सरकार के लिए साँसत-जनता के लिए आफ़त, बिजलीकर्मियों के हड़ताल का असर दिखना शुरू

  • कहीं हाईवोल्टेज तो कहीं केबल कटने से गुल हुई बिजली
  • बड़े शहरों में अलर्ट, अन्य विभागों को मिली ज़िम्मेदारी

कुलदीप मिश्र


लखनऊ। बृहस्पतिवार रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल का असर अब दिखने लगा है। ख़राब मौसम के चलते जहां कई जगह लोकल फ़ॉल्ट की वजह से बिजली गुल हुई। वहीं लखनऊ के माल ब्लॉक के 300 गांवों की बत्ती 24 घंटे तक गुल रही। देवरिया में कई क़स्बे एक दिन पहले से ही बिजली संकट से जूझते नज़र आए। राजधानी लखनऊ के पुलिस लाइन इलाक़े में बिजली ग़ायब है। वहीं कौशाम्बी ज़िले के भरवारी नगर पालिका में बिजली गुल होने की वजह से लोग पानी को तरस रहे हैं। श्रावस्ती के भिनगा में कार्य छोड़कर बिजलीकर्मी हड़ताल कर रहे हैं, जिसकी वजह से ज़िले की बिजली व्यवस्था ध्वस्त होने की कगार पर है। सीएम योगी आदित्यतनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में भी 33/11 केवी के कई विद्युत उपकेंद्रों की बिजली ठप हो गई है। प्रयागराज में हालत और भी बदतर होते जा रहे हैं। हालाँकि बिजलीकर्मियों को मौसम का भी साथ मिला और बारिश तथा तेज़ हवाओं के चलते फ़ॉल्ट तेज़ी से बढ़े।

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सरकार भी झुकने को तैयार नहीं, हड़ताली कर्मियों पर लगेगा रासुका

राजधानी के माल इलाक़े में बिजली न आने से नाराज भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने माल उपकेंद्र का घेराव कर प्रदर्शन किया। ख़बरों के मुताबिक़ यह बिजली संकट उपकेंद्र को सप्लाई पहुंचाने वाले भूमिगत केबल के तीन-चार जगह से कट जाने के कारण उत्पन्न हुआ। मुख्य अभियंता संजय जैन के अनुसार दूसरे विभाग की एजेंसी ने खुदाई के दौरान 33 हजार वोल्ट भूमिगत केबल काट दिया था, इसलिए बिजली सप्लाई रुक गई थी। ग़ौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ कई दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद बिजली कर्मी हड़ताल पर गए हैं। हड़ताल से निपटने के पुख्ता इंतजाम का दावा करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि एनटीपीसी सहित अन्य उपक्रमों एवं विभिन्न मैनपॉवर एजेंसियों में तकनीकी कर्मचारियों को रिजर्व रखा गया है।

हड़ताल से निपटने के लिए सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं। लोगों से अपील की कि किसी को असुविधा हो तो तत्काल कंट्रोल रूम को सूचना दें। सभी जगह आपात स्थिति से निपटने की व्यवस्था की गई है। दूसरी ओर हड़ताली कर्मियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए सरकार ने महोबा में कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर जाने वाले 10 संविदा व आउटसोर्सिंग बिजलीकर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। इनके खिलाफ FIR दर्ज कराने और संबंधित कंपनी को काली सूची में डालने के भी निर्देश डीएम महोबा ने दिए हैं। डीएम मनोज कुमार ने पाँच संविदाकर्मी अथर्व, दिलशान, कालीचरण, राजबहादुर और सलीम की सेवाएँ समाप्त कर दी।

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वहीं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि वार्ता के दौरान ऊर्जा मंत्री कमेटी बनाने की बात कह रहे थे, लेकिन अब कमेटी का कोई मतलब नहीं है। निगम का घाटे में होना प्रबंध तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। इस घाटे के लिए कर्मचारियों का हक नहीं मारा जाना चाहिए। इस मुद्दे पर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज के अनुसार बकाया वसूली के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए अलग से टीमें गठित की गई है। हड़ताल पर जाने वालों को भी यही आश्वासन दिया जा रहा है। कि जिस गति से घाटा कम होगा, उसी गति से उनके बोनस आदि का भी भुगतान होता रहेगा। घाटे को कम करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।

