Vedic Astrology
ज्योतिष में दशाओं का महत्व
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता ज्योतिष में दशाओं का महत्वपूर्ण स्थान है और व्यक्ति के जीवन के संपूर्ण घटनाक्रम में यह अपना विशेष प्रभाव डालती हैं। यह दशाएं ग्रहों द्वारा गत जन्म के कर्मफलों को इस जन्म में दर्शाने का माध्यम है। महादशाओं के गणना की पद्धति में नक्षत्रों पर आधारित दशा पद्धतियाँ अधिक लोकप्रिय हैं। […]
Read Moreवैशाख अमावस्या आज है जानिए शुभ समय व महत्व और पूजा विधि…
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता वैशाख अमावस्या वैशाख के हिंदू महीने में आने वाली अमावस्या का दिन है जो आमतौर पर अप्रैल या मई में होती है। यह दिन हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में बहुत महत्व रखता है, क्योंकि यह वैशाख के नए चंद्र महीने की शुरुआत का प्रतीक है। वैशाख अमावस्या के दौरान, कुछ […]
Read Moreकुंडली में यदि बुध ठीक है तो, जीवन में सब कुछ ठीक है बुध खराब तो, सब कुछ खराब!
डॉ उमाशंकर मिश्र ज्योतिष में बुधवार का दिन नवग्रहों में राजकुमार माने जाने वाले बुध देवता की पूजा के लिए समर्पित है। यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होकर अशुभ फल प्रदान कर रहे हों तो आप बुधवार के दिन इन सरल 15 उपायों में से कोई एक उपाय करके उस अशुभता को दूर […]
Read Moreकुण्डली का दशम यानी कर्म भाव: कैरियर के साथ साथ वित्तीय स्थिति और सामाजिक प्रतिष्ठा को भी दर्शाता है
जयपुर से राजेंद्र गुप्त वैदिक ज्योतिष के मुताबिक कुंडली में दशम भाव काफी महत्व रखता है। इस भाव को ज्योतिष में कर्म भाव भी कहा जाता है। दशम भाव जातक के कर्म को निर्धारित व नियंत्रित करती है। इसके अलावा भी दशम भाव कुंडली व जातक पर अलग प्रभाव डालता है। वैदिक ज्योतिष में भाव […]
Read Moreकुंडली का छठा भाव: रोग रिपु ऋण के अलावा यह जातक में इनके प्रबंधकीय क्षमता को भी इंगित करता है,
जयपुर से राजेंद्र गुप्त वैदिक ज्योतिष में कुंडली में छठा भाव क्या है? यह आपके जीवन के किस पहलु को नियंत्रित करता है? छष्ठम भाव का कुंडली में क्या महत्व है? यह भाव जातक के व्यक्तित्व व व्यवहार को किस तरह बदल सकता है? इसके साथ ही ज्योतिष में इस भाव को किन चीजों से […]
Read Moreक्या है नवांश कुण्डली का महत्व और प्रभाव
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता वैदिक ज्योतिष में नवमांश कुण्डली को कुण्डली का पूरक माना गया है। यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कुण्डली मानी जाती है क्योंकि इसे लग्न कुण्डली के बाद सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। जहां लग्न कुण्डली देह को दर्शाती है वहीं नवमांश कुण्डली आत्मा को अभिव्यक्त करती है। पराशर संहिता अनुसार व्यक्ति की […]
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