मधुकर त्रिपाठी
सबसे बड़े लोकतंत्र के महापर्व में जीत के लिए राजनीतिक दल दम भरने के साथ ही एक-दूसरे पर तीखे व्यंग्य बाण भी छोड़ते दिख रहे हैं। मतदाता शांत होकर सब कुछ देख रहा है और मन ही मन अपना विचार भी बना लिया है कि किस पार्टी के साथ उसको जाना है। हालांकि दो चरण के चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं। इन दोनों चरणों में मतदान के प्रतिशत का घटना बेहद ही चिंता का विषय है। लोकतंत्र के इस महापर्व में जो भी मतदाता हैं उनको शामिल होना चाहिए। इसके साथ ही सभी राजनीतिक दलों को यह चिंतन करना चाहिए कि आखिर मतदान का प्रतिशत कम क्यों हो रहा है? कहीं मतदताओं को ऐसा तो नहीं लग रहा है कि जब 400 पार का नारा लग ही रहा है तो हम क्यों मेहनत करें।
साल 2014 में मोदी अच्छे दिन आयेंगे के नारे के साथ देश के प्रधानमंत्री बने थे। अबकी बार मोदी सरकार। ‘बहुत हुई देश में महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार’, ‘बहुत हुआ किसान पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार’, बहुत हुआ भ्रष्टाचार, अब की बार मोदी सरकार’। वर्ष 2019 में मोदी फिर से देश के प्रधान सेवक बने। इस बार बीजेपी ने मोदी हैं तो मुमकिन है के साथ चुनाव लड़ा और फिर से एक बार फिर मोदी सरकार। 2024 में अबकी बार 400 पार और मोदी की गारंटी के नाम पर बीजेपी हैट्रिक लगाना चाह रही है।
इस हैट्रिक को लगाने के लिए मोदी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों पर हमलावर हैं। राहुल गांधी समेत विपक्षी गठबंधन के अन्य नेताओं का दावा है कि भाजपा सत्ता से जा रही है। लोगों के बीच घूम कर उनकी राय लेने पर भी ऐसा लगता है कि इस बार के चुनाव में वोटर थोड़ा भ्रमित दिख रहा है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि मोदी देश के लिए सही और फिट नेता हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि अब सरकार बदलनी चाहिए। किसी और को भी मौका देना चाहिए। इसका कारण पूछने पर पता चलता है कि जैसे 2014 से पहले कांग्रेस की सरकार में महंगाई पर कोई अंकुश नहीं लग पाया था, वैसे ही अब मोदी सरकार में भी महंगाई अपने चरम पर है। कुछ लोग बेरोजगारी की भी बात कर रहे हैं।
NDA जहां मोदी की गारंटी, राम मंदिर, सनातन, भ्रष्टाचार के साथ चुनावी मैदान में है, वहीं इंडिया गठबंधन संविधान बचाने का दावा कर रहा है। भाजपा ने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र नाम दिया है तो वहीं कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र नाम दिया है। इसमें कांग्रेस पार्टी ने देशभर में जाति आधारित जनगणना कराने का भी वादा किया है। कांग्रेस ने कहा है कि उसका घोषणा पत्र पांच न्याय (हिस्सेदारी न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और युवा न्याय) पर आधारित है। पांच न्याय के साथ ही 25 गारंटी का भी जिक्र है।
नरेंद्र मोदी 2047 के विकसित भारत के सपने को साकार करने की बात कर रहे हैं। इसके अलावा राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराने और भ्रष्टाचार और परिवारवाद के लिए विपक्षी दलों पर हमलावर हैं। अनुच्छेद 370, तीन तलाक और राम मंदिर जैसे मुद्दों से वह मोदी की गारंटी बताकर लोगों को ये विश्वास दिलाने की कोशिश में लगे हैं कि वह जो कहते हैं वो करते हैं।
विपक्ष के तरकश में मोदी की गारंटी जैसा कोई तीर नहीं है। इसके साथ ही प्रधानमन्त्री फेस के लिए उसके पास कोई उम्मीदवार नहीं दिख रहा जो मोदी के टक्कर का हो। वह बस इलेक्टोरल बाॅन्ड और अडानी को लेकर भाजपा पर हमलावर है। इंडिया गठबंधन के नेता लोगों को मोदी का डर भी दिखा रहे हैं। प्रियंका और राहुल गांधी जनसभाओं में ये दावा कर रहे हैं कि अगर मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने तो वह संविधान बदल देंगे। लोकतंत्र खत्म कर देंगे। इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के नेता भी कुछ ऐसे ही बयान देने में जुटे हैं। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार आरोप लगाया जा रहा है।
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साल 2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियां कई मुद्दों की बात कर मतदाताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश में लगी हुई हैं। मोदी की गारंटी, कांग्रेस की न्याय गारंटी, बेरोजगारी, महंगाई, अनुच्छेद 370, सीएए, समान नागरिक संहिता, राम मंदिर, इलेक्टोरल बॉन्ड, किसानों के मुद्दे, MSP की गारंटी, CBI व ED रेड और विकसित भारत विजन जैसे मुद्दे शामिल हैं। बहरहाल अब देखना यह होगा कि सत्तारूढ़ BJP केंद्र में हैट्रिक लगाने में सफल होती है या फिर कांग्रेस नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन NDA के एक दशक पुराने किले को ढहा पाने में सफल होता है।
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