#Kind heart
Litreture
कविता : हे पाहि पाहि दातार हरे
हे भोलेनाथ कृपालु हरे, शिव शम्भू हे औढरदानी। दयालु हृदय हे करुणाकर, महादेव की अकथ कहानी॥ निमिषमात्र, नवनिधि दाता हैं, दयानिधि भोले हैं महा दानी। शशि शेखर जय त्रिशूलधर, जय प्रेमस्वरूप, गिराज्ञानी॥ महा अकिंचन जनमन रंजन शिव परम पूज्य, हे उदार हरे। गोतीत हरे, पार्वतीपति हर हर, हे शंकर शम्भो, दातार हरे ॥ आशुतोष अवढ़र […]
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