- शिव नादर सबसे आगे, उनके पीछे अज़ीम प्रेमजी
- नम्बर-एक और नम्बर-दो अमीरों ने दिखाई कंजूसी
लखनऊ। ये भारत देश है। दानवीर दधीचि की तपस्थली। महादानी कर्ण का देश। सदी बदल जाने से यहाँ की परम्पराएँ नहीं बदलने वाली है। उसी परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं देश के नए दानवीर। उन्हीं में से एक हैं शिव नादर। वो हर दिन 5.6 करोड़ रुपये दान में देते हैं। दूसरे हैं अज़ीम प्रेमजी क़रीब पाँच करोड़ रुपये वो प्रतिदिन दान करते हैं। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के मालिक मुकेश अम्बानी प्रतिदिन क़रीब एक करोड़ रुपये दान करते हैं। हालाँकि भारत में तेज़ी से बढ़े मुकेश अम्बानी दान करने में अभी कंजूस साबित हो रहे हैं। उन्होंने महज़ 85 करोड़ रुपये ही दान किए हैं।
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एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी द्वारा जारी सूची के मुताबिक साल 2023 में देश के 10 उद्योगपतियों ने कुल पाँच हज़ार 806 करोड़ रुपये दान दिए। वहीं पिछले साल यह रकम तीन हज़ार 23 करोड़ रुपये थी। इस सूची में HCL के संस्थापक शिव नादर ने अपना पहला स्थान बरकरार रखा है। उन्होंने इस साल दान में 76 फ़ीसदी की बढ़ोतरी करते हुए दो हज़ार 42 करोड़ रुपये दान दिए। उनके बाद दूसरे नम्बर पर विप्रो के मालिक अजीम प्रेमजी रहे, जिन्होंने एक हज़ार 774 करोड़ रुपये डोनेट कर डाले। पिछले के मुकाबले उन्होंने अपने दान में 267 प्रतिशत बढ़ोतरी की।
आदित्य बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला ने क़रीब 287 करोड़ रुपये दान दान देकर चौथे भारतीय के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा। वहीं कुछ व्यक्तियों और परिवारों ने दान देने वालों की सूची में शीर्ष 10 में जगह बनाने के मामले में छलांग लगाई है। इसमें बजाज परिवार के साथ-साथ साइरस एस पूनावाला और अदार पूनावाला और रोहिणी नीलेकणी भी शामिल हैं।
अडाणी-अम्बानी दिखा रहे कंजूसी
देश के सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी की बात करें तो उन्होंने इस साल क़रीब 376 करोड़ रुपये का दान दिया। जो पिछले साल से करीब आठ फीसदी कम है। हालाँकि वह सूची में तीसरे सबसे दानवीर व्यक्ति के रूप में मौजूद हैं। वहीं दूसरे सबसे अमीर भारतीय गौतम अडाणी दो स्थान ऊपर चढ़कर सूची में पांचवें सर्वाधिक दान करने वाले व्यक्ति बने हैं। उन्होंने 85 करोड़ रुपये का दान किया।
धन से अमीर लेकिन ज़मीर से गरीब
रिपोर्ट के मुताबिक़ अडाणी की संपत्ति 4.74 लाख करोड़ रुपये है और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक की संपत्ति इस दौरान दो प्रतिशत बढ़कर 8.08 लाख करोड़ रुपये हो गई। जबकि शिव नादर की संपत्ति 2.28 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी और वह सॉफ्टवेयर उद्योग के प्रमुख चौथे सबसे अमीर भारतीय थे। इनके अलावा विप्रो के अज़ीम प्रेमजी 30 हज़ार करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ 58वें स्थान पर थे।
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