#poet surendra singhal
Analysis
अब किसी भी बात पर खुलती नहीं हैं खिड़कियां
कल रात दिल्ली में एक बार फिर मानवता शर्मशार हो गयी। शर्मनाक रहा कि सरे आम एक युवती को संभवतः मित्रता तोड़ने के कारण उसके कथित पुरुष मित्र ने पहले चाकुओं के 16 बार वार कर और फिर पत्थर से सिर कुचल कर मार डाला। इससे ज्यादा लज्जाजनक यह रहा कि सरे राह हुए इस […]
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