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Litreture

कविता : प्रेम, दया, आशीर्वाद गिनते रहिये

बीत गया जो, बदला कैसे जायेगा, मंतव्य वास्तविकता कैसे बतलाएगा, मंज़िल अलग, गंतव्य एक होता है, बीती बिगड़ी बातें भी बनते देखा है। सकारात्मक सोच सदा सदैव, हमें सकारात्मकता ही देती है, जो चीज़ किसी और को देते हैं, वही हम तक लौट फिर आती है। हार मान कर संघर्षों से बैठ जाओगे तो जीवन […]

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हाथी अपनी चाल चलता रहता है,

जब अपने पर भरोसा होता है, जज्बात जीत पाने का होता है, क्योंकि भाग्य साथ दें या ना दे, पर वक्त तो अवश्य बदलता है। रात भर नींद आये या न आये, सपने आते हैं और बदलते हैं, मंज़िल और राहें वही रहती हैं, मंज़िल के राही बदलते रहते हैं। माला रुद्राक्ष की हो या […]

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कविता: वक्त ज़रूरत पर जब अकेला पाया

कुछ लोग आगे पीछे रहते हैं, हँसते खेलते समय बिताते हैं, इसका तात्पर्य यह नहीं होता है, कि ऐसे सब लोग सच्चे मित्र हैं। इस बात का ध्यान रखना होगा, कि लोग मीठा मीठा बोलते हैं, सुबह शाम गुण गान करते हैं, अन्त में अपना रंग दिखा देते हैं। मुझे बहुत अच्छा लगता था सभी […]

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कविता : पतवार संभाल के चलाना पड़ता है

धूप छाँव से डरने वाले कृषक की फसल बो कर तैयार कहाँ होती है, डर डर तैराकी की कोशिश करने वाले की नदिया पार कहाँ होती है। हवाई जहाज़ उड़ाना सीखने वाले पाइलट को दिल थामना पड़ता है, नदी में नौका खेने वाले नाविक को, पतवार सम्भाल के चलाना पड़ता है। पिपीलिका दाने ले लेकर […]

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