- महानिदेशक कारागार ने जांच रिपोर्ट पर की कार्रवाई
लखनऊ। ललितपुर जेल में एक विचाधीन बंदी के पास मोबाइल फोन बरामद होने पर महानिदेशक कारागार ने जेलर, डिप्टी जेलर और एक वार्डर को निलंबित कर दिया है। मोबाइल बरामदगी पर हुई इस कार्रवाई से जेल अधिकारियों में खलबली मची हुई है। परिक्षेत्र DIG की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार की सुबह ललितपुर जेल में अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान जेल में निरुद्ध विचाराधीन बंदी ज्ञानेंद्र ढाका पुत्र कृष्णपाल के पास से अधिकारियों को मोबाइल फोन बरामद हुआ। बंदी के पास से मोबाइल फोन बरामद होने की सूचना पर जेल प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई।
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घटना की सूचना मिलने पर डीजी जेल पीसी मीणा ने मामले की जांच कानपुर जेल परिक्षेत्र के DIG को सौंपी। जांच में DIG ने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं शिथिलता बरतने के आरोप में जेलर जीवन सिंह, डिप्टी जेलर प्रिंस बाबू और वार्डर आकाश कुशवाहा को दोषी पाया। जांच रिपोर्ट महानिदेशक कारागार पीसी मीणा को भेजी गई। डीजी जेल ने जांच रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जेलर जीवन सिंह, डिप्टी जेलर प्रिंस बाबू और वार्डर आकाश कुशवाहा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की है।
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उल्लेखनीय है कि बीते दिनों मुजफ्फरनगर जेल में एक पूर्व विधायक के पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ था। इस मामले में तत्कालीन जेलर की संलिप्तता भी पाई गई थी। इस मामले में तत्कालीन महानिदेशक कारागार पीवी रामाशास्त्री ने बंदी की जेल तो बदल दी लेकिन किसी भी दोषी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। डीजी जेल पीसी मीणा की इस कार्रवाई से जेल अधिकारियों में खलबली मची हुई है। इसको लेकर तमाम तरह के कयास भी लगाए जा रहे है।
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