जब अपने पर भरोसा होता है,
जज्बात जीत पाने का होता है,
क्योंकि भाग्य साथ दें या ना दे,
पर वक्त तो अवश्य बदलता है।
रात भर नींद आये या न आये,
सपने आते हैं और बदलते हैं,
मंज़िल और राहें वही रहती हैं,
मंज़िल के राही बदलते रहते हैं।
माला रुद्राक्ष की हो या मोती की,
कद्र व पूजा इनकी ही जाती है,
धागे की कद्र कहाँ कोई करता है,
जिसको पिरोए रखना आदत होती है।
हाथी अपनी चाल चलता रहता है,
कुत्ते भौंकते रहे क्या फ़र्क़ पड़ता है,
दुर्जन दुष्टता जब नहीं छोड़ता है,
सज्जन सज्जनता नहीं छोड़ता है।
भलाई कर भला सबका होगा,
बुराई कर तो हमारा बुरा होगा,
इसीलिये बुराई के बदले भलाई
कर तो भी आदित्य भला होगा।
कभी तो सामने आकर नेकी कर,
अपने हाल पर बाक़ी सब छोड़कर,
आदित्य सबके हाल जान लीजिये,
सुख-दुख एक दूजे का बाँट लीजिये।