सत्य के प्रति निष्ठावान रहना ही कानूनी पेशे का मूलभूत आधार: डॉ जीके गोस्वामी

  • साक्ष्य एकत्र करने और विश्लेषण की प्रक्रिया न्यायिक रूप से मान्य हो
  • गलत दोष सिद्धि एवं निर्दोषता के दावे” विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ में ‘‘गलत दोष सिद्वि एवं निर्दोषता के दावे ’’ विषय पर आज दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुआ । इस कार्यशाला में प्रख्यात कानूनी व फॉरेंसिक विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने भाग लिया। आज के कार्यशाला में जैविक साक्ष्य की विश्वसनीयता निर्धारण तथा नमूना संग्रहण से लेकर फॉरेंसिक विश्लेषण तक पर गहन चर्चा की गई। इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी ने कार्यशाला में उपस्थित छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक किसी रिपोर्ट को न्यायालय में प्रमाणिकता नहीं मिलती, तब तक उसकी कोई वैधता नहीं होती है । उन्होंने महत्वपूर्ण केस राहुल बनाम राज्य और अनोखी लाल बनाम मध्य प्रदेश जैसे मामलों का उदाहरण देते हुए बताया कि साक्ष्य एकत्र करने और उनके विश्लेषण की प्रक्रिया न्यायिक रूप से मान्य होनी चाहिए, अन्यथा रिपोर्ट का कोई अर्थ नहीं रह जाता और इसका लाभ अभियुक्त पक्ष चला जाता है।

डॉ. गोस्वामी ने यह भी कहा कि न्याय प्रणाली दो भागों में बंटी होती है,पहला पदार्थगत कानून और दूसरा प्रक्रियागत कानून। पदार्थगत कानून वह होता है जो अपराध की परिभाषा और सजा तय करता है, जबकि प्रक्रियागत कानून उस प्रक्रिया को निर्धारित करता है जिसके आधार पर साक्ष्य जुटाए जाते हैं और न्यायिक निर्णय लिए जाते हैं उन्होंने फॉरेंसिक जांच के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि केवल वैज्ञानिक विधियों की उपलब्धता ही नहीं, बल्कि उनके सही उपयोग और साक्ष्य के संग्रहण की प्रक्रिया भी न्याय की निष्पक्षता को सुनिश्चित करती है। उदाहरण के रूप में उन्होंने कहा कि डीएनए जांच, फॉरेंसिक रिपोर्ट, और अपराध स्थल की जांच से जुड़े मानकों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। इस अवसर पर डॉ. गोस्वामी ने बताया कि न्यायिक प्रक्रिया में केवल अभियोजन पक्ष की जीत ही अंतिम उद्देश्य नहीं होनी चाहिए, बल्कि निष्पक्ष और न्यायसंगत निर्णय ही सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों और प्रतिभागियों से कहा कि सत्य के प्रति निष्ठावान रहना ही कानूनी पेशे का मूलभूत आधार होना चाहिए।

इस अवसर पर संस्थापक निदेशक डॉ. जी.के गोस्वामी ने अतिथि वक्तागणों को प्रतीक चिन्ह तथा उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच में कुशलता से इंटर्नशिप पूर्ण करने वाले विधि संवर्ग के पाँच छात्रों को सर्टिफिकेट दे कर सम्मानित किया । डीन  एसपी राय तथा प्रशासनिक अधिकारी अतुल यादव, ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी अतुल यादव, श्रुति दास गुप्ता, विवेक कुमार, डॉ. रोशन सिंह, प्रतिसार निरीक्षक वृजेश सिंह, फेक्ल्टी डॉ. सपना, नव्या मल्ल ,डॉ अभिषेक दीक्षित, आशुतोष पाण्डेय, निकिता चौधरी, आशीष, एवं आद्या अन्त्या सहित संसथान की छात्र छात्राए एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।

Health Lifestyle

दाद मर्दन: सुनहरे फूलों वाला चमत्कारी पौधा

दाद-खाज-फंगल इन्फेक्शन का रामबाण, आयुष मंत्रालय भी मानता है ‘प्रकृति का अनमोल उपहार’  भारत की मिट्टी में उगने वाला सुनहरा-पीला फूलों वाला पौधा ‘दाद मर्दन’ (वैज्ञानिक नाम: Cassia alata) सदियों से त्वचा रोगों का सबसे भरोसेमंद इलाज रहा है। आयुष मंत्रालय इसे “प्रकृति का अनमोल उपहार” कहता है। गांवों में ‘कैंडल बुश’ या ‘रिंगवर्म बुश’ […]

Read More
Health homeslider Lifestyle

रात को सोने से पहले सिर्फ 2 इलायची खाएं, फिर देखें कमाल

इलायची सिर्फ मसाला नहीं, एक छोटा-सा सुपरफूड है। रात में सोने से ठीक पहले 2 हरी इलायची अच्छे से चबाकर खाएं और ऊपर से एक गिलास हल्का गुनगुना पानी पी लें। 15-20 दिन लगातार करने से शरीर को ये कमाल के फायदे मिलते हैं: गहरी और सुकून भरी नींद इलायची में मेलाटोनिन बूस्ट करने वाले […]

Read More
Health

रोज सुबह भीगे हुए चने खाने से मिलते हैं ये 7 गजब के फायदे

वजन से लेकर दिल तक सब रहता है फिट भारतीय घरों में सदियों से चना एक खास जगह रखता है। खासकर काले चने को रात भर भिगोकर सुबह खाली पेट खाने की परंपरा आज भी लाखों लोग निभाते हैं। यह कोई अंधविश्वास नहीं, बल्कि विज्ञान भी इसकी ताकत को मानता है। काले चने में प्रोटीन, […]

Read More