birth chart
कुंडली में यह योग बना देता है जातक को प्रसिद्ध और ज्ञानी
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता जब बृहस्पति हंस महापुरुष योग बनाते हैं तो अति शक्तिशाली परिणाम देते हैं। इस योग वाले व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा बहुत ऊंची हो जाती है। व्यक्ति शिक्षा सम्बन्धी कार्य या प्रवचन करता है। लोग उससे सलाह लेने आते हैं। जन्म पत्रिका के शक्तिशाली योगों में से एक है हंस महापुरुष योग। […]
Read Moreश्रेष्ठ भविष्यवक्ता बनने के लिए आपकी कुंडली में होने चाहिए ये योग
- Nayalook
- May 26, 2023
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जयपुर से राजेंद्र गुप्ता आज जैसे-जैसे विज्ञान प्रगति के सोपान चढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे ज्योतिष व विज्ञान का फासला कम होता जा रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले कुछ दशकों में ज्योतिष विज्ञान के रूप में प्रसिद्धि पा लेगा। लेकिन यह तभी संभव है, जब श्रेष्ठ व विद्वान ज्योतिषीगण ज्योतिष कार्य […]
Read Moreज्योतिष में क्या होती है योगिनी दशा? कौन-सी योगिनी दशा होती है शुभ
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता ज्यादातर ज्योतिषी जातक के वर्तमान व भविष्य के बारे में जन्म कुंडली, गोचर व विंशोत्तरी दशाओं से भविष्यफल बताते हैं लेकिन एकाध ज्योतिषी ही हैं जो जातक के भविष्यफल कथन में योगिनी दशाओं की भी सहायता लेते हैं। यूं विंशोत्तरी दशा को सर्वत्र ग्राह्य व मान्य किया जाता है किंतु विंशोत्तरी […]
Read Moreमुंथा क्या है और इसको अपनी कुण्डली में कैसे देखें?
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता वर्ष कुण्डली में गणना के संदर्भ में मुंथा का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। जन्म कुण्डली में मुन्था सदैव लग्न में स्थित रहती है और हर वर्ष यह एक राशि आगे बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए यदि किसी का जन्म मेष लग्न में हो तो जातक के जन्म समय मुन्था […]
Read Moreकुण्डली का दशम यानी कर्म भाव: कैरियर के साथ साथ वित्तीय स्थिति और सामाजिक प्रतिष्ठा को भी दर्शाता है
जयपुर से राजेंद्र गुप्त वैदिक ज्योतिष के मुताबिक कुंडली में दशम भाव काफी महत्व रखता है। इस भाव को ज्योतिष में कर्म भाव भी कहा जाता है। दशम भाव जातक के कर्म को निर्धारित व नियंत्रित करती है। इसके अलावा भी दशम भाव कुंडली व जातक पर अलग प्रभाव डालता है। वैदिक ज्योतिष में भाव […]
Read Moreजन्म कुंडली के दोष दूर कर देते हैं त्रिकोण में बैठे बलवान ग्रह
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रह, 12 राशियां और 12 भावों को मिलाकर जन्मकुंडली बनाई जाती है। कुंडली के 12 भावों में सभी का अलग-अलग नाम और महत्व होता है। किसी भी कुंडली का फलादेश करने में लग्न के बाद सबसे अधिक महत्व त्रिकोण स्थानों को दिया जाता है। कुंडली का 5वां […]
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