उमेश पाल हत्याकांड की साजिश के दौरान अनाधिकृत मुलाकातों का मामला
शासन व जेल मुख्यालय के अफसरों ने कारण बताओं नोटिस देकर किया था रफादफा
राकेश यादव
लखनऊ। प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड की साजिश बरेली जिला जेल में रचने का खुलासा होने के बाद शासन व जेल मुख्यालय के पक्षपातपूर्ण कार्यवाही के मामले को लगातार उठाया गया। इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बरेली जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक राजीव शुक्ला को मंगलवार को निलंबित कर ही दिया गया। यह अलग बात है कि शासन ने बरेली के साथ ही साथ बांदा और नैनी जेल के अधीक्षक को भी निलंबित किया है।
बीती 10 फरवरी को चित्रकूट की रगौली जेल में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की पत्नती निखत से हो रही अनाधिकृत मुलाकातों के मामले में हरकत में आए शासन ने आनन-फानन में जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर, जेलर संतोष कुमार समेत सात जेलकर्मियों को निलंबित कर दिया था। वहीं बरेली जेल में उमेश पाल की हत्या की साजिश के दौरान बरेली जेल में हुई अनाधिकृत मुलाकातों के मामले ने जेल मुख्यालय ने जेलर राजीव मिश्रा समेत आठ कर्मियों को निलंबित किया गया। जेल प्रशासन के अधिकारियों ने जेल के वरिष्ठ अधीक्षक राजीव शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई से बचा लिया गया। इस मामले को लगातार उठाया गया।
एक ही जैसी दोनों जेलों में हुई घटनाओं में एक जेल में अधीक्षक समेत सभी कर्मियों पर कार्रवाई की गई वहीं बरेली जिला जेल में वरिष्ठ अधीक्षक को बचा लिया गया। मामला सुखिर्यो में आने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को भी निलंबित कर दिया गया। वर्तमान समय में माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ की अनाधिकृत रूप से मुलाकात कराने के मामले एक वार्डर व कैंटीन सप्लायर को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। बरेली जेल अधिकारियों को सिर्फ निलंबित कर मामले को निपटा दिया गया। चर्चा है कि जांच पूरी होने के बाद दोषी अफसरों व सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।