Freedom
मानव-स्वतंत्रता के दो स्तम्भ! भारत और फ्रांस का संगम!!
अगले महीने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली आकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति एक कीर्तिमान रचेंगे। फ्रांस अकेला गणराज्य है जिसके भिन्न राष्ट्रपति गण पांच बार गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ा चुके हैं। यूरोप का कोई अन्य देश भारत के इतने निकट और प्रिय नहीं रहा। इसीलिए राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रोन का आगमन इन एशियायी […]
Read Moreसंविधान हमारे देश की रक्षा करता है : प्रो त्रिपाठी
संविधान दिवस पर आंबेडकर मित्र बनाने की घोषणा भारत को विकास पथ पर ले जाने का किया आह्वान आज़मगढ़। पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा में चेयर प्रोफेसर राष्ट्रपति जी के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी प्रो. कन्हैया त्रिपाठी ने कहा कि संविधान हमारे देश का रखवाला है। संविधान में व्यक्ति को गरिमा, स्वतंत्रता, न्याय एवं विकास देने […]
Read Moreतिब्बतियों ने कहा G20 चीन-तिब्बत मुद्दे पर ध्यान दे, राजधानी में प्रदर्शन किया
नई दिल्ली। भारत में निर्वासन का जीवन रहे तिब्बतियों ने G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए यहां आ रहे विश्व के प्रमुख देशों के नेताओं से वैश्विक चर्चाओं के दौरान चीन-तिब्बत मुद्दे और उस पर प्राथमिकता देने की मांग को लेकर शुक्रवार को मजनू-का-टीला में प्रदर्शन किया। राजधानी में तिब्बतियों की एक प्रमुख […]
Read Moreयूरोपीय संघ प्रतिनिधिमंडल_बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी की बैठक, क्या हो रहा है यूरोपीय मूल्यों का हनन ?
शाश्वत तिवारी बांग्लादेश के चुनावी माहौल में एक बार फिर राजनीति का तवा गर्म है। ऐसे में इस गर्म तवे पर तमाम राजनीतिक दल नरम नरम रोटी सेक कर जनता को खिलाने की जद्दोजहद में लगे हैं। इस राजनीतिक माहौल में यूरोपीय संघ प्रतिनिधिमंडल और बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी की हाल ही में हुयी बैठक यूरोपीय मूल्यों […]
Read Moreनस्लवाद पर फ्रांस में विद्रोह ! प्रधानमंत्री की यात्रा अधर में !!
के. विक्रम राव फ्रांस जल रहा है। सरकारी इमारतें धधक रही हैं। पुलिस पर जनाक्रोश इतना उभर पड़ा है कि हर सत्ता का प्रतीक हमले का लक्ष्य बन गया है। विडंबना यह है कि यह सब हो रहा है बैस्टिल दिवस (14 जुलाई) के ठीक दस दिन पूर्व। इसी दिन पर फ्रांस ने ढाई सदी […]
Read Moreअब समय के साथ बदल रहा है आजादी का मतलब
कैसा विक्षोभ, वितृष्णा, विरूप, विकृति, विषाद की अनुभूति होती है आज (23 मार्च 2023) ! शहीदे आजम का बलिदान दिवस है। समाजवाद के सूरज लोहिया की जयंती है। मगर अतीव ग्लानि होती है यह बोध होने पर कि बमुश्किल शून्य दशमलव एक प्रतिशत (केवल तीस हजार) भारतीय ही ब्रिटिश साम्राज्य से लड़े थे। तब (1930 […]
Read Moreभगत सिंह: आजादी के इस मतवाले के कितने रूप
यशोदा श्रीवास्तव जब हम तथाकथित प्रगतिशील लेखक की एक बहुचर्चित फिल्म देखते हैं तो जान पाते हैं कि गांधी का हत्यारा गोडसे इस गुस्से में गांधी का कत्ल कर देता है कि गांधी ने भगत सिंह को फांसी से बचाने का कोई उपाय तो नहीं ही किया, अंग्रेज हुकूमत के इस क्रूरतम कृत्य की निंदा […]
Read MoreG20 में अंत्योदय विचार
डॉ दिलीप अग्निहोत्री कुछ वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास के लक्ष्य निर्धारित किए थे। भारत ने अपने स्तर से इस पर अमल सुनिश्चित किया था। इसके दृष्टिगत अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से जी 20 देशों भी इन विकास लक्ष्यों पर साझा प्रयास का मंसूबा […]
Read Moreगोवा मुक्ति का ऐतिहासिक सच!!
‘लोहिया एक जीवनी’ में उल्लिखित है कि है, “फ़रवरी 1947 में नेहरू ने यहां तक कह दिया कि गोवा का प्रश्न महत्वहीन है। उन्होंने इस पर भी संदेह जताया कि गोवा के लोग भारत के साथ आना चाहते हैं। इसके बाद गोवा की स्वतंत्रता का आंदोलन मुरझाने लगा। लेकिन गोवा के लोगों का मन बदल […]
Read Moreप्रवास और गतिशीलता बढ़ाने पर भारत और फिनलैंड ने किये संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर
शाश्वत तिवारी भारत और फिनलैंड के बीच के रिश्ते और मजबूत होते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच प्रवास और गतिशीलता पर पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था बनाने को लेकर संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इस संयुक्त घोषणा के दौरान भारत के संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वीo मुरलीधरन और फिनलैंड की रोजगार […]
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