Sanskrit
विद्वानों के लिए खुशखबरीः संस्कृत भाषा को दूसरी बार ज्ञानपीठ
भारतीय साहित्य में सृजन के सर्वोच्च सम्मान प्रदान करने वालों की दृष्टि 1965 के बाद दूसरी बार संस्कृत भाषा पर पड़ी है। इस बार यह पुरस्कार संस्कृत और उर्दू को एक साथ दिए जाने की घोषणा की गई है। भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। […]
Read Moreपूर्व राज्यपाल राम नाईक की पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!! अब बांग्ला में भी,
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक की संस्मरणात्मक पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का शनिवार छह जनवरी को अब बांग्ला अनुवाद विमोचित होगा। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल व त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय की उपस्थिति में कोलकाता के भारतीय भाषा परिषद सभागार […]
Read Moreप्रबन्धक शिवाशीष घोष ने जताया आभार
विद्यांत में स्थापित होगा अध्ययन केंद्र राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराजने दी संस्तुति लखनऊ। विद्यांत हिन्दू पीजी कालेज और शशिभूषण बालिका डिग्री कालेज में उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयाग राज के अध्ययन केंद्र स्थापित करने की संस्तुति मिली है। यह जानकारी प्रबन्धक शिवाशीश घोष ने दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन […]
Read Moreगुरु गोविंद सिंह जयंती पर विशेष
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता नानकशाही कैलेंडर के अनुसार हर साल पौष महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जाती है। महान योद्धा, कवि और आध्यात्मिक गुरु गोबिंद सिंह सिखों के 10वें गुरु माने गए हैं। गुरु गोबिंद सिंह ने ही 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। […]
Read Moreअबाधित चला सम्मान समारोह, पुस्तक चर्चा, विमोचन और काव्यांजलि का दौर
बलरामपुर गार्डन में 19वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : छठा दिन पुरानी किताबों का खज़ाना है यहां लखनऊ। राष्ट्रीय पुस्तक मेला पुरातनता और नवीनता का अद्भुत संगम लिए हुए है। बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर पुस्तकालय थीम पर आधारित इस उन्नीसवें मेले में किताबों से सम्बंधित नयी टेक्नालॉजी […]
Read Moreबहुत याद आते हो मेरे बड़े भैया ” कृष्ण कुमार”
लखनऊ। आज ही की तारीख २२ सितंबर,१९४५ को मेरे बड़े भैया स्व. कृष्णकुमार मणि त्रिपाठी का जन्म बस्ती जनपद( वर्तमान संतकबीरनगर) के परसा शुक्ल (मेरे ननिहाल) में हुआ था । १७ साल की आयु मे उन्होंने नचिकेता खंड काव्य की रचना की,जिसकी भूमिका सुमित्रा पंत ने लिखी थी। निराला का आशीर्वाद मिला और विरोचन उपनाम […]
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