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हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत या ग्यारस तिथि का महत्त्व
जयपुर से राजेंद्र गुप्त हिंदू धर्म में एकादशी या ग्यारस एक महत्वपूर्ण तिथि है। एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है। एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य देव का पूजन व वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत ही एकादशी व्रत कहलाता है। पद्म पुराण के अनुसार स्वयं महादेव ने नारद जी को उपदेश […]
Read Moreव्रतियों के सम्पूर्ण कल्याण का मार्गशीर्ष माह का मासिक शिवरात्रि व्रत आज,
जयपुर से राजेंद्र गुप्त हिंदू धर्म में पति की लंबी आयु, बच्चे के अच्छे स्वास्थ के लिए कई व्रत किए जाते हैं लेकिन एक ऐसा व्रत है जिसके प्रभाव से पूरे परिवार का कल्याण होता है। वह है मासिक शिवरात्रि। शिव की प्रित तिथि है मासिक शिवरात्रि जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी […]
Read Moreपहली बार मां के दूध में मिला प्लास्टिक का कण, विशेषज्ञों ने दी ये सलाह
मां के दूध में प्लास्टिक का खतरा पहुंच गया है। शोधकर्ताओं ने पहली बार बताया है कि स्तन के दूध में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण पाए गए हैं। इटली में यूनिवर्सिटी ऑफ पॉलिटेनिका के वैज्ञानिकों ने प्रसव के एक हफ्ते बाद 34 माताओं के दूध के नमूनों का अध्ययन किया। इनमें से तीन चौथाई नमूनों […]
Read Moreराशि अनुसार करें कन्या पूजन और कन्याओं को दें ये उपहार
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा लखनऊ। नवरात्रि की पूजा में कन्या पूजन का विशेष महत्व है और बिना कन्या पूजन के नवरात्रि की पूजा पूरी नहीं हो पाती। नवरात्रि की नवमी तिथि को कन्या पूजन कर मां को विदा किया जाता है। इस पूजन में दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को आमंत्रित […]
Read Moreनवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता आज नवरात्रि का 6वां दिन है। आज मां नव दुर्गा के छठे रूप मां कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कात्यायनी मां का स्वरूप सुख और शांति प्रदान करने वाला है। देवी कात्यायनी की पूजा सुबह किसी भी समय कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, […]
Read Moreश्राद्ध में सभी लक्षणों को पूरा करने वाला ब्राह्मण ही है स्वीकार्य, विकल्प से फल प्राप्ति संदिग्ध,
परमानंद पांडे आमंत्रित किए जाने वाले ब्राह्मणों की योग्यता पर धर्मग्रंथों में विस्तृत विचार किया गया है और उनकी श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। गृह्य सूत्रों में बहुत कम योग्यताएं वर्णित हैं, किन्तु स्मृतियों एवं पुराणों में निमंत्रित किए जाने वाले ब्राह्मणों की योग्यताओं में निरंतर वृद्धि होती गई। आश्वलायन गृह्य सूत्र, शांखायन गृह्य सूत्र, […]
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