झा के साथ बैंकाक में रह रहा था जिसे वहां की स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया। बताते चलें कि रवि का भाई पहले नोएडा के एक गांव का प्रधान था। समय बदला और नोएडा हाईटेक शहर में तब्दील हो गया। प्रधानी जाने के बाद इन लोगों ने अपना कार्य करने का ढंग बदला और स्क्रैप के कारोबार में उतर आए। बिजनेस अगर सत्ता के रसूख में पनपे तो काफी बड़ा हो सकता है और यही रवि काना के साथ हुआ। तत्कालीन सपा सरकार में इसने अपनी भाभी बेबन नागर को फिट किया और अपनी गाड़ी NCR से दिल्ली तक सरपट दौड़ाई। नोएडा के बड़े बड़े बिल्डर इसके साथ हो लिए, फिर क्या इसके कई बिजनेस फलने फूलने लगे। लेकिन कहते हैं सफलता को पचाना भी कठिन होता है यही रवि के साथ हुआ। वह पैसे, पॉवर और प्रतिष्ठा से बौखला गया। पुलिस कमिश्नर से लेकर जिलाधिकारी से इसके अच्छे संबंध हो गए थे। लेकिन यहीं से दुश्मनी पनपी और वो सलाखों के पीछे पहुंच गया।

रवि काना उर्फ रवि नागर और उसकी गर्लफ्रेंड काजल झा

सुंदर भाटी की अदावत भी पड़ी भारी

स्क्रैप के बिजनेस में पहले रवि का छोटा भाई हरेंद्र प्रधान संभालता था। किंतु व्यापारिक रंजिश के कारण गैंगस्टर सुंदर भाटी ने एक शादी समारोह में हरेंद्र प्रधान की गनर समेत हत्या कर दी। ये कांड दिल्ली/NCR का चर्चित मर्डर केस था। बाद में हरेंद्र प्रधान के बड़े भाई रवि काना समेत उसके चचेरे भाइयों ने राजकुमार, विकास एवं आजाद ने बतौर चश्मदीद गवाही दी एवं सुंदर को आजीवन कारावास की सजा हुई। उसके बाद रवि ने जान माल का डर दिखा कर हाईकोर्ट से सरकारी गनर के तौर पर सुरक्षा मांगी। बड़े केस में चश्मदीद होने के नाते करीब 16 पुलिस जवान हरेंद्र प्रधान की विधवा बेबन नागर समेत पूरे कुनबे की सुरक्षा में तैनात हुए। इसी रसूख का बेजा फायदा उठाकर उसने व्यापारियों को डराना धमकाना शुरू किया। कुछ दिन बाद उसने बंदूक के धौंस पर स्क्रैप का कारोबार बड़ा कर लिया और कुछ दिनों में ही स्क्रैप किंग बन गया। सूत्र बताते हैं की सुंदर से अदावत भी इसके लिए भारी पड़ी। हालाकि रवि के खिलाफ़ एफआईआर होने के लगभग सात महीने पहले ही सरकारी गनर छीन लिए गए थे।

नोएडा का सबसे बड़ा गैंगस्टर सुंदर भाटी, जिसकी अदावत रवि को पड़ी भारी

सरकार के साथ बदलती रही पार्टी, दोस्त भी बदले

साल 2017 में रवि काना अपनी बहू बेवन नागर को सपा के टिकट पर लखनऊ विधानसभा भेजना चाहता था, लेकिन स्थानीय राजनीति ने गच्चा दिया और बेवन का टिकट गया। तभी यूपी में सपा का सफाया हो गया और प्रदेश का माहौल भगवामय हो गया। मौके की नज़ाकत भापते ही रवि ने बेवन को सपा से बीजेपी में शामिल करा दिया। फिर उसने कइयों विधायक और सांसदों से संबंध बनाना शुरू कर दिया। लोग कहते हैं की तत्कालीन कमिश्नर नोएडा आलोक सिंह का विश्वास जीतकर रवि ने अपना वर्चस्व और पैसा दोनों खूब बढ़ाया। किंतु यह खबर योगी आदित्यनाथ तक पहुंची और अपराध के दुश्मन योगी आदित्यनाथ अपनी भरोसेमंद एवं विश्वस्त अफसर लक्ष्मी सिंह को नोएडा पुलिस कमिश्नर बना कर भेज दिया। यहीं से रवि और उसके अवैध साम्राज्य के उल्टे दिन चालू हो गए। अब उसकी करीब 500 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त हो चुकी है और वो खुद सलाखों के पीछे पहुंच गया।

