छह साल में योगी बन गये ग्लोबल ब्रांड

राजेश श्रीवास्तव


भारत के विभिन्न राज्य के लोगों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंडिया के फ़ेवरेट सीएम बनकर उभरे हैं। यही नहीं विदेश में बसे भारतीयों में भी सीएम योगी को लेकर जबरदस्त क्रेज देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार सीएम योगी के समर्थन में हैशटेग ट्रेंड कर रहा है। योगी आदित्यनाथ शनिवार को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा करने जा रहे हैं। साथ ही उनकी लोकप्रियता में भी गजब का इजाफा देखने को मिला है। भारत के विभिन्न राज्य के लोगों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंडिया के फ़ेवरेट सीएम बनकर उभरे हैं। यही नहीं, विदेश में बसे भारतीयों में भी सीएम योगी को लेकर जबरदस्त क्रेज देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार सीएम योगी के समर्थन में हैशटेग ट्रेंड करता रहता है। शुक्रवार को सोशल नेटवîकग साइट ट्विटर पर हैशटैग ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश का सबसे फ़ेवरेट मुख्यमंत्री बताया गया है। इस ट्रेंड में यूपी ही नहीं तमिलनाडु, पंजाब, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और उत्तराखंड के लोगों ने योगी आदित्यनाथ को सबसे बेहतरीन मुख्यमंत्री बताया है। वहीं, जर्मनी और स्पेन से भी लोगों ने योगी को बेस्ट सीएम बताया है। सोशल मीडिया पर करोड़ों यूजर्स के बीच सीएम योगी और बदलते उत्तर प्रदेश को लेकर चर्चाएं आम हैं।  गौरतलब है कि यूपी से माफिया और गुंडाराज के खात्मे के अलावा जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा, शिक्षा, अपराध, इन्फ्रास्ट्रक्चर, एक्सप्रेस वे, 35 लाख करोड़ का निवेश और रोजगार के मोर्चे पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है, उसे देखते हुए सीएम योगी को लेकर क्रेज बढ़ते हुए साफ देखा जा सकता है।

इसके अलावा जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने दशकों से बने परसेप्शन को तोड़ते हुए इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिग में ऊंचाइयों को हासिल किया है, उसे भी लोगों की सराहना मिल रही है। साथ ही विरासत का सम्मान और अयोध्या, काशी, मथुरा सहित चित्रकूट, नैमिश और प्रयागराज में जिस तरह मूलभूत सुविधाओं का विकास करते हुए धार्मिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है, उसे लेकर भी लोगों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर सकारात्मक भाव बढ़ा है। साथ ही मिथकों को तोड़ते हुए जैसे उन्होंने नोएडा का दौरा किया, लोग सोशल मीडिया पर इसकी भी सराहना करते दिख रहे हैं। माफिया-अपराधियों के नौ हजार करोड़ जब्त, छह साल के योगी राज में यूं गरजा बाबा का बुलडोजर 25 मार्च को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा हो रहा है। इससे पहले शुक्रवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार ने रिपोर्ट कार्ड पेश किया है। यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल का एक साल आज पूरा हो रहा है। इसके एक दिन पहले सरकार की ओर से प्रदेश की कानून व्यवस्था को रिपोर्ट कार्ड पेश किया है। तो आइये जानते हैं कि एक साल में योगी सरकार, प्रदेश की कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर कितना पास हुई और कितना पेल रही। यूपी का जिम्मा संभालते ही सीएम योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराधियों की कमर तोड़ने का संकल्प लिया। नतीजन पिछले छह वर्षों में प्रदेश में योगी सरकार में 10 हजार से ज्यादा पुलिस एनकाउंटर किए गए। यह दर्शाता है कि यूपी में योगी सरकार के आने के बाद राज्य में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।

इन जिलों में कमिश्नरेट की व्यवस्था लागू

साथ ही प्रदेश में अपराध नियंत्रण को लेकर योगी सरकार ने लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था लागू की। यह व्यवस्था लागू कर योगी सरकार ने पुलिस अधिकारियों के दायरे को बढ़ा दिया। अब उन्हें किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम समेत अन्य अधिकारियों के फैसले के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता। पुलिस खुद किसी भी स्थिति में फैसला ले सकती है।

