राज्यपाल एवं आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि केजीएमयू प्रदेश का ऐसा चिकित्सा विश्वविद्यालय है,जिसे देश ही नहीं, विश्व स्तर पर पहचाना जाना हैं, इसलिए इस विश्वविद्यालय को सिर्फ नैक ही नहीं,क्यूएस वर्ल्ड यूनिसर्सिटी रैंकिंग के लिए भी प्रयास करना चाहिए। आनन्दी बेन राजभवन स्थित में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के नैक मूल्यांकन हेतु पियर टीम के अवलोकनार्थ तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। उन्होंने प्रस्तुतिकरण को क्राइटेरिया वाइज बनाने का सुझाव दिया और कहा कि सभी बिंदुओं पर गतिविधि युक्त फोटो से अपनी प्रस्तुति को प्रमाणित भी करें।
सुझाव दिया कि पियर टीम के सुलभ संदर्भ के लिए कम्प्यूटराइज्ड प्रस्तुति के विवरण की पुस्तिकाएं भी बना ली जाएं, जिससे पियर टीम को पुनरावलोकन की सुविधा प्राप्त हो सके।राज्यपाल ने केजीएमयू में नई चिकित्सा सुविधाओं से मरीजों को लाभ, गोद लिए गाँवों में आए बदलाव, विश्वविद्यालय के कम्यूनिटी रेडियो से गांवों में जागरूकता, ‘‘मिशन लाइफ‘‘ की विश्वविद्यालय परिसर में गतिविधि, महिला अध्ययन केन्द्र की गतिविधियों का विवरण और फोटो, प्रधानमंत्री से प्राप्त सम्मानों का विस्तृत एवं फोटो-आडियो युक्त विवरण, टेली-मेडिसिन की सुविधा का विवरण, मरीज केंद्रित विश्वविद्यालय की पुष्टि, विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और मरीजों के लिए बढ़ाई गई सुविधाओं जैसे अन्य बिंदु भी विवरण सहित प्रस्तुतिकरण में बढ़ाने का सुझाव दिया।
विश्वविद्यालय के कुलपति ले.जन. प्रो विपिन पुरी ने बताया कि विश्वविद्याल पहले चिकित्सा महाविद्यालय ‘केजीएमसी‘ के नाम से जाना जाता था। यह 117 वर्ष पुराना है। वर्ष 2002 में यह विश्वविद्यालय बना। यहाँ पड़ोसी देश नेपाल सहित पड़ोसी राज्यों के मरीज भी आते हैं। 4000 बेड की क्षमता वाले इस विश्वविद्यालय में 105 विभिन्न एकेडेमिक प्रोग्राम, 14 पैरामेडिकल कोर्स सहित बी0एस0सी0 कोर्स की शिक्षा उपलब्ध है। इस अवसर पर प्रमुख सविच राज्यपाल कल्पना अवस्थी,विशेष कार्याधिकारी तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।