sages
Litreture
जल की एक बूंद
जल की एक बूंद करती है सृजन रचती है विश्व को । जल की एक बूंद बनती वंश लोचन सीप मे मोती गजमुक्ता चमकाती आनन । जल की एक बूंद करती है प्राणदान बनती चरणामृत विष्णु पदनख की सुरसरिता पालती विश्व को। जल की एक बूंद ऋषियों का अस्त्र थी नयनो की भाषा बच्चों की […]
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Litreture
कविता : मेरी छत पर ये तिरंगा रहने दो
मेरा दीपक हवा के खिलाफ कैसे और क्यों कर जलता है, क्योंकि मैं तो अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में शोर मत मचाओ, जाति धर्म के रंग में मत बाँटो मेरी छत पर ये तिरंगा रहने दो। रावण दहन के पहले रावण का निर्माण हम सब स्वयं करते हैं, आश्चर्यजनक है कि अपने अंदर छिपे […]
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