90 अरब की संपत्ति पर सील की कार्रवाई

वहीं, प्रदेशभर में गैंगस्टर एक्ट के तहत 90 अरब 22 करोड़ 93 लाख की चल-अचल संपत्तियों पर सील की कार्रवाई की गई। वहीं, माफिया एवं दुर्दांत अपराधियों को चिन्हित किया गया। प्रदेश के माफिया और दुर्दांत अपराधियों द्बारा अवैध रूप से अर्जित 2819 करोड़ से अधिक की संपत्तियां पर बुलडोजर चलाकर नष्ट कर दिया गया ।

10 हजार से ज्यादा एनकाउंटर

इसके अलावा छह सालों में 10 हजार से ज्यादा एनकाउंटर किए गए। इसमें 175 दुर्दांत अपराधी मुठभेड़ में मारे गए और 15885 इनामी अपराधियों को जेल भेजा गया। वहीं, पॉक्सो अधिनियम और महिला अपराध के तहत 7276 अपराधियों को सजा दिलाई गई। पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई करने में प्रदेश को प्रथम स्थान भी मिला।

प्रदेश भर में नए थाने स्थापित किए गए

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के मामले में सजा दिलाने में 59.1 फीसदी की दर से देश में यूपी प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में अपराध पनप न सके इसके लिए पूरे राज्य में 114 नए थाने, 163 नई चौकियां, छह नए महिला पुलिस थाने, 4 नए आर्थिक अपराध इकाई थाने, 16 नए साइबर क्राइम स्टेशन और 10 सर्तकता अधिष्ठान की शाखाएं खोली गईं ।

ATS  की नई फील्ड यूनिट गठित

प्रदेश के 1518 थानों में कुल 15130 महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की गई। साथ ही अयोध्या में एसटीएफ इकाई गठित की गयी।

कुछ और उपलब्धियां प्रदेश के सात जिलों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की गई

  1. देवबंद, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर सहित अन्य जनपदों में एटीएस की नई फील्ड यूनिट गठित की गई
  2. पीएम किसान सम्मान निधि से 2.60 करोड़ किसानों को 52190 करोड़ रुपये हस्तांतरित हुआ
  3. बाढ़ से बचाव के लिए 266 परियोजनाएं पूर्ण
  4. 36 सिचाई परियोडजनाएं पूरी हुईं. 23.04 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिचन क्षमता सृजित
  5. जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से 8091 करोड़ का फसली ऋण वितरित
  6. 13 सहकारी बैंकों की नई शखाएं खोली गई
  7. निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए 6484 गोआश्रय स्थलों की स्थापना और 1073695 गोवंश संरक्षित

सभी जनपदों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना लागू

  1. निराश्रित महिला, वृद्धावस्था और दिव्यांगजन पेंशन के अंतर्गत 98.28 लाख लाभार्थियों को पेंशन दिया गया
  2. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में 2,25,689 जोड़ों का विवाह, अनुदान राशि 3पांच हजार से बढ़ाकर 51 हजार हुई
  3. पूवãदशम अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति योजना में पांचपांच लाख से ज्यादा छात्रों छात्रवृत्ति हस्तांतरित
  4. दशमोत्तर अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति योजना में पांच8 लाख से ज्यादा छात्रों छात्रवृत्ति हस्तांतरित
  5. पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना में पिछड़े वर्ग के 38 लाख से ज्यादा छात्रों छात्रवृत्ति हस्तांतरित
  6. 11 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान
  7. 15 करोड़ गरीबों को 7741 करोड़ के व्यय भार से 3पांच किग्रा खाद्यान्न का निशुल्क वितरण
  8. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 1.75 करोड़ से अधिक परिवारों को निशुल्क गैस कनेक्शन
  9. 345 लाख मीट्रिक टन धान क्रय कर 63,512 करोड़ का भुगतान
  10. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में 14.86 लाख, निराश्रित महिला पेंशन योजना में 32.62 लाख पात्र लाभांवित
  11. राज्य आजीविका मिशन के अंतर्गत 72.69 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं को 693663 स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया
  12. 341 किमी लंब पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, 296 किमी लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे संचालित
  13. विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में 173386 लोगों का प्रशिक्षण
  14. 83 हजार ओडीओपी कारीगरों को प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरित
  15. 90 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को 1छह हजार करोड़ का ऋण वितरित
  16. 1,21,324 मजरों का विद्युतीकरण, एक करोड़ पांच8 लाख घरों का विद्युत संयोजन
  17. निजी नलकूप कनेक्शन देने में डार्क जोन में लगे प्रतिबंद को हटाने से एक लाख किसान लाभान्वित
  18. निजी नलकूप के बिजली बिलों में 100 प्रतिशत की छूट
  19. सौर ऊर्ज़ा नीति-2022 के तहत पांच वर्षों में 22000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य
  20. गोरखपुर में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की स्थापना
  21. ग्रेटर नोएडा में उत्तर भारत का पहला हाइपर स्केल डाटा सेंटर प्रारंभ
  22. उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय और 1छह घरेलू हवाई अड्डों के साथ 21 एयरपोर्ट वाला राज्य बनने की ओर अग्रसर
  23. प्रदेश के एयरपोर्ट्स से 80 गंतव्यों के लिए वायु सेवा की सुविधा उपलब्ध
  24. पीएम आवास योजना ( शहरी) में 17 लाख छह2 हजार आवासों का निर्माण
  25. स्वनिधि योजना में रेहड़ी/पटरी लगाने वाले 10,33,132 स्ट्रीट वेंडर्स को 1190 करोड़ का ऋण
  26. नोएडा, गाजियबाद, लखनऊ, कानपुर व आगरा में मेट्रो रेल सेवा प्रारंभ
  27. हर ग्राम पंचायत एवं नगर निकाय में अमृत वन की स्थापना
  28. 150 नई बीएस-छह बसे बेड़े में शामिल, 84 बस स्टेशनों का सौंदर्यीकरण
  29. पीएम आवास योजना(ग्रामीण और शहरी)में 52.50 लाख आवासों का निर्माण स्वीकृति
  30. छह0 साल के मुकाबले छह साल में योगी सरकार ने तय किए तरक्की के कई मुकाम

