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Litreture

आदित्य पिता ईश्वर का ही रूप है,

पिता की उम्मीद उसकी संतानें हैं, वही पिता की हिम्मत, विश्वास हैं, पिता दिखते सख्त अंदर से नर्म हैं हृदयंगम रखते वे कई एक मर्म हैं। संतान का संघर्ष पिता का हौसला, झंझावाती आंधियों में छत्रछाया है, समस्या से लड़ने की अद्भुत काया हैं, एक महारथी जैसी तीर कमान हैं। बचपन की खुशी का खिलौना […]

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Central UP

स्वस्थ्य मनोरंजन से नैतिक विकास

डॉ दिलीप अग्निहोत्री जीवन में शिक्षा आवश्यक है। लेकिन नैतिकता का महत्व इससे भी अधिक है। क्योंकि नैतिकता के अभाव में शिक्षा और ज्ञान कल्याणकारी नहीं हो सकता। लखनऊ में CMS द्वारा प्रतिवर्ष बाल फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसमें बच्चों को निःशुल्क बाल फ़िल्में दिखाने की व्यवस्था की जाती है। ऐसी सभी […]

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Litreture

कविता : जिसके अंतर्मन में द्वंद्व न हो,

कहते हैं ‘संघर्ष ही तो जीवन है’, जिसमें भावना नहीं, वह मृत है, जो हार मान कर चुप हो जाये, जीवन गतिविधि ठप हो जाये। ऐसा जीवन मृत प्राय सरिस है, जिसके अंतर्मन में द्वंद्व नहीं हो, वह मानव बस जीवित पत्थर है, जिसमें जिज्ञासा का भाव नहीं हो। कविताओं के पेजों को हर दिन […]

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