क्या है हड़ताल की असली वजह

सूबे में बिजली कर्मियों की हड़ताल की ज़िम्मेदार पावर कॉरपोरेशन की ढुलमुल नीति रही है। विभाग कभी भी समस्याओं के समाधान की ओर बढ़ता नज़र नहीं आया। हालाँकि कुछ लोग इसका ज़िम्मेदार विद्युत निगमों के घाटे को भी मानते हैं। कर्मचारी लगातार बोनस देने की मांग कर रहे हैं तो निगम घाटा दिखा रहा है। ऐसे में दोनों के बीच तकरार बढ़ती जा रही है।

हर साल एक लाख करोड़ का घाटा

विद्युत निगम प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ रुपये के घाटे पर चल रहा है। यह स्थिति तब है जब सरकार की ओर से 21 हजार करोड़ की सब्सिडी मिल रही है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने खुद माना कि निगम हर माह करीब 1500 करोड़ रुपये का घाटा उठा रहा है। प्रतिदिन का औसत करीब आठ से 10 करोड़ है। निगम के निरंतर बकाए में रहने की वजह वसूली नहीं हो पाना है। विभागीय अधिकारियों की ढिलाई के बाद भी करोड़ों रुपया बकाया चल रहा है। ख़बरों के मुताबिक़ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का करीब 32 हज़ार 693 करोड़, मध्यांचल का करीब 17 हज़ार 944 करोड़, दक्षिणांचल का करीब 16 हज़ार 184 करोड़, पश्चिमांचल का करीब 10 हज़ार 709 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है। इसी तरह केस्को कानपुर का कुल दो हज़ार 128 करोड़ रुपये का बकाया है। इसकी वसूली नहीं होने की वजह से घाटा लगातार बढ़ता रहा है।

कंट्रोल रूम में लगी निदेशकों की ड्यूटी

बिजली कर्मियों की हड़ताल को देखते हुए शक्तिभवन में बने कंट्रोल रूम में निदेशक स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें रात 10 से सुबह 6 बजे तक निदेशक (आईटी) सौरोजित घोष और मुख्य अभियंता अजय अग्रवाल, सुबह छह से दोपहर दो बजे तक निदेशक (परियोजना व वाणिज्य) एसके दत्ता एवं मुख्य अभियंता चंद्रवीर सिंह गौतम, दोपहर दो से रात 10 बजे तक निदेशक (कार्य एवं परियोजना) राजीव कुमार एवं मुख्य अभियंता तारिक जलील की ड्यूटी लगाई गई है। सभी 10 जोन में भी निदेशकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

1030 मेगावाट बिजली उत्पादन ठप्प, हड़ताल के चलते इकाइयां बन्द होना शुरू…

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति यूपी के अनुसार ओबरा, आनपारा,और हरदुआगंज में संध्या पाली के बिजली कर्मियों को लगातार 16 घण्टे जबरन रोक कर कार्य कराया गया। भूखे प्यासे बिजली कर्मियों को एक प्रकार से बंधक बनाकर कार्य कराया गया। अंततः प्रशासन झुका। ओबरा ताप बिजली घर में 200-200 मेगावॉट क्षमता की नो व 11 नम्बर इकाइयां बिजलीकर्मियों की उपलब्धता न होने के कारण बन्द की जा रही हैं। अनपरा में 210-210 मेगावॉट क्षमता की एक व दो नंबर इकाइयां बन्द की जा रही हैं। बताते चलें कि ओबरा व आनपारा में अन्य इकाइयों का संचालन NTPC के लोग कर रहे हैं।

वहीं पारीछा में सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं। इकाइयों का संचालन रिलायंस व बजाज के लोग कर रहे हैं। परीक्षा में 210 मेगावॉट की 4 नंबर इकाई बंद कर दी गई है। हरदुआगंज में NTPC के लोग आ गए हैं किंतु 660 मेगावॉट की इकाई पर बिजली कर्मियों को 16 घंटे से रोक कर रखा गया था। अब हरदुआगंज में भी सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं। इस प्रकार 16-17 घंटे के बाद सभी ताप बिजली घरों से सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं और शत प्रतिशत हड़ताल है। बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते 1030 मेगावॉट क्षमता की इकाइयां अब तक ठप्प हो गई हैं।

क्या है बिजली कर्मियों की प्रमुख मांगें

  • ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक का चयन समिति के द्वारा किया जाना।
  • पूर्व की तरह मिल रहे तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान के आदेश किया जाना।
  • बिजली कर्मियों के लिए पॉवर सेक्टर इम्प्लाइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना।
  • पारेषण के विद्युत उप केन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बंद करना।
  • नये विद्युत उप केन्द्रों का निर्माण पारेषण निगम से कराया जाना, निविदा/संविदा कर्मियों को अलग-अलग निगमों में मिल रहे मानदेय की विसंगति दूर कर समान मानदेय दिया जाना।
  • भत्तों के पुनरीक्षण एवं वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाना।

