हर दिन कुछ खास लेकर आता है। इस दिन क्या पर्व है और क्या तिथि है, इस बारे में जान लेने से हमें कई फायदे होते हैं। एक दिन के अंदर एक बार राहुकाल आता है, जो हमें कहता है कि इस समय आपको थोड़ी सावधानी बरतनी है। साथ ही पंचाग हमें ये भी बताता है कि आज किस दिशा की ओर दिशाशूल है। यदि हमें मजबूरन यात्रा भी करनी है, तो वह उसका निदान भी बताता है। इसलिए नया लुक आपको नित्य पंचाग देता है, देखिए और लाभ लीजिए।
दिनांक – 24 मार्च 2023
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत
मास – चैत्र
पक्ष – शुक्ल
तिथि – तृतीया शाम 04:59 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र – अश्विनी दोपहर 01:22 तक तत्पश्चात भरणी
योग – वैधृति रात्रि 01:43 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
राहु काल – सुबह 11:15 से 12:46 तक
सूर्योदय – 06:40
सूर्यास्त – 06:52
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:06 से 05:53 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 से 01:09 तक
व्रत पर्व विवरण – मत्स्य जयंती, गौरी तृतीया, गणगौर
विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)