आज तो आसमान भी खूब रोया है,
आखिर धरती पुत्र अपना जो खोया है,
मुलायम सिंह यादव आज नहीं रहे हैं,
समाजवादी बड़े नेता हमें छोड़ गये हैं।
मुलायम सिंह जी की राजनीति
सबको साथ ले चलने वाली थी,
आरम्भ से ही एक ज़मीनी नेता थे,
उनके तो हिंदू-मुस्लिम भाई भाई थे।
उनके अचानक जाने से राजनीति
में एक सूना सूनापन आ जायेगा,
शायद ही कोई ऐसा नेता होगा,
जो विरोधियों से भी मान पायेगा।
धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव की शुरुआत: शिक्षक के बाद बने थे नेता
समाजवादी राजनीतिक सोच में
निश्चय ही एक शून्यता आएगी,
राममनोहर लोहिया विचारधारा में
इनकी कमी अंतिम साबित होगी।
ऐसे महान व्यक्तित्व को विनम्र
श्रद्धांजलि हम सभी आज देते हैं,
ईश्वर उन्हें अपनी शरण में ले लें,
आदित्य यह विनती हम करते हैं।