योगी सरकार 2.0 का पहला साल पूरा हो गया। इस तरह सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने कार्यकाल का छह साल पूरा कर लिया है। आइए जानते हैं कौन सी योजनाएं योगी सरकार के एजेंडे में रहीं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल के छह साल पूरे कर लिए हैं। 2200 दिनों में सरकार ने विकास के मोर्चे पर कई कीर्तिमान रचे हैं। संकल्प पत्र के 130 वादों में 110 को बजट में जगह दी गई। गन्ना किसानों का 2 लाख 2 हजार करोड़ रुपए गन्ना मूल्य भुगतान किया गया। इस दौरान ग्लोबल इंवेस्टर समिट का आयोजन किया गया, इसमें लगभग 34 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रदेश भर में लोन मेलों का आयोजन किया गया। बंदियों के जीवन में बदलाव लाने के लिए यूपी सरकार का नया जेल मैनुअल आया है। पिछले छह साल में प्रदेश में पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। गैंगस्टर एक्ट में 90 अरब 22 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्तियां जब्त की गईं। धार्मिक स्थलों से 86,785 लाउडस्पीकर हटाए गए। छह8 हजार से अधिक लाउडस्पीकरों की ध्वनि कम की गई।

आदित्यनाथ बने विश्वास के योगी

यूपी की जनता ने भाजपा को पुन: विश्वास की चाभी सौंप दी है। दरअसल ये विश्वास है योगी की कार्यशैली पर…उनके स्टाइल पर…उनकी स्पष्टवादिता पर…उनकी नियत पर…उनके विजन पर…उनकी छवि पर…उनके एक्शन पर। पिछले छह वर्षों के कार्यकाल में योगी के रुप में उत्तरप्रदेश ही नहीं देश को भाजपा ने एक नया और बिल्कुल स्पष्टवादी नेता दिया। ऐसा नेता, जो अपनी धार्मिक भावना के साथ चलते हुए सबका साथ-सबका विकास का मूलमंत्र लेकर देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बनता है और देश के राष्ट्रवादियों के दिल में राज भी करना जानता है। दोबारा मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार योगी आदित्यनाथ ने वो इतिहास लिख दिया है जिसके लिए उत्तर प्रदेश का बड़े से बड़े दिग्गज राजनीतिज्ञों की कोशिशें सफल नहीं हुईं। योगी आदित्यनाथ आज योगी ब्रांड बन गया है। वह ब्रांड जो पूरे यूपी को ही नहीं देश में कहीं भी चुनाव हो, इस ब्रांड के बिना भाजपा की चुनावी नैया पार नहीं लगती। योगी विरोधियों के लिए जितने सख्त हैं अपनों के लिए उतने ही विनम्र। हर सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री को देना उनकी नम्रता को दिखाता है।

