#Jalan

Analysis

एक उपेक्षित उपन्यासकार की बरसी!

के. विक्रम राव  पिछली सदी में एक साहित्यसेवी हुये थे। नाम था ”कान्त”। कुशवाहा कान्त। पाठक उनके असंख्य थे। सभी उम्र के। गत वर्ष के नौ दिसम्बर पर उनकी 103वीं जयंती पड़ी थी। विस्मृत रही। आज (29 फरवरी) उनकी जघन्य हत्या की 70वीं बरसी होगी। भरी जवानी में वे चन्द प्रतिद्वंदियों की इर्ष्या के शिकार […]

Read More