हड़ताल से चरमराई बिजली व्यवस्था, टसन बरकरार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के तीसरे दिन शनिवार को कई जिलों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हड़ताल को समाप्त करने के लिये सरकार ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और संविदा कर्मियों को कार्यमुक्त करने की चेतावनी दी वहीं हड़ताल पर अड़े कर्मचारियों ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान अगर किसी कर्मचारी की गिरफ्तारी होती है तो हड़ताल अनिश्चिकाल के लिये बढ़ायी जा सकती है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से राज्य के कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित होने लगा है। फतेहपुर,कुशीनगर, बलिया,सीतापुर,रायबरेली,प्रतापगढ,जौनपुर और देवरिया समेत कई इलाकों में बिजली की लुकाछिपी से भीषण पेयजल संकट पैदा हो गया है वहीं बाजारों में धड़धडाते जनरेटर सेट से निकल रहे दमघोंटू धुयें से आबोहवा विषैली हुयी है।

सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा और रासुका के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है वहीं उच्च न्यायालय ने भी हड़ताल को गैर जरूरी बताते हुये इसे अदालत की अवमानना करार दिया है। इसके बावजूद हड़ताली कर्मचारियों के रवैये में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। कर्मचारी नेताओं की दलील है कि वे भी हड़ताल के पक्षधर नहीं है मगर ऊर्जा मंत्री पिछले साल दिसंबर में कर्मचारी नेताओं के साथ उनकी मांगों के संबंध में किये गये समझौते से मुकर रहे हैं। उन्होने इस मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है। हड़ताल के चलते आम जनता को हो रही परेशानियों से खफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज दोपहर ऊर्जा मंत्री और पावर कारपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलायी और हालात की समीक्षा की। इस बीच आज सुबह ओबरा ताप विद्युत संयंत्र की 200-200 मेगावाट की पांच इकाइयों में उत्पादन बंद होने से विद्युत आपूर्ति और जटिल हुयी। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार ने प्रस्तावित ओबरा डी संयंत्र को राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम के हवाले करने का फैसला किया है।

जो उन्हे कतई मंजूर नहीं है। इससे पहले ओबरा सी की 660 मेगावाट की दो इकाइयों को निजी क्षेत्र के हवाले किया जा चुका है। सरकार की निजीकरण की नीति सही नहीं है। सरकार को हाल ही में लिये गये फैसले को वापस लेना चाहिये। पावर कारपोरेशन के इंजीनियर और कर्मचारी अपने उत्पादन संयंत्र को चलाने में पूरी तरह सक्षम है। उधर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हड़ताल खत्म करने की अपील करते हुये चेतावनी दी कि ऐसा न करने की दशा में आज रात तक हडताली संविदाकर्मियों की सेवायें समाप्त कर दी जायेंगी और हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई की जायेगी। उन्होने कहा कि 22 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। आंदोलन कर रहे बिजली कर्मचारी न सिर्फ जनता की दिक्कतों को नजर अंदाज कर रहे है। बल्कि उच्च न्यायालय की अवमानना भी कर रहे हैं। सरकार पहले भी संघर्ष समिति के नेताओं से बात कर चुकी है और अभी भी बातचीत के दरवाजे खुले हैं मगर उनको अंतिम चेतावनी है कि हड़ताल को समाप्त कर बातचीत के लिये आगे आयें वरना कड़ी कार्रवाई भुगतने के लिये तैयार रहें।

सरकार के लिए साँसत-जनता के लिए आफ़त, बिजलीकर्मियों के हड़ताल का असर दिखना शुरू

इस बीच बिगड़ते हालात को काबू करने के लिये कई जिलों में हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू कर दिये हैं। हड़ताली कर्मचारियों को हालांकि एस्मा का डर भी सता रहा है। कर्मचारियों का मानना है कि एस्मा के तहत कार्रवाई होने का असर उनके करियर पर पड़ेगा। उन्हे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से परिस्थितियां जल्द ही काबू में होंगी। विद्युत उत्पादन को नियंत्रित करने के लिये एनटीपीसी के इंजीनियरों के अलावा निजी क्षेत्र के तकनीकी स्टाफ की भी मदद ली जा रही है। इस बीच सरकार ने हड़ताली संविदा कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी है।

रायबरेली से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में शुक्रवार और शनिवार को हडताल के कारण ग्रामीण और शहरी इलाकों में कई जगह विद्युत आपूर्ति बाधित रही। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने विभिन्न स्थानों पर बिजली आपूर्ति की व्यवस्था का मौके पर जाकर निरीक्षण किया एवं आवश्यक निर्देश दिये। उनके साथ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी आदि भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने त्रिपुला पावर हाउस, गौरा बाजार एवं विद्युत अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में बिजली आपूर्ति की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