मुख्यमंत्री 37 साल का रिकार्ड तोड़ रहे हैं। विरोधी उनके नाम पर कांपते हैं। उनकी योजनाओं का गुणगान हर वर्ग करता है। उनके राज में महिलाएं अपनी सुरक्षा की चिता नहीं करती। उपद्रवी कभी अपनी योजनाओं को उप्र में बनाते ही नहीं क्योंकि उन्हें पता है मुख्तार अंसारी, गायत्री प्रजापति, आजम खां का क्या हश्र हुआ है। लेकिन शरीफों के लिए योगी तो धार्मिक हैं। विनम्र, सरल और हंसमुख । वह बच्चों के बीच पहुंचते हैं तो उन्हें दुलराते हैं। महिलाओं के बीच पहुंचते हैं तो उनको सुरक्षा का एहसास कराते हैं। युवाओं के बीच पहुंचते हैं तो उनके सुखद भविष्य की संकल्पना का एहसास कराते हैं। और जब बेहसहारों, जरूरतमंदों के बीच पहुंचते हैं तो एक मजबूत लाठी के रूप में सहारा बनते दिखते हैं। लेकिन जब आताताइयों, उपद्रवियों, माफियाओं, बदमाशों, दुराचारियों को चेतावनी देते हैं तो साक्षात काल की तरह। यही कारण है कि सिर्फ एक गाने ने उप्र की जीत की इबारत लिख दी… आयेगे तो योगी ही। यही प्रधानमंत्री को भी कहना पड़ा तो अमित शाह को भी। योगी एक नाम नहीं है एक विश्वास है, पूरे उत्तर प्रदेश का। तो आइये समझते हैं कि पांच साल में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने वाले योगी की कुछ खास बातें-

मैं योगी आदित्यनाथ शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्बारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा…। एक बार फिर बीजेपी के कद्दावर नेता योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे 2022 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने इतिहास रच दिया है। इस शानदार जीत के साथ पार्टी में योगी आदित्यनाथ का कद और बढ़ गया है। योगी ने यह भी मिथक भी तोड़ दिया कि जो मुख्यमंत्री नोएडा जाता है उसकी कुर्सी चली जाती है और कई बार नोएडा जाने के बावजूद वह उत्तर प्रदेश में लगातार पिछले पांच वर्ष से मुख्यमंत्री बने हुए हैं। उत्तरप्रदेश में एकतरफा जीत से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इतिहास लिख दिया है। पिछले छह वर्षों के कार्यकाल में योगी के रुप में उत्तरप्रदेश ही नहीं देश को भाजपा ने एक नया और बिल्कुल स्पष्टवादी नेता दिया। ऐसा नेता, जो अपनी धार्मिक भावना के साथ चलते हुए सबका साथ-सबका विकास का मूलमंत्र लेकर देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बनता है और देश के राष्ट्रवादियों के दिल में राज भी करना जानता है।

एक सात्विक व्यक्ति राजनीतिक क्षेत्र में रहकर भी कैसे सात्विकता बरकरार रखता है, ये व्यक्तिगत रुप से उनसे मिलने वालों ने और मैंने भी अपने शोध में पाया है। इन बीते छह वर्षों में वोट के नाम पर राजनीति करने वाले तमाम राजनेताओं और वामपंथियों ने योगी आदित्यनाथ की छवि को एक विशेष वर्ग का सपोर्ट और विशेष वर्ग का विरोध करने वाला बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। विभिन्न मीडिया संस्थानों में कार्य करने वाले कई पत्रकार पूरी तरह कैंपेन बनाकर डंटे रहे और इस दौरान अपनी रिपोîटग के माध्यम से योगी की एक अलग छवि बनाने में इन्होंने अपने काम में पूरी इमानदारी दिखाई। पर उत्तरप्रदेश की जनता ने अपने बाबा पर ही मुहर लगा दिया।

