पति ने संभाली गृहस्थी तो दमक उठी निमिषा

चार साल की बच्ची की मां बनने के बाद भी गढ़ी सफलता की इमारत

बस्ती की लाड़ली निमिषा ने बढ़ाया जिले का मान, सभी ने दी बधाई


आशीष दुबे


बस्ती। ‘एक कामयाब आदमी के पीछे औरत का हाथ होता है।‘ अब तक आप लोगों ने यही सुना होगा। लेकिन यह खबर थोड़ी सी अलग है, एक कामयाब औरत के पीछे एक आदमी का हाथ है और वह कोई और नहीं बल्कि उसका जीवनसाथी (पति) है। साथ जीने-मरने की कसमें खाकर उसे कैसे निभाया जाता है, इसका जीता-जागता उदाहरण बने हैं आशुतोष पांडेय। नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (NTPC) फरक्का में बतौर सीनियर मैनेजर जॉब कर रहे आशुतोष ने पत्नी को न केवल पढ़ने का मौका दिया, बल्कि उन्हें तैयारी में मदद भी की। नतीजतन निमिषा आज अधिशासी अधिकारी (EO) के रूप में चयनित हुई हैं।

अपने देश भारत की बात करें तो शादी के बाद महिलाएं अपने ससुराल जाती हैं और ससुराल वालों की देखभाल और घर के कार्यों में रम जाती हैं। ऐसे बहुत कम उदाहरण होते हैं जब शादी के बाद महिलाएं अपना करियर बना पाई हों। लेकिन यहां कहानी निमिषा के पक्ष में थी। उन्हें पति के साथ-साथ अपने ससुराल वालों से पूरा सपोर्ट मिला। बकौल निमिषा- ‘मैं बहुत खुशकिस्मत हूं, जो मुझे सुचित्रा उपाध्याय जैसी माँ के साथ-साथ पिता(दिनेश उपाध्याय) सासू मां (अनीता पाण्डेय) एवं ससुर  (आशाराम पाण्डेय) का भी समर्थन मिला। इनके अलावा ‘आशुतोष’ हर कदम पर मेरा साथ न देते तो एक बच्ची होने के बाद इतनी बड़ी परीक्षा पास करना सम्भव नहीं था।’ उनकी बात अक्षरशः सही भी है। शादी के बाद जहां महिलाओं को ससुराल की ओर से पढ़ाई के लिए कोई सपोर्ट नहीं मिलता है तो वह सांसारिक जीवन में ही उलझ कर रह जाती हैं वहीं अगर ससुराल और पति का समर्थन मिल जाए तो महिलाएं भी अपने जीवन में बहुत आगे तक जा सकती हैं।

मिली जानकारी के अनुसार निमिषा ने गोरखपुर के कॉर्मल गर्ल्स कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की है। वहीं आईटीएम गीडा से बीटेक पास करने के बाद उन्होंने एमटेक के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज का रुख किया। इस दौरान उनकी शादी एक इंजीनियर (आशुतोष पांडेय) से ही हुई। आशुतोष ने खुद तो इंजीनियर बनकर जॉब करना स्वीकार किया, लेकिन पत्नी को उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए प्रोत्साहित करते रहे। बस्ती शहर के रंजीत कालोनी की निमिषा दिनेश कुमार उपाध्याय जो की पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर में सहायक अधिशासी अभियंता के पद पर कार्यरत हैं एवं सुचित्रा उपाध्याय की पुत्री हैं। निमिषा ने तैयारी शुरू की तो कुशीनगर जिले से पडरौना निवासी उनके मामा डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी, छोटे मामा राकेश त्रिपाठी (पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक) और उनके ममेरे भाई सीनियर डिवीजनल जज मयंक त्रिपाठी तथा भाभी  बबिता पाठक (सीनियर डिवीजनल जज) ने प्रेरित कर उनकी हौसला अफजाई की। उनके बड़े पापा स्वर्गीय ओम प्रकाश उपाध्याय (पूर्व अपर आयुक्त फैजाबाद) सदा ही उनके प्रेरणा स्रोत रहे। मयंक के कुशल निर्देशन में उन्होंने सब्जेक्ट पर कैसे पकड़ बनाना है सीखा और अपने कठिन परिश्रम के बाद ईओ जैसे बड़े मुकाम पर पहुंची।

उनकी सफलता पर गदगद जज मयंक त्रिपाठी सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि जिसमें धैर्य है, वह इच्छित सफलता प्राप्त कर सकते हैं। निमिषा की यह सफलता निश्चित रूप से सफलताओं के द्वार खोलेगी। वह समाज और परिवार के लिए प्रेरणादायक बनेगी।

उत्तर प्रदेश लोअर पीसीएस की परीक्षा पास कर अधिशासी अधिकारी बनने की छोटी बहन को बधाई। इसके अलावा विधि में डॉक्टरेट (PHD) कर रही उनकी बहन श्रेयसी उपाध्याय ने भी निमिषा का हर कदम पर साथ दिया। उनकी सफलता पर परिवारजनों अमित, शशांक, अनिल, समीक्षा एवं आंकाक्षा ने बधाई दी है।

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