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Litreture
कविता : हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी
हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी, जिसने तुम्हें विजय दिलवाई थी, हाथ जोड़कर वोट माँगने आये थे, नेता जी, पूरे पाँच वर्ष फिर ग़ायब रहे थे, नेता जी। हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी… गड्ढों से बदहाल हमारी सड़कें हैं, मलबे से बजबजा रहीं नालियाँ हैं, कूड़ा बिखरा है सड़कों पार्कों में, नेता […]
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