
बढ़ रही घटनाएं, कई मामले बने चुनौती
कानून-व्यवस्था को लेकर उठे सवाल
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में महिला के प्रति अपराध और दुष्कर्म की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। इनमें कई ऐसे दुस्साहसिक मामले हैं, जिनके राजफाश में पुलिस उलझती जा रही है। मड़ियांव क्षेत्र के IIM रोड स्थित सड़क किनारे दो महिलाओं की हत्या का मामला हो या फिर ठाकुरगंज में घैला पुल से कुछ दूरी सड़क किनारे एक युवती का अधजला मिला शव। इन घटनाओं ने कानून-व्यवस्था को लेकर भी बड़े सवाल खड़े किए हैं। इनकी पड़ताल भी पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं।
पुलिस के आंकड़े भी दुष्कर्म और हत्या की बढ़ती वारदातों के गवाह है। कई ऐसे मामले भी हैं, जिनमें लोकलाज के भय अथवा किसी दबाव में पीड़ित पक्ष रिपोर्ट दर्ज कराने से पीछे हट गया। चार दिसंबर 2015 को मड़ियांव क्षेत्र के IIM रोड पर सड़क किनारे झाड़ियों में दो महिलाओं की हत्या कर फेंकी गई लाश मिली मिली थी और दोनों के सिर गायब थे। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस शवों की पहचान कराने और कातिलों की तलाश में अपनी पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन आज तक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई। दूसरी ओर 22 जनवरी 2019 को इकाना स्टेडियम से कुछ दूरी पर झाड़ियों में एक युवती की हत्या कर फेंकी गई लाश मिली थी।
इस घटना का खुलासा करने के लिए पुलिस ने कई तरह की योजनाएं बनाई, लेकिन कुछ कदम चलने के बाद पूरी कवायद फाइलों में दफन होकर रह गई। यह तो महिलाओं और लड़कियों की हत्या का मामला है गौर करें तो वहशियों ने कई महिलाओं एवं लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बना डाला और पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर डंका पीटती रह गई। पुलिस ने कई घटनाओं का राजफाश तो कर दिया, लेकिन वारदातें अभी भी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। ख़बर में दर्शाई घटना तो महज़ बानगी भर है और भी कई ऐसे सनसनीखेज मामले राजधानी लखनऊ में हुए जिनमें पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए और किरकिरी भी हुई चाहे मोहनलालगंज में दरिंदगी के बाद महिला की हुई हत्या का मामला हो या फिर हजरतगंज क्षेत्र जानकीपुरम निवासी छात्रा की हुई हत्या का मामला।