इन छह सालों में जहां यूपी में बाहुबलियों के प्रति बीजेपी सरकार यानी योगी के एक्शन मॉडल की खूब चर्चा देशभर में रही, वहीं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण संबंधित प्रक्रियाओं और सरकार के स्टेप के निर्णय ने देश ही नहीं दुनियाभर के सनातनियों का ध्यान खींचा और योगी आदित्यनाथ ने सराहना बटोरी। कुल मिलाकर योगी आदित्यनाथ की छवि को उत्तरप्रदेश की जनता ने वृहद स्तर पर स्नेह दिया और ये कहा कि समय की मांग योगी मॉडल ही हैं…उन्हें का बा ? का जवाब बीते छह वर्षों में मिला है, जिसका सकारात्मक जवाब फिर यूपी को भाजपा की झोली में डालकर यूपी की 2पांच करोड़ जनता ने दे दिया है। संन्यासी योगी आदित्यनाथ गणित में स्नातक हैं और देश के सबसे बड़े राज्य की राजनीतिक गणित को बेहतर समझते भी हैं, तभी तो इस वर्ष के विधानसभा चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पूरी तरह से प्रत्याशी चयन की बागडोर केवल योगी आदित्यनाथ को ही दे दी थी। योगी आदित्यनाथ ने राज्य की 403 सीटों में अपने पसंद और अपनी टीम की छविनुरुप चेहरों को प्रत्याशी बनाया। यानी जैसी योगी की छवि है, योगी ने उसी पर चलते हुए प्रत्याशी भी अपनी तरह के ही लोगों को बनाया।  22 साल की उम्र में संन्यास धारण करने वाले योगी के साथ देश ही नहीं, दुनिया भर के सनातनियों का खुला समर्थन था। विपक्ष में रहने वाले राष्ट्रवादियों ने दूसरे राज्य के निवासी और दूसरी पार्टी में रहने के बावजूद चुनाव के परिणाम आते तक बस यही कहा -‘बाकी जगह कोई भी आए, बस यूपी में योगी आने ही चाहिए।’

दरअसल ये विश्वास है योगी की कार्यशैली पर…उनके स्टाइल पर…उनकी स्पष्टवादिता पर…उनकी नियत पर…उनके विजन पर…उनकी छवि पर…उनके एक्शन पर। मठ के महाराज और बाबा समय के साथ बुलडोजर बाबा कहलाने लगे। चुनाव प्रचार और योगी के सम्मेलनों में अनेक जगह समर्थकों ने बुलडोजर खड़ा कर दिया। यूपी के महराजगंज में तो सीएम योगी की जनसभा में बुलडोजर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया था। गेरुआ रंग के बुलडोजर पर भीड़ की निगाहें टिक गईं। वैसे भी योगी सदा भगवा रंग के वस्त्र में ही दिखे हैं, ऐसे में जब योगी मंच पर पहुंचे, तो उन्होंने भी बुलडोजर का जिक्र छेड़ दिया था। इस जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा था-‘बुलडोजर हाइवे भी बनाता है, बाढ़ रोकने का काम भी करता है…साथ ही माफियाओं से अवैध कब्जे को भी मुक्त कराता है।  आंकड़े बताते हैं कि बीते छह सालों में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, विजय मिश्रा, कुंटू सिह जैसे तमाम माफियाओं की लगभग दो हजार करोड़ की अवैध संपत्ति पर कब्जे हटा दिए गए, बिल्डिंग गिरा दी गई, यानी बुलडोजर चला। योगी की इसी स्पष्टवादिता के कायल हैं उनके समर्थक। पीएम मोदी ने योगी को उपयोगी का तमगा दिया था। तब से अब तक ये सवाल लगातार यक्षप्रश्न के रुप में था कि क्या ‘योगी आयेंगे?’

इस प्रश्न को जवाब मिला, 10 मार्च को। जब देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया के रुप में फिर से योगी आदित्यनाथ के हाथ में राज्य की जनता ने विश्वास की चाभी सौंपी है। क्या यूपी में परंपरा के अनुरुप दूसरी पार्टी की सरकार आयेगी? क्या लड़की हूं, लड़ सकती हूं, का कांग्रेस का नारा भाजपा को नुकसान पहुंचाएगा या कांग्रेस को फायदा देगा? क्या लखीमपुर खीरी की घटना के कारण भाजपा के प्रति लोगों की नाराजगी दिखेगी? क्या अखिलेश को सत्ता मिलेगी? इन सारे सवालों का जवाब जनता ने दे दिया है। और कह दिया है कि विश्वास तो बाबा यानी योगी आदित्यनाथ पर ही है और इसी विश्वास से अब यूपी को राष्ट्रीय स्तर पर एक नया राष्ट्रवादी विकल्प तैयार मिलना पुष्ट हो गया है। अब जनता नाम बदलने, बुलडोजर चलने, एक्शन होने के इंतजार में फिर से रहेगी…फिर से यूपी में पांच साल हम सभी योगी मॉडल को देखेंगे…और इस जीत के मायने 2024 की लोकसभा में आते भी देख पाएंगे। फिलहाल लखनऊ, दिल्ली ही नहीं पूरे देश के भाजपा मुख्यालय में ‘ढोल ताशे, रंग गुलाल’ के साथ उत्साह चरम पर है।