सुविधा शुल्क के आगे आईजी जेल के आदेश का कोई मायने नहीं

गैंगस्टर रवि और उसकी गर्लफ्रेंड काजल थाईलैंड से गिरफ्तार, महीनों से थे फरार

पश्चिम का सबसे बड़ा स्क्रैप माफिया और गैंगस्टर रवि काना जो महीनो से फरार था, जिसकी तलाश नोएडा पुलिस को साल 2024 के जनवरी माह से ही थी। वह कुछ दिनों पहले थाईलैंड से अपनी गर्लफ्रेंड काजल झा के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। बताते चले कि नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह लगातार थाईलैंड पुलिस के संपर्क में थी एवं अपराधियों पर नजर बनाए हुए थी। बताते चले कि नोएडा पुलिस जल्द ही रवि को भारत लाने की कार्रवाई कर रही है। कुछ महीनों पहले रवि की पत्नी मधु भी दिल्ली एयरपोर्ट से विदेश से दिल्ली आते हुए गिरफ्तार हुई थी। हालाकि अब वह कोर्ट से जमानत पर बाहर हैं। नोएडा पुलिस द्वारा रवि काना समेत छह लोगों पर एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म का मामला तो दूसरी तरफ 16 लोगों पर गैंगस्टर में मुकदमा दर्ज हैं। गैंग के काफी लोग फरार चल रहे थे। किंतु जैसे ही इसके गैंग के करीबी और इनामी बदमाश गिरफ्तार हुए तब पुलिस की नजरें रवि काना पर लग गई। कुछ दिनों पहले हाईकोर्ट इलाहबाद ने भी रवि की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कोर्ट में जो वकालतनामा है, उसमे भी फर्जी साइन हैं। साथ ही हाईकोर्ट में दर्ज सभी रिट या तो खारिज हुई हैं या तो लंबित हैं। गैंग के सभी लोग जेल में हैं, और अब रवि की गिरफ्तारी से मुश्किलें और बढ़ेंगी।

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कौन हैं रविंद्र नागर उर्फ़ रवि काना

रवि काना नोएडा के दादूपुर का रहने वाला हैं। उसका छोटा भाई हरेंद्र प्रधान पहले स्क्रैप का काम करता था। और वर्ष 2015 में आपसी रंजिश में गैंगस्टर सुंदर भाटी ने एक शादी समारोह में हरेंद्र प्रधान की हत्या उसके गनर समेत कर दी थी। तब रवि काना,उसके चचेरे भाई आजाद, विकाश और राजकुमार की गवाही पर सुंदर भाटी को आजीवन कारवास की सजा हुई थी। किंतु जबसे तेजतर्रार पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह आई इसकी उल्टी गिनती चालू हो गए।

फोन की जिम्मेदारी से दूर रहते हैं जिम्मेदार अफसर

नोएडा की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह

इस बाबत जब कमिश्नर नोएडा लक्ष्मी सिंह के CUG नंबर पर फोन किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ या तो काट दिया गया। उसके बाद नया लुक संवाददाता ने मामले की अध्यक्षता कर रहे एडीसीपी सऊद मियां खान को फोन किया तो उन्होंने प्रेस कान्फ्रेस का हवाला देकर बाद में कॉल बैक करने का आश्वासन दिया। किंतु जब काफी घंटे बाद भी उनकी कॉल बैक नही आई तो उन्हें फिर कॉल बैक किया, लेकिन उन्होंने कोई बात नही की। खबर लिखे जाने तक दोनों ही अधिकारी से बातचीत नही हो सकी।

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