प्रतापगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली की आपूर्ति ठप हो गयी है। कई पावर स्टेशनों पर विद्युतकर्मी ताला लगाकर चले गये। बहुत से गावों में पिछले 40 घण्टो से बिजली नही मिल रही है। छोटे उद्योग नही चल पा रहे हैं और पेय जल का संकट उत्पन्न हो गया है। सीतापुर में बिजली आपूर्ति अस्त व्यस्त होने से पेयजल के लिए लोग हैंडपंपों का सहारा ले रहे हैं। वोल्टेज 100 और 110 के आसपास आ रहा है। छोटे-छोटे उद्योग धंधे बंद हो गए हैं। नैमिषारण्य में नौ घंटे बिजली गुल रही। कसमंडा उपकेंद्र बंद होने से करीब 150 गांव की आपूर्ति बाधित है।

सरकार भी झुकने को तैयार नहीं, हड़ताली कर्मियों पर लगेगा रासुका

जौनपुर में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर ग्रामीण क्षेत्रो में असर भले ही कम हो लेकिन शहरी इलाके के लोग बहुत परेशान है। हड़ताल के 48 घन्टे बीतते के साथ बिजली विभाग के अधिकारियों ने मोबाइल स्विच आफ कर लिए है ताकि जनता को कोई जवाब न देना पड़े। बिजली गायब होने से सबसे बड़ी समस्या पेयजल की उत्पन्न हो गयी है। जिला प्रशासन जनेटर के जरिए पम्प चलवा कर जलापूर्ति का दावा कर रहा है, लेकिन सच यह है कि जनेटर व्यवस्था पूरी तरह नाकाफी साबित हुई है।

कुशीनगर जिला प्रशासन ने तीन विद्युत अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जिलाधिकारी रमेश रंजन ने कुशीनगर ट्रांसमिशन केंद्र के अधिशासी अभियंता देवेंद्र कुमार सिंह और जय नारायण यादव के खिलाफ कसया थाना में सरकारी काम में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। DM ने चेतावनी दी है कि गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए DM ने अधिकारियों के साथ विभिन्न केंद्रों का जायजा लिया। इसके अलावा अहिरौली बाजार के सब स्टेशन ऑपरेटर सुधीर गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

बस्ती जिले में कलवारी थाना क्षेत्र के कुसौरा पावर हाउस पर बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न करने वाले चार विद्युत कर्मियों के विरुद्ध अवर अभियंता द्वारा नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है। अवर अभियंता कृष्ण गोपाल ने कलवारी थाने में तहरीर देकर कहा है कि कुसौरा पावर हाउस पर जब विद्युत आपूर्ति का कार्य किया जा रहा था तो उस समय प्रिंस कुमार, शैलेंद्र, कृष्ण कुमार, राजेंद्र कुमार विद्युत कर्मी द्वारा आपूर्ति में बाधा उत्पन्न किया गया तथा मारने पीटने की धमकी दिया गया है।

बलिया में विशुनीपुर पावरहाउस पर विद्युतकर्मियों की तैनाती के बावजूद उपस्थित न होने के मामले में जिला प्रशासन ने दो विद्युतकर्मियों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। बुलंदशहर में विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने के उद्देश्य से जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह एवं एसएसपी श्लोक कुमार ने खुर्जा स्थित विद्युत उपकेंद्र नम्बर चार का निरीक्षण किया विद्युत तथा आपूर्ति बनाये रखने हेतु व्यवस्था का जायजा लिया। फतेहपुर में विद्युत आपूर्ति में बाधा डालने और लापरवाही के आरोप में एक अवर अभियंता समेत 19 कर्मियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने मृदुल द्विवेदी ने रिपोर्ट दर्ज करायी है। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने आज यहां बताया कि विद्युत सब स्टेशन हरिहर गंज में सेवा रत अवर अभियंता कल्लू राम यादव कर्मचारी पुत्तन, अरविंन्द राजेशस विकास के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने मृदुल द्विवेदी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ। मृदुल द्विवेदी ने आरोप लगाया है कि बीते 24 घंटे से पानी और बिजली के बिना सारे लोग परेशान है। उन्होने बताया कि जब हरिहर गंज पावर स्टेशन पर शिकायत करने गये तो इन कर्मियों ने बात अनसुनी की बल्कि उन्होंने कहा भूखों मरों चाहे मेरी बला से। सDM,एसपी सहित अन्य अफसर दौरे पर है लेकिन उसका कहीं असर नहीं है। (वार्ता)

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