- तीन दिनों में कुल 34 सत्र होंगे आयोजित, पीएम, सीएम और गृहमंत्री समेत देश की काबीना रहेंगी लखनऊ में मौजूद
- 10 हज़ार छोटे-बड़े निवेशक बनेंगे महाकुम्भ का हिस्सा, 7.12 लाख विदेशी निवेश भी आ रहा उत्तर प्रदेश
आशीष दूबे/ कुलदीप मिश्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए शुक्रवार यानी 10 फरवरी से तीन दिन तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit-GIS) का आयोजन होगा। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय समिट का शुभारंभ करेंगे, वहीं समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू करेंगी। GIS-2023 प्रदेश के युवाओं के लिए बड़ा अवसर लेकर आई है। इस समिट में रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अंबानी, टाटा संस के के. चंद्रशेखरन, बिड़ला समूह के कुमार मंगलम, महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा जैसी हस्तियां नजर आएंगी। UPGIS में 40 देशों से 400 से अधिक डेलीगेट्स अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इस बार विदेशों से भी 7.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा। देश के विभिन्न हिस्सों से 10 हजार छोटे-बड़े निवेशक महाकुंभ का हिस्सा बनेंगे।
UPGIS में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बढ़ते और बदलते उत्तर प्रदेश के बारे में विचार रखेंगे। बताते चलें कि तीन दिनों में कुल 34 सत्र होंगे। पहले दिन 10, दूसरे दिन 13 और आखिरी दिन 11 सत्र आयोजित किए जाएंगे। अधिकांश सत्रों में केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे और यूपी तथा देश के विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे। जानकारी के मुताबिक़ इस बार निवेश के जो प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उनमें उत्पादन सेक्टर में सर्वाधिक 56 प्रतिशत निवेश के आसार बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 15 प्रतिशत निवेशकों ने रुचि दिखाई है। आधारभूत संरचना के क्षेत्र में आठ फीसदी, टेक्साइटल में सात परसेंट, पर्यटन में पांच प्रतिशत, शिक्षा में तीन फीसदी, आइटी व इलेक्ट्रानिक्स में दो परसेंट तथा वेयरहाउस, लाजिस्टिक्स, हेल्थकेयर व फार्मा के क्षेत्र में एक-एक प्रतिशत निवेश होने की संभावना है। सबसे अधिक एक्सप्रेस वे और एयर कनेक्टिविटी वाले प्रदेश में इस समिट से दो करोड़ युवाओं को रोजगार के मौके मिल सकते हैं। बताते चलें कि समिट न केवल असंतुलित विकास को दूर करने में सहायक होगी बल्कि विकास के नए आयाम कायम करने में मददगार होगी।
रोजगार के खुलेंगे अनेकों द्वार
आँकड़ों के मुताबिक़ मौजूदा निवेश से सूबे में दो करोड़ से अधिक रोजगार सृजित होंगे। 50 करोड़ तक निवेश करने वाली छोटी इकाइयों से 1.37 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन का अनुमान लगाया गया है। GIS-2023 में स्टार्टअप के लिए सौ करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की जा सकती है। अब तक सरकार ने स्टार्टअप के लिए सिडबी के सहयोग से 20 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराया है। बड़े स्टार्टअप को इसके जरिए तीन से पांच करोड़ रुपये की वित्तीय मदद मिल सकेगी। यह समिट युवाओं को स्टार्टअप के लिए अपनी तकनीक और उत्पाद को वैश्विक मंच पर रखने का बड़ा अवसर होगी।
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यहां यूपी के सफल स्टार्टअप अपनी सफलता की कहानी बताएंगे तो युवा स्टार्टअप्स को अपनी तकनीक और उत्पाद को देश-विदेश के निवेशकों के सामने रखने का अवसर मिलेगा। वहीं 50-200 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियां 20.07 लाख रोजगार देंगी। 200-500 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियों से 4.27 लाख से अधिक रोजगार सृजन की संभावना आंकी गई है। वहीं 500-3000 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियां 18.56 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देंगी। 3000 करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्ताव देने वाली मेगा कंपनियों ने 15.48 लाख रोजगार देने की सहमति अपने निवेश प्रस्तावों में दी है।
पश्चिमांचल में सबसे ज़्यादा निवेश
केंद्रीय राजधानी दिल्ली से सटे और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में शामिल सूबे का पश्चिमांचल इस बार निवेश खींचने में सबसे अधिक सफल रहा है। समिट में आए कुल निवेश प्रस्तावों यानी MOU का 45 प्रतिशत हिस्सा इसी क्षेत्र में जाता दिख रहा है। इसके बाद पूर्वांचल भी निवेशकों को लुभा रहा है। इस क्षेत्र को भी औद्योगिक नीति के तहत कई तरह की रियायतें मिली हैं। अब तक हासिल निवेश प्रस्तावों का 29 प्रतिशत हिस्सा पूर्वांचल को मिलता दिख रहा है। हालाँकि मध्यांचल और बुंदेलखंड को 13-13 प्रतिशत निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।
(आँकड़े सूचना विभाग की विज्ञप्ति से लिए गए हैं।)