गुजरात में प्रचंड जीत के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं CR पाटिल

हिमाचल में हार का मलाल लेकर विदा हो सकते हैं जगत प्रकाश नड्डा

12 बार पाटिल तो 13 बार सीएम पटेल ने लिया ब्रांड मोदी का नाम

इस बार नेपथ्य में दिखा अमित शाह का नाम, रिकार्ड जीत का ईनाम नहीं मिला


गुजरात से लौटकर चंद्रप्रकाश मिश्र


औद्योगिक नगरी सूरत के सबसे पॉश इलाक़े बेसू में कुछ लोग चुनाव प्रचार में निकले थे। हाथ में झाड़ू और सिर पर आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए यह जत्था जैसे-जैसे रोड पर बढ़ रहा था, घरों से मोदी-मोदी की आवाज़ आने लगी थी। उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि यहाँ ‘आप’ की दाल गलने वाली नहीं है, इसलिए वह जत्था बिना किसी से मिले निकल गया। ‘संवादददाता’ वहीं खड़ा सोचता रहा कि आख़िर क्या हो रहा है यहाँ? तभी कांग्रेसियों की एक टोली चुनाव प्रचार के लिए दूसरी गली से बाहर निकली। ‘मोदी-मोदी’ की आवाज़ एक बार फिर फ़िज़ाओं में गूंजने लगा और ढोल-नगाड़ों के साथ निकला कांग्रेसी दल भी आगे निकल गया।

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इन दो घटनाओं ने 25 नवम्बर को ही पानी की तरह साफ़ कर दिया था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में वापस आएगी। आठ दिसम्बर को आठ बजे शुरू हुई मतगणना को घंटा भर ही नहीं हुआ था कि BJP 150 सीटों के आँकड़े को पार कर गई थी और आँकड़ा धीरे-धीरे 154 तक पहुँच गया।

हालाँकि एक्ज़िट पोल में कई सर्वे कम्पनियों ने बीजेपी को 151 तक पहुँचा दिया था, लेकिन इसके पार भी बीजेपी जाएगी, यह ‘नया लुक’ ने एक्ज़िट पोल के आँकड़े के पहले ही शाम को पाँच बजे ही लिख दिया था। हालाँकि इस बार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी कुछ नए रिकॉर्ड स्थापित करने जा रही हैं। गुजरात में जीत इसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के अलावा एक मात्र ऐसी पार्टी बना देगी जिसने लगातार सात विधानसभा चुनाव जीते हैं। साल 1977 से 2011 तक 34 वर्षों तक पश्चिम बंगाल पर शासन करने वाली माकपा ने भी लगातार सात चुनाव जीते थे।

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दूसरी ओर, 1985 के बाद से हिमाचल प्रदेश में किसी भी पार्टी ने बैक-टू-बैक चुनाव नहीं जीता है। जीत के बाद युवा नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि यह जीत केवल और केवल ब्रांड मोदी की जीत है। हालाँकि कुछ देर बार वह पलटे और इसका श्रेय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और मोदी के विकास कार्यों को देना शुरू कर दिया था। कुल मिलाकर यह जीत केवल ब्रांड मोदी की जीत है। कांग्रेस के प्रवक्ता चरण सिंह सापरा कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ने यहाँ भी वोटकटवा का रोल न निभाया होता तो हम इतनी बुरी हार न हारते।

हालाँकि यह केवल उनकी सफ़ाई है, कांग्रेस नेता विपक्ष का पद भी नहीं प्राप्त कर सकी, इससे बड़ी हार और पार्टी की हो नहीं सकती। बात गुजरात के जीत की करें तो प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के नेतृत्व की यह जीत है। उन्होंने सरकार को बिना डिस्टर्ब किए ऐसी टीम तैयार किया कि वो जीत की राह पर सरपट दौड़ पड़ी। उनकी इस प्रचंड जीत का परिणाम भी उन्हें मिलने की प्रबल संभावना दिख रही है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी के सबसे क़रीबियों में शुमार सीआर पाटिल गुजरात के नये वज़ीर-ए-आला हो सकते हैं।

