होली के दिन करें राशि के अनुसार रंगों का चयन

डॉ उमाशंकर मिश्रा

लखनऊ। इस बार होली पर यदि आप अपनी राशि के अनुसार रंगों का इस्तेमाल करेंगे तो आपकी कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम हो सकता है। साथ ही, आपकी किस्मत भी पलट सकती है। तो आइए जानते हैं इस साल किस राशि के जातकों को किस रंग का इस्तेमाल करना चाहिए।

मेष  :   चक्र की पहली राशि है। इस राशि के स्वामी मंगल हैं। मेष राशि के जातकों का शुभ रंग लाल है। लाल रंग प्रेम और ऊर्जा का प्रतीक होता है। यह रंग मेष राशि के लोगों के लिए शुभ साबित होगा। ऐसे में, इस रंग से होली खेलना आपके लिए अच्छा रहेगा।

वृषभ  : इस राशि के स्वामी शुक्र हैं इसलिए इस राशि के लिए शुभ रंग सफेद होगा। इसके अलावा हल्का नीला रंग भी आपके लिए अच्छा साबित होगा। सफेद रंग इस राशि के लोगों को सुख व शांति प्रदान करेगा।

मिथुन  : इस राशि के स्वामी बुध हैं इसलिए इस राशि के लोगों के लिए हरा रंग बहुत ही भाग्यशाली साबित होगा। यह रंग आपके ऊपर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। मिथुन राशि वालों के लिए यह रंग शुभ फलदायक

कर्क  : चंद्रमा मन और मन की भावनाओं को नियंत्रित करने का काम करता है इसलिए इस राशि का शुभ रंग सफेद है। होली पर इस रंग से होली खेलना आपके लिए बहुत अधिक लाभदायक रहेगा।

ये भी पढ़ें

प्रदोष व्रत आज है, जानिए शुभ तिथि व पूजा विधि और करें ये काम

सिंह  :  इस राशि के स्वामी सूर्य हैं। यह ग्रह सफलता का प्रतीक माना जाता है। इस राशि के लोगों के लिए शुभ रंग गहरा लाल, संतरी, पीला और सुनहरा है। ऐसे में, होली के दिन आप इन रंगों का इस्तेमाल करें ये आपको मानसिक सुख प्रदान करेगा।

कन्या  :   कन्या राशि का शुभ रंग गहरा हरा है। हरा रंग सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, नीला रंग भी इन लोगों के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसे में, आप हरा व नीला रंग दोनों से ही होली खेल सकते हैं।

तुला  :   इस राशि के स्वामी शुक्र हैं इसलिए इस राशि के लोगों के लिए शुभ रंग सफेद और हल्का पीला होता है। ऐसे में, तुला राशि के जातकों को पीले रंग से होली खेलना चाहिए।

वृश्चिक  :  इस राशि के स्वामी मंगल हैं इसलिए इस राशि के लोगों के लिए लाल और मैरून रंग बहुत शुभ माना गया है। वृश्चिक राशि के लिए इस शुभ रंग का प्रयोग काफी फायदेमंद साबित होता है। इस रंग के प्रयोग से हर कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने में मदद मिलती है।

ये भी पढ़ें

गोविंदा द्वादशी आज है, जानिए शुभ तिथि व पूजा विधि और उत्सव…

धनु  :  इस राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। बृहस्पति का शुभ रंग पीला होता है। यदि संभव हो तो इस राशि के लोगों को होली खेलते समय पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। इससे धनु राशि के लोगों को लाभ होगा और उनके मन में सुख और शांति का एहसास होगा।

मकर  :  इस राशि के स्वामी शनि हैं। शनि के स्वामी होने के कारण इस राशि का शुभ रंग काला या गहरा नीला होता है। मैरून रंग भी मकर राशि के लोगों के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसे में, इसके इस्तेमाल से आप हर नकारात्मक ऊर्जा से दूर रह सकते हैं।

कुंभ  :  इस राशि के स्वामी शनि हैं इसलिए इस राशि का शुभ रंग भी काला या गहरा नीला माना जाता है। इन रंगों का प्रयोग करना कुंभ राशि के लोगों के लिए लाभदायक होगा।

मीन :  इस राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। बृहस्पति का शुभ रंग पीला है इसलिए मीन राशि के लोगों के लिए पीला रंग बहुत लाभकारी होता है। यह रंग आपके जीवन में शुभता लेकर आया आएगा और आपको हर प्रकार की समस्या से दूर रखेगा।

Religion

क्या आप जानते हैं नवांश कुण्डली का महत्व और प्रभाव, यदि नहीं तो यह लेख जरूर पढ़ें…

देव नवांश, नर नवांश और राक्षस नवांश के नाम से जाने जाते हैं नवमांश यदि ग्रह अच्छी स्थिति या उच्च के हों तो वर्गोत्तम की स्थिति होती है उत्पन्न -राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद वैदिक ज्योतिष में नवमांश कुण्डली को कुण्डली का पूरक माना गया है। यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कुण्डली मानी जाती है क्योंकि […]

Read More
Religion

चल रहा है बहुत ही पुण्य मास, करें केवल दो छोटे उपाय और पायें सुख, शांति और स्थिर लक्ष्मी

पापरूपी ईंधन को अग्नि की भाँति जलाने वाला, अतिशय पुण्य प्रदान करनेवाला तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यानी चारों पुरुषार्थों को देनेवाला है वैशाख मास, जानें इसका महात्म्य पं. उमाशंकर मिश्र ‘शास्त्री’ वैशाख मासः पद्म पुराण के अनुसार इस मास में भक्तिपूर्वक किये गये दान, जप, हवन, स्नान आदि शुभ कर्मों का पुण्य अक्षय […]

Read More
Religion

क्या है हनुमान् और बजरंगबली का वास्तविक अर्थ, जानें व्याकरण की भाषा में

कमलेश कमल व्याकरणिक दृष्टि से देखें, तो ‘हनुमत्’ से ‘हनुमान्’ शब्द की निर्मिति है। जैसे ‘धीमत्’ से ‘धीमान्'(बुद्धिमान्), ‘विद्वत्’ से ‘विद्वान्’; उसी तरह ‘हनुमत्’ से ‘हनुमान्’। अब इस ‘हनुमान्’ शब्द को देखें, तो ‘हनु’ और ‘मान्’ दो शब्द मिलते हैं। चूँकि कोई दो वर्ण नहीं मिल रहे हैं और न ही कोई विकार उत्पन्न हो […]

Read More