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प्रधानमंत्री जिसे भाग्य ने ठगा! मगर था वह अद्भुत, लासानी!!
के. विक्रम राव अंकगणितीय तरीके से मोरारजीभाई देसाई केवल एक चौथाई बार ही वर्षगांठ मना पाए। वे 29 फरवरी 1896 को जन्मे थे। यह तारीख चार साल बाद ही आती है। कल पड़ी थी। वे अपना शताब्दी वर्ष भी नहीं मना पाए। उनका निधन हुआ जब वह 99 वर्ष के थे। इतिहास याद रखेगा कि […]
Read Moreएक उपेक्षित उपन्यासकार की बरसी!
के. विक्रम राव पिछली सदी में एक साहित्यसेवी हुये थे। नाम था ”कान्त”। कुशवाहा कान्त। पाठक उनके असंख्य थे। सभी उम्र के। गत वर्ष के नौ दिसम्बर पर उनकी 103वीं जयंती पड़ी थी। विस्मृत रही। आज (29 फरवरी) उनकी जघन्य हत्या की 70वीं बरसी होगी। भरी जवानी में वे चन्द प्रतिद्वंदियों की इर्ष्या के शिकार […]
Read Moreआस्था से खिल्ली न करें ! संवेदना से फूहड़पन होगा!!
के. विक्रम राव मान्य अवधारणा है की दैवी नाम केवल मनुष्यों को ही दिए जाते हैं। मगर सिलिगुड़ी वन्यप्राणी उद्यान में शेर और शेरनी का नाम अकबर और मां सीता पर रख दिया गया। भला ऐसी बेजा हरकत किस इशोपासक को गवारा होगी ? अतः स्वाभाविक है कि सनातन के रक्षक विश्व हिंदू परिषद ने […]
Read Moreस्मृति शेष : हिंदी के वैश्विक उद्घोषक, बहुत याद आयेंगे अमीन सयानी
संजय तिवारी (21 दिसंबर 1932 – 20 फरवरी 2024) विश्व में हिंदी के लोकप्रिय रेडियो उद्घोषक अमीन सयानी अब नहीं रहे। अपनी आवाज में यादों का सागर छोड़ कर उन्होंने विदा ले ली है। उन्होंने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में प्रसिद्धि और लोकप्रियता हासिल की जब उन्होंने रेडियो सीलोन के प्रसारण पर अपने बिनाका गीतमाला कार्यक्रम […]
Read Moreगुलजार को मंडित करके विद्यापीठ ऊंचा हो गया!
के. विक्रम राव मुकफ्फा (अनुप्रास) विधा के लिए मशहूर सिख शायर, पाकिस्तान से भारत आए, एक बंगभाषिनी अदाकारा राखी के पति सरदार संपूरण सिंह कालरा उर्फ गुलजार को प्रतिष्ठित पुरस्कार देकर श्रेष्ठ संस्था भारतीय ज्ञानपीठ ने हर कलाप्रेमी को गौरवान्वित किया है। भारतीयों को इस पर नाज है। वस्तुतः हर पुरस्कार गुलजार के पास आते […]
Read Moreमुंबई की शाम, पुष्पाजी के नाम! व्यास सम्मान समारोह पर!!
के. विक्रम राव मुंबई में डॉ. पुष्पा भारती को जब व्यास सम्मान से कल (11 फरवरी 2024) नवाजा गया तो कई यादें फिर उकेरी गईं, उकेली भी। ठीक उनकी पुरस्कृत रचना “यादें, यादें, यादें” की भांति। उपलक्ष्य और उपलब्धि में बड़ा तालमेल रहा। जब केके बिडला फाउंडेशन के निदेशक सुरेश रितुपर्ण डॉ. पुष्पा भाभी को […]
Read Moreपित्सा, पराठा और हम! विश्व खाद्य दिवस पर!!
कल (9 फरवरी 2024) विश्व पित्सा दिवस था। पित्सा अथवा पिज़्ज़ा यूरोपियन आत्मबंधु है पराठे का। इटली में जन्मा यह पराठा कर्नाटक के सागरतट पर अवतरित हुआ था। भले ही दोनों में दूरी हजारों मीलों की हो, पर साम्य बहुत है। इतिहास भी सदियों पुराना। एक समानता है दोनों में। भारत में बनने वाले पित्सा […]
Read Moreपवार हारे वार! ऊंट आया पहाड़ तले!!
अंगूर के उत्पादक, किसान नेता शरदचंद्र गोविंदराव पवार, अब किसमिस के व्यापारी हो जाएंगे। द्राक्ष्य सूख गया। निर्वाचन आयुक्त के कल के (सात फरवरी 2024) निर्णय के बाद। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (रांकापा) अब उनकी नहीं रही। ठीक 25 वर्ष बीते, शरद पवार ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (10 जून 1999) तोड़ डाली थी। हालांकि यह […]
Read Moreकांग्रेस के लिए 24 की सबसे बड़ी चुनौती
कांग्रेस पार्टी के लिए 2024 का चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इससे पहले 2014 और 2019 में पार्टी ने बुरी तरह से हार का सामना किया है। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने पार्टी को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि पार्टी के नए अध्यक्ष […]
Read Moreपारिवारिक संस्कृति कैसे अनुकूल बने?
21वीं सदी में मुश्किलें बढ़ीं एकल परिवार भी असंतुष्ट पति -पत्नी और बच्चे असंतुलन के शिकार किसी पात्र में दूषित जल भरा है,तो गंगा जल डालने पर भी वह दूषित ही बना रहेगा। उस पात्र में गंगा जल की पवित्रता बनी रहे ,इसके लिए पहले पात्र मे पहले से भरा दूषित जल उलट कर गिराना […]
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