कविता : हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी

कर्नल आदि शंकर मिश्र
कर्नल आदि शंकर मिश्र

हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी,
जिसने तुम्हें विजय दिलवाई थी,
हाथ जोड़कर वोट माँगने आये थे,
नेता जी,
पूरे पाँच वर्ष फिर ग़ायब रहे थे,
नेता जी।
हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी…

गड्ढों से बदहाल हमारी सड़कें हैं,
मलबे से बजबजा रहीं नालियाँ हैं,
कूड़ा बिखरा है सड़कों पार्कों में,
नेता जी,
सूखे नल लगे है घरों के बाहर में,
नेता जी।
हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी…

नहीं कहीं है पानी की सप्लाई,
सीवर लाइन नहीं है डलवाई,
ग्रीन गैस लाइन पड़ी है वर्षों से,
नेता जी,
नहीं शुरू हुई अब तक सप्लाई,
नेता जी।
हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी…

आवारा कुत्ते घूमें यहाँ हज़ारों में,
कब हमला कर दें बच्चों बूढ़ों पर,
आतंकी साँड़ घूमते गली गली में,
नेता जी,
वे उठाके पटकें अपनी सीघों पर,
नेता जी।
हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी..

सैकड़ों कालोनियाँ यहाँ की अवैध
पुकारी जाती हैं चालीस सालों से,
नियमितीकरण ये नहीं कर रहे हैं,
नेता जी,
भ्रष्टाचारी हर कुर्सी पर जो बैठे हैं,
नेता जी।
हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी…

प्रत्याशी देखा पहली बार आज,
अब तक किसी और दल में था,
टिकट मिल गया, पैसे के बल पर,
नेता जी,
आदित्य आये यहाँ दल बदलकर,
नेता जी।

हम वही आपकी जनता हैं, नेता जी,
हम वही आपकी….
जिसने तुम्हें विजय दिलवाई थी,
जिसने तुम्हें विजय….

 

Litreture

कविता : प्रेम, दया, आशीर्वाद गिनते रहिये

बीत गया जो, बदला कैसे जायेगा, मंतव्य वास्तविकता कैसे बतलाएगा, मंज़िल अलग, गंतव्य एक होता है, बीती बिगड़ी बातें भी बनते देखा है। सकारात्मक सोच सदा सदैव, हमें सकारात्मकता ही देती है, जो चीज़ किसी और को देते हैं, वही हम तक लौट फिर आती है। हार मान कर संघर्षों से बैठ जाओगे तो जीवन […]

Read More
Litreture

कविता : सब धरा का धरा पर धरा रह जाएगा,

जो बड़ेन को लघु कहें, नहिं रहीम घटि जाहिं। गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं॥ अपने अपने होते हैं, सभी अपने हैं, सबकी पसंद एक सी नहीं होती है, किसी से इज़्ज़त मांगी नहीं जाती है, अपने व्यवहार से ही कमाई जाती है। मेरा वही सम्मान का भाव भी था, प्रतिक्रिया चरण वंदन करके […]

Read More
Litreture

ईमानदारी और राजनीति पर चिंतन

कर्नल आदि शंकर मिश्र लखनऊ। आज हम यह कहते नहीं थकते हैं कि हम यानी हमारा भारतवर्ष बहुत शीघ्र विश्व गुरु बन जाएगा या कुछ लोग तो अक्सर यह कहते हैं कि हम जिस प्रकार प्राचीन काल में विश्व गुरु थे आज हमने विश्व में भारत का वही स्थान प्राप्त कर लिया है । हाँ, […]

Read More