यदि उन्हें यह ज़िम्मेदारी नहीं दी गई तो उन्हें देश का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पार्टी दफ़्तर पर 1.25 बजे शुरू हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस को सम्बोधित करते हुए 12 बार प्रधानमंत्री का नाम लिया। उन्होंने बाद में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित भाई शाह का नाम लिया। 10 मिनट के अपने सम्बोधन में पाटिल ने केवल एक बार बग़ल में बैठे सीएम भूपेंद्र भाई पटेल का नाम लिया और केवल दो बार गृहमंत्री का नाम लिया। हालाँकि उनके बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पटेल ने भी 13 बार नाम लिया और उन्हें पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल  के बाद स्थापित किया। उन्होंने कहा कि भाजपा अन्य पार्टियों की तरह केवल चुनावी वायदे नहीं करती। भूपेंद्र पटेल ने भी केवल एक बार गृहमंत्री अमित शाह का नाम लिया। प्रदेश अध्यक्ष के बाद बोलते हुए सीएम ने भी अमित शाह का नाम महज़ औपचारिकतावश लिया, ऐसा देखने को मिला।

अहमदाबाद के नीरव चौहान कहते हैं कि भाजपा की जीत पहले से ही निश्चित थी। हम गुजराती लोग दुनिया के सबसे बड़े नेता को छोड़कर किसी और को वोट कैसे कर सकते हैं। गुजरात अस्मिता से मोदी को जोड़ते हुए वह कहते हैं कि मोदी के चलते गुजरात का नाम पूरी दुनिया में शान से लिया जाता है, यहाँ के लोग उन्हें हराने की कभी गलती नहीं कर सकते। वहीं मुरारी बापू के करीबी शिष्य और प्रवचनकर्ता अश्विनी बुच कहते हैं कि जब तक मोदी हैं, तब तक हिंदुत्व का सबसे बड़ा ब्रांड अम्बेसडर हैं। महाकाल की पूजा हो या केदारनाथ की पूजा। अयोध्या में रामलला और हनुमान जी का दर्शन हो या किसी भी धाम की यात्रा हो, कोई नेता उस तरह पूजा करता रहा हो या करता हो तो एक उदाहरण बताइयेगा।

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उनकी बात में 16 आने सच्चाई भी है। मोदी उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम सभी क्षेत्रों के सर्वमान्य नेता बनकर उभरे हैं। बताते चलें कि BJP शासित इस राज्य के 33 जिलों की 182 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में एक दिसंबर और पांच दिसंबर को हुआ था। गुजरात में पारंपरिक प्रतिद्वंदी भाजपा और कांग्रेस के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) की मौजूदगी के कारण इस बार चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा था।

दिग्गजों ने बताया ब्रांड मोदी ही जीत के सरदार

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात ने ‘रेवड़ी’, तुष्टीकरण और खोखले वादों की राजनीति को खारिज कर भाजपा को अभूतपू्र्व जनादेश दिया है। वहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा की ऐतिहासिक जीत विकास, सुशासन और जन कल्याण के लिए उसकी प्रतिबद्धता की जीत है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गुजरात में भाजपा की प्रचंड जीत गुजरात की जनता की भाजपा और पीएम मोदी के प्रति अटूट विश्वास और स्नेह की जीत है।

उन्होंने कहा कि गुजरात में भाजपा ने जो विकास की राजनीति की, जनता ने उस पर फिर एक बार मोहर लगाई है। इस विश्वास के लिए गुजरात की जनता का कोटि कोटि धन्यवाद। प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भुपेंद्रभाई पटेल, प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल समेत पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई।

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर बधाई दी- ‘गुजरात विधान सभा चुनाव में @BJP4India की विराट विजय आदरणीय PM श्री @narendramodi जी के विकास, सुरक्षा एवं सुशासन के प्रति जनता-जनार्दन के अपार स्नेह की अभिव्यक्ति है। इस प्रचण्ड विजय के लिए प्रधानमंत्री जी तथा @BJP4Gujarat के सभी कार्यकर्ताओं व जनता-जनार्दन को हार्दिक बधाई।’

कौन हैं सीआर पाटिल

महाराष्ट्र के जलगाँव में जन्में चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल नवसारी से तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के क़रीबियों में शुमार पाटिल को जीतू भाई वाघाड़ी की जगह साल 2020 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने नवसारी लोकसभा सीट से सबसे बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। पाटिल ने कांग्रेस प्रत्याशी को 6.89 लाख वोटों से मात देकर यह जीत हासिल की थी। वह पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी की ज़िम्मेदारी भी बतौर प्रभारी सँभाल चुके हैं। 65 वर्षीय पाटिल एक प्रभावकारी सांसद के रूप में माने जाते हैं। अपने संसदीय क्षेत्र में विकास के कार्यों को प्रमोट करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने में माहिर है। पाटिल ऐसे इकलौते सांसद हैं, जिनका ऑफिस 2015 में ही ISO : 2009 से प्रमाणित है। यह प्रमाणपत्र उन्हें सरकारी सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन और निगरानी के लिए दिया गया।

 

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