- हत्याकांड के आरोपी ने लगाई फांसी, परिजनों ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
- पुलिस का दावा सबूत के आधार पर भेजा था सलाखों के पीछे
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। कुख्यात से लेकर आम बंदियों के लिए जेल सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन इसी आधुनिक व सुरक्षित मानी जाने वाली लखीमपुर-खीरी जिला जेल में रहस्यमय तरीके से एक बंदी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। लखीमपुर-खीरी जिले के धौरहरा थाना क्षेत्र स्थित माधौपुरवा गांव निवासी 28 वर्षीय सुरेश कुमार वर्मा को धौरहरा पुलिस ने हत्या के आरोप में जेल भेजा था। लाखों के पीछे पहुंचा सुरेश किसी तरह रात गुजारी और शुक्रवार सुबह तड़के वह जेल के भीतर खुदकुशी कर ली। आत्महत्या किए जाने की खबर मिलते ही जेल प्रशासन के होश उड़ गए और आनन-फानन में मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन कर इसकी सूचना घरवालों को दी। यह सुनते ही घरवालों में कोहराम मच गया और भागकर मौके पर पहुंची और इंस्पेक्टर धौरहरा पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
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मृतक सुरेश वर्मा के भतीजे विवेक कटियार के मुताबिक इंस्पेक्टर धौरहरा शिवाजी दुबे ने सुरेश वर्मा को तीन दिनों तक हवालात बंद कर उसे तरह-तरह की यातनाएं दी और छोड़ने के लिए मोटी रकम की मांग की थी। आरोप है कि रूपए लेने के बाद भी सलाखों के पीछे भेज दिया था। घरवालों ने ने इंस्पेक्टर शिवाजी दुबे पर अवैध वसूली, मारपीट और झूठे केस में फंसाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले ने तूल पकड़ लिया तो स्थानीय विधायक और समाजवादी पार्टी के सांसद भी परिजनों से मिलने पहुंचे।
वहीं इंस्पेक्टर धौरहरा शिवाजी दुबे का दावा है कि सुरेश कुमार वर्मा को हत्या के मामले में पूरे सबूत मिले थे, जिसके आधार पर गिरफ्तार कर अदालत पेश किया गया था। जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया के मुताबिक शुक्रवार सुबह करीब चार बजे सुरेश वर्मा का शव जेल के शौचालय में गमछे से लटकता मिला। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
