वार्डर-हेड वार्डर संवर्ग के तबादलो में हुई जमकर उगाही
स्थानांतरण सत्र में हुए सैकड़ों की संख्या में हुए तबादले
आर के यादव
लखनऊ। न बाप बड़ा न भईया, सबसे बड़ा रुपइया…यह कहावत जेल विभाग के अधिकारियों पर एकदम फिट बैठती है। अधिकारियों ने वार्डर-हेड वार्डर के तबादलो में मोटी रकम लेकर ऐसे वार्डर को कमाऊ जेलों पर तैनात कर दिया गया। यह मामला विभागीय सुरक्षाकर्मियो में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। चर्चा है मोटी रकम देने वाले वार्डर को नियमो को ताक पर रखकर कमाऊ जेलों पर तैनात कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक वार्डर-हेड वार्डर के तबादलो में जेल अफसरों ने जमकर वसूली की। मोटी रकम लेकर वार्डरों को मनमाफिक जेलों पर तैनाती दी गयी है। यही नही पचास पचास हज़ार रुपये लेकर वार्डरों को गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, मुरादाबाद जैसी कमाऊ जेल पर तैनाती दे दी गयी। सूत्रों का कहना है आईजी जेल ने डीआईजी मुख्यालय अरविंद कुमार सिंह के अध्यक्षता में एक डीआईजी शिवहरि मीना व अधीक्षक मुख्यालय अनिल गौतम की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी को वार्डर-हेड वार्डर के तबादलों के लिए अधिकृत किया गया था।
सूत्रों का कहना है कमेटी के सदस्यों ने जेल मुख्यालय में तैनात बाबुओं के माध्यम से वार्डरों के मनमाफिक तबादले के नाम पर जमकर वसूली की गई। बताया गया है मुख्यालय से सम्बद्ध वार्डर नेता के माध्यम से मोटी रकम लेकर वार्डरों को कमाऊ जेलों पर तैनात कर दिया गया। सूत्रों की मानें तो इनसे पचास पचास हज़ार रुपये वसूल किये गए है। शासन की जारी स्थानांतरण नीति को नजरअंदाज कर किये गए तबादलो ने जेल अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है। तबादलों से आक्रोशित वार्डरों ने किये गए तबादलो की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उधर इस संबंध में तबादला कमेटी के अध्यक्ष डीआईजी मुख्यालय अरविंद कुमार सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने लगाए गए आरोपों को ही नकार दिया। उन्होंने कहा नियमानुसार ही तबादले किए गए हैं।
शिकायत लेकर दर्जनों वार्डर पहुंचे जेल मुख्यालय
आईजी जेल की वार्डर-हेड वार्डर तबादलों के लिए गठित कमेटी के मनमाने तरीके से किए गए तबादलों से वार्डर संवर्ग के सुरक्षाकर्मियों में खासा आक्रोश दिखाई पड़ा। बेतरतीब तरीके से किए गए तबादलों को लेकर करीब एक दर्जन से अधिक वार्डरो ने डीआईजी जेल मुख्यालय से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। फिलहाल यह वार्डर तबादला बदलवाने के लिए सत्ता के गलियारों विधायक मंत्रियों के साथ जेल मुख्यालय के बाबुओं के चक्कर काट रहे हैं।