साल 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजे जब आए तो बीजेपी ने 300 प्लस सीटों के साथ जीत हासिल की थी। हालांकि शुरुआत में मनोज सिन्हा का सामने सीएम की रेस में आया था लेकिन बीजेपी ने अप्रत्याशित फैसला लेते हुए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद सौंप दिया। उस वक्त योगी आदित्यनाथ की छवि हिदुत्व के ‘पोस्टर बॉय’, भगवा वस्त्र पहनने वाले और तेज-तर्रार नेता के तौर पर थी, उनका ये स्टाइल आज भी कायम है। योगी आदित्यनाथ के आलोचक मानते हैं कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य को संभालने के दौरान उनकी फायर ब्रांड छवि में थोड़ा संतुलन भले आया हो लेकिन उनमें बहुत ज्यादा बदलाव आया हो, ऐसा नहीं है । तारीख थी पांच जून 1972 और जगह थी उत्तराखंड का पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील का पंचुर गांव। आनंद सिह बिष्ट के घर एक लड़के का जन्म हुआ। नाम रखा गया अजय सिह बिष्ट। माता-पिता के सात बच्चों में सबसे तेज-तर्रार. जानकारों का कहना है कि ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए योगी आदित्यनाथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी से जुड़ गए और 1992 में उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बीएससी की।

राम मंदिर आंदोलन के दौर में उनका रुझान आंदोलन की ओर हुआ और इसी बीच वह गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने के लिए साल 1993 में गोरखपुर आए। गोरखपुर में वह महंत और राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण आंदोलन के अगुवा महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए और 1994 में योगी पूर्ण रूप से संन्यासी हो गए। योगी को महंत अवैद्यनाथ ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और दीक्षा लेने के बाद अजय सिह बिष्ट योगी आदित्यनाथ हो गए। 12 सितंबर 2014 को महंत अवैद्यनाथ के ब्रह्मलीन होने के बाद योगी गोरक्षपीठ के महंत घोषित किए गए। उस वक्त वह बीजेपी से टकराव के भी गुरेज नहीं रखते थे और उन्होंने हिदू युवा वाहिनी नामक स्वयंसेवकों के अपने एक संगठन की स्थापना भी की थी।

योगी का राजनीतिक सफर उपलब्धियों से भरा है। राजनीति में योगी गोरक्षपीठ की तीसरी पीढ़ी हैं। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ भी गोरखपुर से विधायक और सांसद रहे। इसके बाद महंत अवैद्यनाथ ने भी विधानसभा और लोकसभा दोनों में प्रतिनिधित्व किया । योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ की विरासत को आगे बढ़ाते हुए 1998 में महज 2छह वर्ष की उम्र में पहली बार गोरखपुर से बीजेपी के सांसद बने और लगातार पांच बार उनकी जीत का सिलसिला बना रहा। योगी आदित्यनाथ ने इस बार भी करीब ढाई दशक के अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार गोरखपुर से ही विधानसभा का चुनाव लड़ा । मार्च 2017 में लखनऊ में बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी को विधायक दल का नेता चुना गया था। इसके बाद योगी ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और विधान परिषद के सदस्य बने और 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली । राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इससे योगी आदित्यनाथ का कद और बढ़ा है।

Raj Dharm UP

सनसनी: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के गनर की गोली मारकर हत्या, इलाके में हड़कंप, पुलिस फोर्स मौके पर

ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी में बेखौफ बदमाशों का कहर थम नहीं रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की गुत्थी सुलझ भी नहीं पाई थी कि असलहों से लैस बदमाशों ने जौनपुर जिले के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के निजी गनर अनीस खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना सिकरारा क्षेत्र […]

Read More
Raj Dharm UP

सुविधा शुल्क के आगे आईजी जेल के आदेश का कोई मायने नहीं

कैदी स्थानांतरण में भी अफसरों ने की जमकर वसूली! बागपत जेल में कैदियों के स्थानांतरण से हुआ बड़ा खुलासा राकेश यादव लखनऊ । डीजी पुलिस/आईजी जेल का आदेश जेल अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखता है। यही वजह है कि कमाई की खातिर जेल अफसर मुखिया के आदेश को दरकिनार कैदियों को स्थानांतरित करने […]

Read More
National Raj Dharm UP

यूपी के 16 हजार मदरसों से संकट टला

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा शिक्षा अधिनियम पर HC के फैसले पर लगाई रोक लखनऊ। देश की सर्वोच्च अदालत ने ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘असंवैधानिक’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया गया था। […]

Read More