क्या है बिजलीकर्मियों के हड़ताल की ताज़ा अपडेट…

अनपरा ताप बिजली घर में 16 घंटे की ड्यूटी से थके बिजली कर्मी कंट्रोल रूम में जमीन पर लेटे हुए

33/11के,वी, जनपद गोरखपुर

33kv मछली गांव
33kv कैंपियरगंज ग्रामीण
33kv सोनौरा
33kv पीपीगंज
33kv नेतवर
33kv सिंघोरवा
33kv जंगल कौड़िया
33kv सरहरी
33kv एफ,सी,आई, गोरखपुर
33 kv कैंपियरगंज तहसील
33 kv अमहिया
33 kv चौरीचौरा
33 kv मुंडेरा
33 kv खुटहन
33 kv सरदारनगर
33 kv जगदीशपुर
33 kv नैयापर
33 kv भटहट
33 kv बड़हलगंज
33 kv डेरवा
33 kv पादरी बाजार
33 kv घघसरा
33 kv पाली
33 kv खजनी
33 kv सहजनवां तहसील
33 kv सहजनवां ग्रामीण
33 kv अहिरौली
33 kv चैनपुर
33 kv कल्याणपुर मठिया
33 kv बांसगांव ग्रामीण
33 kv बांसगांव तहसील
33 kv बिधनापर
33 kv धुरियापार
33 kv रानीपुर
33 kv कौड़ीराम
33 kv हरपुर अनंतपुर
33 kv गोला बाजार
33 kv गोला तहसील
33 kv हरिहरपुर
33 kv नौसढ़
33 kv सेवई
33 kv खजनी तहसील

इतने विद्युत उपकेंद्रों की सप्लाई पूरी तरह बाधित और साथ ही साथ गोरखपुर शहर के बहुत सारे 11 kv के फीडर ब्रेकडाउन हैं।

पूर्वांचल डिस्कॉम में 75 फीडर डाउन

उत्तर प्रदेश में एक लाख बिजली कर्मी हड़ताल पर – बिजली हड़ताल का व्यापक प्रभाव

जनपद प्रयागराज विद्युत आपूर्ति रिपोर्ट कार्ड,17/03/2023 समय 10:00

1.विद्युत उपकेन्द्र गौरा पूर्ण रूप से बंद
2 विद्युत उपकेंद्र बारा पूर्ण रुप से बंद 3 विद्युत उपकेंद्र बारा तहसील पूर्ण रुप से बंद
4 विद्युत उपकेंद्र भीटा पूर्ण रुप से बंद
5 विद्युत उपकेंद्र लालापुर पूर्ण रुप से बंद
6 विद्युत उपकेंद्र गौहानिया पूर्ण रूप से बंद
7 विद्युत उपकेंद्र ओल्ड खुशारूबाग पूर्ण रुप से बंद
8 विद्युत उपकेंद्र इंदलपुर पूर्ण रूप से बंद
9 इलाहाबाद फीडर और छिबैया फीडर पूर्ण रुप से बंद
10. विद्युत उपकेंद्र लेडियारी पूर्ण रुप से बंद
11. विद्युत उपकेंद्र कल्याणी देवी का ककहरा घाट और अटाला फिटर बंद
12. विद्युत उपकेंद्र न्यूज़ हलवा का आइटीबीपी फीडर बंद
13. विद्युत उपकेंद्र लाल तारा पूर्ण रुप से बंद
14. विद्युत उप केंद्र तेलियरगंज का एक फीडर बंद
15 मोहम्मद अली पार्क की एक इनकमिंग बंद
16. विद्युत उपकेंद्र अल्लापुर बाघंबरी फीडर बंद
17. विद्युत उपकेंद्र बक्शी बांध का नाग वासुकी फीडर बंद
18. विद्युत उपकेंद्र जेल रोड का स्टोर फीडर बंद
19. विद्युत उपकेंद्र रामबाग के तीन फीडर बंद
20. विद्युत उपकेंद्र शांतिपुरम का एक फीडर बंद
21. विद्युत उपकेंद्र त्रिवेणीपुरम झूसी पूर्ण रुप से बंद
22. विद्युत उप केंद्र फतेहपुर कायस्थान पूर्ण रुप से बंद
23. हंडिया तहसील की सप्लाई बंद
24. विद्युत उपकेंद्र जारी पूर्ण रूप से बंद
25. विद्युत उप केंद्र चंपापुर पूर्ण रुप से बंद

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