कविता : औषधि होता है सबकी मदद करना

कर्नल आदि शंकर मिश्र
कर्नल आदि शंकर मिश्र

केवल गोली, टेबलेट, कैप्सूल या
इंजेक्शन ही औषधि नहीं होते हैं,
रात में जल्दी सोना, ब्रह्ममुहूर्त में
जल्दी उठना औषधि से होते हैं।

रोज़ व्यायाम, ध्यान मनन करना,
योग, प्राणायाम, उपवास करना,
हँसना, हँसाना और खुश रहना भी,
औषधि होता है सबकी मदद करना।

अनुशासित जीवन चर्या, ख़ान पान
शुद्ध रखना, सकारात्मक सोच रखना,
प्रकृति की सुंदरता औषधि होते हैं,
रवि रश्मियों से ऊर्जा प्राप्त करना।

ताज़े फल, फूल, हरी  सब्ज़ी,
दूध, दही, घी व शुद्ध शाकाहारी,
भोजन जीवन जीने के लिए करें,
श्री अन्न, मोटा अनाज खूब खायें।

कविता : आधुनिकता ने ढीट बना डाला है,

वर्तमान में, हर हाल में खुश रहना,
सबसे प्रेमभाव रखना, मित्रता बढ़ाना,
बाज़ार का जंक फ़ूड नहीं ख़ाना,
औषधि होता है चिंता रहित रहना।

नंबर वन होने का चस्का मत पालें,
यह निंदिया में ख़लल डालता है,
नींद नहीं आने पाती है तो आदित्य,
कोई किसी काम का नहीं रह पाता है।

 

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