मीडिया दिवस 30 मई पर विशेष : यह है पत्रकार

डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी
डॉ ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी

धरती की पीड़ा,
अधर्म की बढ़त,
संकट मे जन जीवन,
असंतोष- अत्याचार
बढ़ रही हो उल्टी बयार
तो दे जानकारी राजा को
क्या है?
सामाजिक यथार्थ।
यह है पत्रकार।
सत्य का अन्वेषण

भ्रष्ट प्रशासन का सच,
राजा का अत्याचार,
आम जनता की सोच,
भय,भूख,असंतोष ,
शिक्षा का अभाव,
स्वास्थ्य सेवा का हाल,
सुरक्षा खामियां तलाशे,
अपराध के नियंत्रण पर रखे ध्यान।
वह है पत्रकार।

बदलता कानून,मिटते सुकून,
आम जनजीवन,
के बढ़ते जुनून।
गरीब की आवाज,
महिला की इज्जत-
करुणा का गान,
बेहतर कार्यों के बखान,
करे सो है पत्रकार।
गलत का खंडन,
सच का मंडन।
सत्य शि्व सुंदर का,
करे अभिनंदन ,
सो है पत्रकार।।

आयोजन का प्रभाव,
व्यवस्था में क्या रहा अभाव
वक्ता की वाणी,
अन्न जल पानी-
बिगड़ते माहौल,
संवरते जन जीवन,
जन्म,जीवन,मरण
के कारण तलाशे,
उपाय सुझाये,
चर्चा करे,
वह है पत्रकार।।

रहता निर्लोभी,
असत्य का विरोधी,
क्रांति का दूत,
शांति का अनुरोधी,
रखता सब पर नजर,
हर बात की पकड़।
सभी शास्त्रो का ज्ञान,
करता अनुसंधान
लेखनी का बली,
करे सबकी भली,
वह है पत्रकार।।

Litreture

चार लघु कथाओं की समीक्षा

समीक्षक: डॉ ऋषिकुमार मणि त्रिपाठी लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ लघु कथा एक झलक लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ साग्न स्टूडेंट टाउन से मशहूर क्लब सेवेन शहर ओस्लो के मध्य रात ग्यारह बजे आगए। डिस्कोथेक के जीवंन्त संगीत आर्केस्ट्रा सभी नि:शुल्क प्रवेश  मदिरा पीकर अनजान लड़कियो के बांहो मे बाहें डाले रात भर नाचते। मै […]

Read More
Litreture

जल की एक बूंद

जल की एक बूंद करती है सृजन रचती है विश्व को । जल की एक बूंद बनती वंश लोचन सीप मे मोती गजमुक्ता चमकाती आनन । जल की एक बूंद करती है प्राणदान बनती चरणामृत विष्णु पदनख की सुरसरिता पालती विश्व को। जल की एक बूंद ऋषियों का अस्त्र थी नयनो की भाषा बच्चों की […]

Read More
Litreture

नारायण जो हर पल रचते नई कहानी

है अनंत आकाश हमारा घर आंगन. मै चिडिया बन उड़ता रहा गगन में सब दिन| अपने तो मिल सके नहीं पूरे जीवन भर, मै सपने मे सबको अपना मान चुका था ||1|| टूट गया भ्रम जब देखी मैने सच्चाई यहां कागजी नावें चलती हर दरिया में | कश्ती कब पानी मे डूबी समझ न पाया, […]

Read More