- पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को जमसेदपुर पश्चिमी के विधायक ने लिखा पत्र
- सोमवार की दोपहर तक मानगो-उलीडीह के कई इलाकों में जलापूर्ति नहीं हुई
- दबाव बनाने के बाद पेयजलापूर्ति सुधर जाती है, फिर वही ढाक के तीन पात
- पेयजल स्वच्छता विभाग के सिविल-मेकेनिकल विंग के अधिकारी एक-दूसरे पर दोष मढ़ते हैं
जमशेदपुर। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने पूर्वी जमशेदपुर के उपायुक्त को पत्र लिख कर मानगो में चल रही पेयजलापूर्ति परियोजना के परिचालन पर गंभीर असंतोष जताया है। सरयू राय ने पत्र में लिखा है कि उनकी पहल पर पेयजल स्वच्छता विभाग के सचिव स्तर से हुए हस्तक्षेप के फलस्वरूप इंटेक वेल, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में नए पावर मोटर ख़रीदे गए, लगे भी पर इनका कार्य संतोषप्रद नहीं है। इनका परिचालन भी नियमानुकूल नहीं हो पा रहा है। बड़ा इलाक़ा नियमित जलापूर्ति से वंचित है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में विसंगतियों की ओर उन्होंने कई बार ठोस संकेत किया पर हल नहीं निकल सका। घोषणा हुई कि दुर्गा पूजा- नवरात्रि के समय पेयजल की आपूर्ति बाधित नहीं होगी, पर ऐसा नहीं हो पाया।
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पर्व त्योहार में भी शिकायतें आती रहीं। आज यानी सोमवार की स्थिति यह थी कि दोपहर तक मानगो-उलीडीह के उन कई इलाकों में जलापूर्ति नहीं हुई, जिन इलाकों में पहले संतोषजनक जलापूर्ति हुआ करती थी। मानगो के अखाड़ा गली, लक्ष्मी नगर, गौड़ बस्ती, राधा कृष्ण मंदिर के पीछे तथा उलीडीह के रामकृष्ण कॉलोनी, बिरसा पथ, फुटबॉल मैदान के पीछे का इलाका, जवाहर नगर रोड नंबर 4, न्यू उलीडीह आदि स्थानों पर पहले पीने का पानी आता था पर कुछ दिनों से नहीं आ रहा है। इतना ही नहीं, ज़ाकिर नगर, बगान शाही इलाकों की भी ऐसी ही स्थिति है। समता नगर का एक भाग पेयजल सुविधा से सर्वथा वंचित ही है।
राय ने उपायुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि आप समय-समय पर इस परियोजना की एवं अन्य परियोजनाओं की सघन समीक्षा करते हैं।
अब इसका परिचालन नगर निगम के पास आ रहा है। ऐसी स्थिति में नगर निगम के पदाधिकारियों की भी इस परियोजना के परिचालन के संबंध में सजग रहने का दायित्व बनता है। राय के अनुसार, पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारी इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं। वह इनसे उब गये हैं। दबाव बनने के बाद संबंधित इलाकों में पेयजल आपूर्ति सुधर जाती है, फिर वही ढाक के तीन पात। इस मामले में पेयजल स्वच्छता विभाग के संबंधित अधिकारियों की भूमिका की समीक्षा जरूरी है और यह भी कि उपयुक्त कार्रवाई भी होनी चाहिए।
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राय ने पत्र में लिखा कि मानगो पेयजल आपूर्ति परियोजना एक महात्वाकांक्षी जनसुविधा परियोजना है जिसके संस्थापन पर ₹125 करोड़ से अधिक व्यय हो चुका है, फिर भी परियोजना अधूरी है। मानगो के बालीगुमा क्षेत्र में पानी की टंकी बनकर कई साल से खड़ी है। पूरे इलाक़े में आपूर्ति पाइप लाइन बिछ गई है, पर कतिपय नगण्य सदृश कारणों से उपभोक्ता जलापूर्ति के लाभ से वंचित हैं। ऐसी ही स्थिति पृथ्वी पार्क स्थित पानी टंकी की भी है। 2014-19 कालखंड में विधायक के नाते उन्होंने इस टंकी की स्थापना के मार्ग की बाधाओं को दूर कराकर इसका निर्माण सुनिश्चित कराया। टंकी का निर्माण हो जाने के बावजूद गत 5 वर्ष से इस टंकी से जलापूर्ति नहीं हुई। गत फ़रवरी माह में पेयजल स्वच्छता विभाग के सिविल और मेकेनिकल भागों में समन्वय कराकर इसे चालू कराया, परंतु इसका परिचालन असंतोषजनक होने के कारण उपभोक्ताओं के घरों तक पेयजलापूर्ति किसी दिन होती है, किसी दिन नहीं होती है। इस मामले में पेयजल स्वच्छता विभाग के सिविल और मेकेनिकल विंग के अधिकारी एक दूसरे पर दोष मढ़ते रहते हैं।

