UP Assembly : 22 को पेश होगा बजट, दिखेगी 2024_चुनावों की झलक, होगी “संकल्प पत्र” को जमीन पर उतारने की कवायद

लखनऊ। योगी सरकार विधानसभा में बुधवार को 2023_24 का बजट पेश करेगी। बजट में जहां एक तरफ 2024 में होने वाले आम चुनावों की तैयारियों की झलक होगी। वहीं, संकल्प पत्र में किए कई वादों को जमीन पर उतारने के लिए कवायद भी इस बजट के जरिए योगी सरकार शुरू करेगी। बजट का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर होगा, जिससे अगले पांच सालों में प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके।

उत्तर प्रदेश विधानसभा ने बजट सत्र के दूसरे दिन आज पूर्व राज्यपाल समेत दिवंगत सभी सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। समूचे सदन ने दिवंगत सभी सदस्यों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की और विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया की, सदन के सभी सदस्य की संवेदनाएं दिवंगत सदस्यों के परिजनों तक पहुंचा दी जाए। सभी सदस्यों ने अपने-अपने स्थान पर खडे़ होकर दो मिनट का मौन भी रखा। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बुधवार को योगी सरकार 2023_24 का अपना बजट पेश करेगी। आज विधानसभा में राज्यपाल व पूर्व स्पीकर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता केशरीनाथ त्रिपाठी, MLC B.L. दोहरे, छानबे सीट से विधायक राहुल कोल सहित 15 दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई।

सदन की कार्यवाही के दौरान जिन अन्य नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई। उनमें अमरनाथ यादव, त्रिलोकी राम, मथुरा प्रसाद तिवारी, विजय बहादुर पाल, जसवीर सिंह, संजीव राजा, राम स्वरूप सिंह सहित अन्य सदस्य शामिल रहे। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अपना दल एसo केo आशीष पटेल, राष्टीय लोकदल के राजपाल सिंह बालियान, संजय निषाद, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के जगदीश नारायण, कांग्रेस की आराधना मिश्रा और बसपा के उमाशंकर सिंह समेत सभी दलीय नेताओं ने अपनी संवेदनाएं प्रकट की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के तीन बार अध्यक्ष तथा पश्चिम बंगाल सहित मिजोरम, मेघालय, बिहार के राज्यपाल रहे स्वर्गीय केशरीनाथ त्रिपाठी को श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके निधन से राजनीति, साहित्य, विधा की अपूर्णीय क्षति हुई है। राजनीति के साथ-साथ उन्होंने साहित्य विधा में उल्लेखनीय योगदान किया। जिसके चलते उन्होने हिन्दी संस्थान का कार्यकारी अध्यक्ष का भी दायित्व संभाला। नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष और दलीय नेताओं के बाद विधानसभाध्यक्ष सतीश महाना ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि केशरी नाथ त्रिपाठी का राजनीति के साथ-साथ साहित्य में खासा दखल था। विधायिका के प्रति उन्होने समर्पित भाव से काम किया था।

उन्होने साहित्य के जरिए अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर देश को पहचान दिलाई। उन्होने कहा कि विधानसभाध्यक्ष के आसन पर रहते हुए उनके प्रति संवेदना व्यक्त करना उनके लिए कठिन साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि केशरी नाथ त्रिपाठी के साथ उन्हे कार्य करने का अवसर मिला है।विधानसभाध्यक्ष के रूप में सदन के सदस्यों के प्रति अपनापन, स्नेह और समर्पण का भाव था। वे विराट व्यक्तित्व के धनी थे उन्हे चुनाव याचिकाओं का र्ममज्ञ माना जाता था। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन की कार्यवाही के दौरान मोबाइल बजने की घटना का संज्ञान लेते हुए कहा कि सदन में इस तरह का आचरण शोभनीय नहीं है। इस पर संयत बरतना चाहिए। उनहोंने कहा कि यह घटना निंदनीय है।

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